चीन पर लगाम लगाने के लिए सेना ने उठाया अहम कदम, लद्दाख में तैनात किया वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम
भारत-चीन के बीच बढ़ रहे तनाव को देखते हुए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने हाल ही में दो दिन का लद्दाख दौरा किया था। इस दौरान सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने सीमा के हालातों का जायजा लिया था। साथ में ही चीन के साथ हुई हिंसक झड़प के दौरान घायल हुए सैनिकों से मुलाकात भी की थी। सेना प्रमुख जनरल का ये दौरा काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा था। वहीं इस दौरे के महज एक दिन बाद ही सीमा में भारतीय सशस्त्र बलों ने वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम (Air defense missile system) को तैनात कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर चीनी लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए ये फैसला लिया गया है और लद्दाख सेक्टर में इसकी तैनाती की है।
15 जून के बाद से सीमा पर चीन की और से कई तरह कि गतिविधियां की जा रही हैं। कुछ समय से चीन सुखोई-30 जैसे विमान को सीमा पर खूब उड़ा रहा है। चीन के ये विमान भारतीय सीमा से महज 10 किलोमीटर दूरी पर उड़ते हुए देखे जा रहे हैं।
इन सीमा इलाकों पर देख गए हैं चीनी हेलिकॉप्टर
चीनी अपने हेलिकॉप्टर को सब सेक्टर नॉर्थ (दौलत बेग ओल्डी सेक्टर), गलवन घाटी के पास पैट्रोलिंग पॉइंट 14, पैट्रोलिंग पॉइंट 15, पैट्रोलिंग पॉइंट 17 और 17 ए (हॉट) सहित कई सारे विवादित क्षेत्रों में उड़ा रहा है। ये भी चीनी विमान भारतीय एलएसी के बहुत करीब से उड़ान भर रहे हैं। इन विमानों के जरिए चीन भारत को डराने की कोशिश कर रहा है। चीन की और से की जा रही इन्हीं गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए भारत सेना ने इन इलाकों में एयर डिफेंस मिसाइल तैनात करने का फैसला लिया है। एयर डिफेंस मिसाइल तैनात करने से चीन को भारत की और से कड़ा संदेश मिला है। सूत्रों की माने तो भारत जल्द अत्यधिक सक्षम वायु रक्षा प्रणाली भी प्राप्त करने वाला है। जिसे एलएसी पर तैनात किया जा सकता है।
एयर डिफेंस मिसाइल के अलावा भारतीय सेना ने सीमा पर कई सारी मिसाइल और टैंक भी जमा करना शुरू कर दिए हैं। विशेष विमानों से टैंक और हथियारों को सीमा के पास पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा हाल ही में भारत ने सीमा के पास युद्ध अभ्यास भी किया था।
हिंसक झड़प के बाद से बढ़ा था तनाव
चीन ने लद्दाख की गलवान घाटी में अपनी एक चौंकी बनाई थी। जिसका विरोध भारतीय सेना ने किया था। वहीं धीरे-धीरे गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच तनाव बढ़ता गया और 15 जून को इस तनाव ने हिंसक झड़प का रुप ले लिया। इस हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। जबकि कई सारे जवान बुरी तरह से घायल हुए थे। जिनका इलाज लद्दाख के सेना अस्पताल में चल रहा है। इस हिंसक झड़प में चीन को काफी नुकसान पहुंचा था। वहीं अब चीन ने तनाव को कम करने की जगह सीमा पर अपने सैनिकों को बढ़ाना शुरू कर दिया है। जिसके जवाब में भारतीय सेना भी अपने जवानों की संख्या चीन सीमा पर बढ़ा रही है।