पाक को मिला मुंह-तोड़ जवाब, ब्रिटिश संसद ने गिलगित-बाल्टिस्तान के मुद्दे पर पाकिस्तान की निंदा की!
पाकिस्तान को एक बार फिर वैश्विक पटल पर मुंह की खानी पड़ी है. ब्रिटेन की संसद से भी पाकिस्तान को एक बहुत बड़ा झटका लगा है. ब्रिटने की संसद ने गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना पांचवा प्रांत घोषित करने के पाकिस्तान सरकार की घोषणा की घोर निंदा की है. इस्लामाबाद के फैसले को लेकर ब्रिटिश सांसदों ने एक निंदा प्रस्ताव पास किया है, जिसमें कहा गया है कि गिलगित-बाल्टिस्तान कानूनी और संवैधानिक रूप से भारत के राज्य जम्मू-कश्मीर का अभिन्न हिस्सा है, जिस पर पाकिस्तान ने 1947 से गैरकानूनी तौर पर कब्जा कर रखा है.
ब्रिटिश संसंद में 23 मार्च को यह प्रस्ताव पेश किया गया था. इस प्रस्ताव को कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने पेश किया था, जिसमें कहा गया कि पाकिस्तान एक ऐसे भूभाग पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा है, जो उसका है ही नहीं.
पाकिस्तान को मिला मुंह-तोड़ जवाब:
आपको बता दें कि इस प्रस्ताव में कहा गया है कि गिलगित-बाल्टिस्तान कानूनी और संवैधानिक रूप से भारत के जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है, जिस पर पाकिस्तान ने 1947 से ही गैरकानूनी तरीके से कब्ज़ा जमा रखा है. इस इलाके के लोगों को न तो अभिव्यक्ति की आजादी है और न ही उन्हें कोई मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं.
चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए फायदेमंद है यह क्षेत्र:
इसके अलावा इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि पाकिस्तान स्टेट सब्जेक्ट अध्यादेश का उल्लंघन कर गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र के जनसंख्या वितरण में बदलाव की नीति अपना रहा है, जो इस विवादित क्षेत्र में तनाव भड़काने जैसा होगा. साथ ही इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि जबरन और गैरकानूनी तरीके से चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का निर्माण कर विवादित क्षेत्र में दखलअंदाजी कर रहे हैं.
चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर बनाने की कर रहा है तैयारी:
इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि बीजिंग इस्लामाबाद को आगे लाने के लिए और दोनों देशों के लोगों के फायदे के लिए सीपीईसी के निर्माण के लिए तैयार है.
आपको बता दें कि इस विवादित क्षेत्र में पाकिस्तान और चीन के सहयोग से बन रहे आर्थिक कॉरिडोर पर करीब 51.5 बिलियन डॉलर की राशि खर्च होने का अनुमान है. इस कॉरिडोर को बनाने के पीछे पाकिस्तान के काशगर को चीन के शीजियांग से सीधा जोड़ना है. इसके बाद इसको आगे ले जाकर ग्वादर और फिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान तक ले जाना है.
पाकिस्तान इसे पांचवां प्रांत घोषित करने की तैयारी में है:
गौरतलब है कि बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और सिंध पाकिस्तान के चार प्रांत हैं और अब वहां की सरकार इस विवादित हिस्से को अपना पांचवा प्रांत घोषित करने की तैयारी में है. अभी हाल ही में पाकिस्ता के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश सलाहकार सरताज अजीज ने इस क्षेत्र को पांचवां प्रांत बनाने की सिफारिश की थी.
यहां यह जानना भी जरूरी है कि भारत गिलगिट-बाल्टिस्तान को अपना अभिन्न अंग बताता है और भारत इस पर अपना दावा भी पेश करता है. बताया ये भी जा रहा है कि पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए यह क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सीपीईसी का करीब 46 बिलियन डॉलर इस क्षेत्र से होकर गुजरता है. इसले ब्रिटिश संसद में पारित यह प्रस्ताव भारतीय दृष्टिकोण से काफी अहम और सकारात्मक है.
***