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इस FIR की वजह से डर के मारे छिप रहे हैं नवजोत सिंह सिद्धू, घर के बाहर पुलिस कर रही है इंतजार

लापता हो गए हैं नवजोत सिंह सिद्धू और उनका इतंजार कर रही है बिहार पुलिस

कांग्रेस के बड़बोले नेता और पंजाब सरकार में मंत्री रह चुके नवजोत सिंह सिद्धू के घर के बाहर 7 दिन से कटिहार पुलिस बैठी है। सिद्धू के बाहर नहीं आने के कारण आखिर पुलिस ने 24 जून को अमृतसर स्थित उनके घर पर नोटिस चिपका दिया है। बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने 2019 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था, इसी मामले में कटिहार पुलिस उनसे मिलना चाहती है।

उल्लेखनीय है कि पुलिस नवजोत सिंह सिद्धू से मिलकर बेल बॉन्ड पर सिग्नेचर करवाना चाहती है, मगर 18 जून से नवजोत सिंह सिद्धू कटिहार पुलिस के सामने नहीं आ रहे हैं। इस मामले में कटिहार पुलिस का कहना है कि अगर सिद्धू 26 जून तक पुलिस के सामने आकर जमानत के मुचलके पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी के वारंट के लिए पुलिस न्यायालय में आवेदन कर सकती है।

नवजोत सिंह सिद्धू

कटिहार के आरक्षी अधीक्षक विकास कुमार के तहत, इस कांड के जांच के लिए अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। विकास कुमार का कहना है कि जांच के लिए जनार्दन राम और जावेद आलम को नियुक्त किया गया है, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू ने अभी तक समन रिसीव नहीं किया। इसी पर पुलिस ने एक्शन लेते हुए अब सिद्धू के आवास के सामने नोटिस चिपका दिया है। बता दें कि भड़काऊ भाषण के मामले में पुलिस ने सिद्धू पर एफआईआर दर्ज कर दिया है,  इसी के चलते वे भाग रहे हैं। आइये जानते हैं, आखिर सिद्धू पर आगे कब और कैसे कार्रवाई हो सकती है।

भाषण में धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले शब्दों का प्रयोग

नवजोत सिंह सिद्धू

गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी तारिक अनवर के पक्ष में एक जनसभा को संबोधित किया था। अपने भाषण के दौरान सिद्धू ने धार्मिक भावनाएं भड़काने की कोशिश की थी और धार्मिक भावनाओं से जुड़े शब्दों का इस्तेमाल कर लोगों को उकसाने की कोशिश की थी। बाद में इस मामले में सिद्धू के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इस जनसभा की निगरानी में मौजूद मजिस्ट्रेट वीएसटी द्वारा एक वीडियो उपलब्ध करवाया गया, जिसमें साफ झलक रहा था कि सिद्धू ने लोगों के धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया था। इसी वीडियो को आधार मानकर बारसोई थाना में 16 अप्रैल 2019 को सिद्धू के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

सिद्धू के खिलाफ हुआ था एफआईआर


बारसोई ग्रामीण कार्य विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर, जो इस सभा में मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी में थे। इन्हीं ने सिद्धू के खिलाफ आवेदन किया था, इसी आवेदन पर बारसोई थाना में कंड संख्या 93/19 धारा 123(|||) और 125 R.P.ACT के तहत मामला दर्ज किया या था। 16 अप्रैल 2019 को सिद्धू के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था। इसी के आलोक में बारसोई थाना के दो पुलिस अधिकारी जनार्दन राम और जावेद आलम 18 जून को सिद्दधू के अमृतसर स्थित बंगले पर नोटिस देने के लिए पहुँचे थे, मगर सिद्धू पुलिस अधिकारियों के सामने नहीं आ रहे हैं। ऐसे में उन्हें 26 जून तक की अंतिम तारीख दी गई है।

नवजोत सिंह सिद्धू

गौरतलब है कि 26 जून तक अगर सिद्धू पुलिस के सामने पेश नहीं होते हैं, तो ये दो अधिकारी अमृतसर से कटिहार लौट कर अपने एसपी को सिद्धू के द्वारा नोटिस लिया गया या नहीं, इसकी विस्तृत जानकारी पेश करने वाले हैं। इसी जानकारी के आधार पर पुलिस सिद्धू पर आगे के कार्रवाई पर विचार करेगी।

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