शरद पवार ने राहुल गांधी को दिखाया आइना, कहा- ‘1962 नहीं भूल सकते, चीन ने हड़पी थी जमीन’
भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर राहुल गांधी की राजनीति, उन्हें बेहद निम्न स्तर पर ला चुकी है
भारत-चीन सीमा विवाद दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है, ऐसे में राजनीतिक गलियारों में भी बयानबाजी आजकल काफी तेज है। पिछले दिनों लद्दाख के पूर्वी सीमा पर चीन ने भारत के खिलाफ साजिशन हमला कर 20 भारतीय जवानों की जान ले ली थी। इस घटना के बाद पूरा देश स्तब्ध रह गया और तब से राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई। भारत-चीन सीमा विवाद पर विपक्ष इस समय केंद्र की भाजपा सरकार पर हमलावर है। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इसी बीच महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले एनसीपी प्रमुख शरद पवार का एक बड़ा बयान सामने आया है। आइये जानते हैं, आखिर उन्होंने क्या कहा…
1962 की घटना हम भूला नहीं सकते- शरद पवार
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि इस समय हो रहे राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर राजनीति गलत है। राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मसले पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। इसी के आगे उन्होंने कहा कि साल 1962 में किस तरह से चीन ने हमारी पीठ पर छुरा घोंपा था, वह भुलाने लायक नहीं है। चीन ने 45 हजार वर्ग किमी भारतीय जमीन को अपने हाथ में ले लिया था। शरद पवार ने कहा कि वर्तमान में चीन ने हमारी किसी भूमि पर कब्जा किया है या नहीं इस बात की जानकारी मुझे नहीं है, मगर इस पर चर्चा करते समय हमें 1962 को हमेशा याद रखना चाहिए।
We can’t forget what happened in 1962 when China occupied 45,000 sq km of our territory. At present,I don’t know if they occupied any land,but while discussing this we need to remember past. National security matters shouldn’t be politicised: Sharad Pawar on Rahul Gandhi’s remark pic.twitter.com/bzZmRZtwVU
— ANI (@ANI) June 27, 2020
गलवान की घटना पर शरद पवार का बड़ा बयान
पवार का ये नया बयान राहुल गांधी पर सीधा निशाना है। दरअसल, राहुल गांधी ने कुछ दिनों पहले पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन की आक्रामकता के सामने सरेंडर कर दिया है और भारतीय क्षेत्र, चीन को सौंप दिया।’ शरद पवार ने कहा कि पिछले दिनों लद्दाख में हुए गलवान घाटी की घटना को रक्षा मंत्री या प्रधानमंत्री की नाकामी नहीं कही जा सकती। अगर ऐसा कोई कहता है, तो ये जल्दबाजी होगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों का गश्ती दल चौकन्ना था। मीडिया से किए गए बातचीत में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह पूरा प्रकरण अति संवेदनशील है। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि गलवान घाटी में चीन ने हम पर साजिशन हमला किया है और उकसावे वाली प्रवृत्ति अपनाई है।
देश के रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं शरद पवार
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शरद पवार देश के रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। वे कहते हैं कि भारत अपने क्षेत्र के भीतर गलवान घाटी में संचार के उद्देश्य से एक सड़क बना रहा था, मगर चीन इस बात से नाराज था। पवार ने कहा, चीनी सैनिकों ने हमारी सड़क पर अतिक्रमण करने की कोशिश की है, इसलिए गलवान घाटी में हुए घटना को किसी की नाकामी बताया जाना जल्दबाजी है।
इसी के आगे शरद पवार ने कहा कि अगर गश्त के दौरान कोई आपके क्षेत्र में आ जाता है, तो वे दूसरे किसी भी समय आ सकते हैं। हम यह कतई नहीं कह सकते कि यह दिल्ली में बैठे रक्षा मंत्री या प्रधानमंत्री की नाकामी है। पवार ने कहा कि सीमा पर गश्ती के समय दोनों ओर के सैनिकों के बीच झड़प हुई है। अगर हमारे सैनिक वहां नहीं होते, तब तो हमें पता भी नहीं लगता कि कब चीनी सैनिक हमारे यहां आ जाते। इसलिए मेरा मानना है कि इस समय किसी पर भी आरोप प्रत्यारोप लगाना गलत है।