एकादशी के दिन ना करें ये काम, इन्हें करने से लग जाता है दोष, इस तरह से करें विष्णु को प्रसन्न
हिंदू धर्म में एकादशी का बेहद ही महत्व है और एकादशी के दिन विष्णु जी का व्रत जरूर रखा जाता है। मान्यता है कि जो लोग एकादशी के दिन विष्णु पूजन करते हैं और इनका व्रत रखते हैं, उन्हें पापों से मुक्ति मिल जाती है। हर महीने कुल 2 एकादशी आती हैं और इस दौरान लोगों द्वारा व्रत किया जाता है। एकादशी के व्रत से कई सारे नियम भी जुड़े हैं और इन नियमों का पालन हर किसी को करना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि जो लोग एकादशी के नियमों का पालन नहीं करते हैं, वो पाप के भाग्यदारी बन जाते हैं। तो आइए जानते हैं एकादशी के दिन किन बातों का पालन करना चाहिए।
पहला नियम – ना तोड़े तुलसी का पत्ता
तुलसी भगवान विष्णु जी को बेहद ही प्रिय है। यही वजह है कि विष्णु जी की पूजा करते समय तुलसी का पत्ता इन्हें जरूर अर्पित किया जाता है। लेकिन एकादशी के दिन तुलसी का पत्ता तोड़ना वर्जित माना गया है। जो लोग एकादशी के दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ते हैं उनको पाप लग जाता है। इसलिए आप एकादशी के दिन तुलसी का पत्ता ना तोड़े। वहीं विष्णु जी को भोग लगाने के लिए एकादशी से एक दिन पहले तुलसी के पत्ते को तोड़ कर रख लें।
दूसरा नियम- ना करें चावल का सेवन
एकादशी के दिन चावल खाने से बचें। मान्यता है कि इस दिन चावल का सेवन करने से इंसान को रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म मिलता है। साथ में ही इस दिन आप किसी को चावल का दान भी ना करें। चावल की जगह आप दाल, आटा और अन्य खाने की चीजें दान कर सकते हैं।
तीसरा नियम- दिन में सोने से बचें
दिन के समय सोने से बचें और विष्णु जी के मंत्रों का जाप करें। साथ में ही रात को बिस्तर की जगह जमीन पर सोएं। इस दिन जमीन पर सोना शुभ होता है।
ना बनाएं ये चीजें
एकादशी के दिन घर में प्याज, लहसुन और मास जैसी चीजों को ना बनाएं। इस दिन केवल सादा खाना ही खाएं। गोभी, गाजर, शलजम, पालक इत्यादि चीजों का सेवन करने से भी बचें।
ना करें अपमान
लोगों का अपमान ना करें। लोगों का अपमान करने से या बड़ों की बात टालने से लक्ष्मी मां नाराज हो जाती हैं और विष्णु भगवान की कृपा भी नहीं बनती है। इसलिए एकादशी के किसी का भी अपमान ना करें।
करें ये काम हो जाएंग विष्णु जी प्रसन्न
एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा करें और इनके मंत्रों का जाप करें। साथ में ही पीपल के पेड़ की पूजा भी करें। एकादशी के दिन आप नीचे बताए गए विष्णु मंत्रों को जरूर पढ़ें।
1. श्री विष्णु मूल मंत्र
ॐ नमोः नारायणाय॥
2. श्री विष्णु भगवते वासुदेवाय मंत्र
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥
3. श्री विष्णु गायत्री मंत्र
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
4. विष्णु शान्ताकारम् मंत्र
शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥
5. मंगल श्री विष्णु मंत्र
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
इन मंत्रों को माला पर जपें और मंत्र पढ़ते समय अपने सामने एक दीपक भी जला दें। इन मंत्रों का जाप कम से कम 101 बार जरूर करें।