लद्दाख में पटियाला का फौजी बेटा लांस नायक सलीम हुआ शहीद, आखरी बार फोन पर मां से किया था यह वादा
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद कम होने की जगह लगातार बढ़ता ही जा रहा है, दिन पर दिन स्थिति खराब होती हुई नजर आ रही है, ऐसे में बहुत से मामले सामने आ रहे हैं जो काफी चिंताजनक है, लगातार लद्दाख से बुरी खबरों के आने का सिलसिला जारी है, आपको बता दें कि लद्दाख से सेना के एक और जवान के शहीद होने की बुरी खबर आई है, पंजाब के पटियाला के रहने वाले लांस नायक सलीम खान लद्दाख में शहीद हो गए हैं, खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि लद्दाख में हाल ही में पटियाला का एक फौजी बेटा जान गँवा चुका है, यह सेना की तरफ से श्योंक नदी में ऑपरेशन के दौरान सहायता के लिए रस्सी डालकर जा रहे थे, जिस किश्ती में यह सवार होकर कार्य कर रहे थे वह अचानक ही किश्ती पलट गई, जिसमें 24 वर्षीय लांस नायक सलीम डूब गए।
जब श्योंक के नदी में राहत और बचाव कार्य जारी था तब लांस नायक सलीम के साथ हुई इस दुर्घटना की वजह से यह नदी में डूब गए थे, आपको बता दें कि सलीम पटियाला के गांव मर्दांहेड़ी के रहने वाले थे और वह सेना की 58 इंजीनियर रेजीमेंट के साथ लद्दाख में पोस्टेड थे, जैसे ही इनके परिवार वालों को इनकी शहादत की सूचना मिली तो इनके घर में शोक का माहौल बन गया, जब इनके पार्थिव शरीर को इनके गांव में लाया गया तो घर के साथ-साथ पुरे गांव का माहौल गमगीन हो गया था, जब सलीम खान की मां नसीमा बेगम ने अपने लाल के पार्थिव शरीर को देखा तो वह बेसुध हो गई और उनका रो-रोकर बुरा हाल है।
शहीद सलीम खान का जन्म 14 जनवरी 1996 को पटियाला के गांव मर्दांहेड़ी में हुआ था और इनके पिता का नाम मंगलदीन और उनकी माता का नाम नसीमा बेगम है, शहीद सलीम खान के पिता भी फौज में थे, एक हादसे के दौरान इनके पिता मंगलदीन घायल हो गए थे जिसके पश्चात यह रिटायर हुए, लगभग 18 वर्ष पहले इनका निधन हो गया था, इनके परिवार में इनकी एक बहन है जिनका नाम सुल्ताना है और इनका एक बड़ा भाई भी है जिनका नाम नियामत अली है, शहीद सलीम खान फरवरी 2014 में भारतीय फौज में भर्ती हुए थे।
खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि शहीद सलीम खान की मां को अपने बेटे का बहुत बड़ा सदमा लगा है, यह बार-बार यही कह रही है कि मेरे सिम्मा को ला दो, मेरे सिम्मा को ला दो, यह अपने बेटे को याद करते-करते बेहोश भी हो रही है, रोते-बिलखते यह बार-बार अपने लाल को ही बुला रही है, शहीद की मां ने यह बताया कि आखिरी बार मेरी सलीम से फोन पर बातचीत हुई थी, मेरे बेटे ने घर-परिवार के हाल-चाल पूछे थे और मुझसे यह वादा भी किया था कि भारत-चीन की सीमा पर जैसे ही हालात ठीक होते हैं मैं छुट्टी पर घर पर जरूर आऊंगा, शहीद की मां ने अपनी लड़खड़ाती हुई जबान से आगे यह बताया कि जब मेरा बच्चा 3 महीने पहले छुट्टी पर घर लौट कर आया था तब मेरे लाल ने मुझसे कहा था कि “मां अब तुझको जिंदगी की हर खुशी दूंगा, तुझे कभी भी पिता की कमी महसूस नहीं होगी”।
Saddened to hear about the demise of Lance Naik Saleem Khan in Ladakh. He belonged to Mardaheri village in Patiala district. My sincere condolences to his family. The nation salutes the brave soldier. Jai Hind! ?? pic.twitter.com/BPOQjXmKLA
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) June 27, 2020
बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शहीद सलीम खान के परिवार की हर संभव मदद करने का ऐलान किया है, शहीद के परिवार को एक्सग्रेशिया अनुदान के तौर पर ₹50 लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।