भारत पर चीन का खतरा देख अमेरिका ने यूरोप से हटाई सेना, एशिया में लाने की तैयारी शुरू
पूरे विश्व में चीन को कोरोना वायरस के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. ऊपर से चीन की अकड़ कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. अब इन दिनों भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चल रहे तनाव को ही ले लीजिए. चीन इस मामले में लगातार आक्रामक रैवैया दिखा रहा है. इस बीच अमेरिका का भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव पर बड़ा बयान सामने आया है.
भारत एवं कुछ दक्षिण पूर्व एशियाई देशों पर बढ़ रहे चीन के खतरे को देख अब अमेरिका यूरोप से अपनी सेना हटाकर इन एशियाई देशों में तैनात करने की तैयारी में जुट गया है. इस मामले पर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) का भी एक बयान सामने आया है. दरअसल जब मीडिया ने विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से सवाल किया कि वे अपनी सेना जर्मनी से क्यों हटा रहे हैं तो इस पर उन्होंने जवाब देते हुए बाताया कि ये सब एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है.
भारत पर बढ़ रहा चीन का खतरा
माइक पोम्पिओ ने कहा कि यह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की हरकतों को देख लग रहा है कि इससे भारत सहित वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया , फिलीपींस और साउथ चाइन सी पर खतरा है. ऐसे में अमेरिकी सेना को चुनैतियों से निपटने के लिए सही तरीके से तैनात किया जा रहा है. अमेरिका ये पक्का करना चाहता है कि समय आने पर हम पीलेए (चीन की पीपल लिबरेशन आर्मी) को करारा जवाब दे सकें.
There’ll be fewer US resources at certain places, they’ll be at other places as there’s threat from Chinese Communist Party to India, Vietnam, Indonesia, Malaysia, South China Sea. We’ll make sure we are postured appropriately to counter People’s Liberation Army: US Secy of State pic.twitter.com/2R0fdpu6Su
— ANI (@ANI) June 25, 2020
गलवान घाटी झड़प पर ये कहा
जब माइक पोम्पिओ से भारत चीन की गलवान घाटी में हुई झड़प के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे यूरोपियन यूनियन से इस बारे में बातचीत करेंगे. वैसे बता दें कि अमेरिका द्वारा जर्मनी से सेना वापस बुलाने पर यूरोपियन यूनियन भी नाराज है. उधर माइक पोम्पिओ ने आगे ये भी कहा कि चीनी कंपनियों के विरुद्ध विश्व को एकजुट करने का प्रयास किया जा रहा है. इस कोरोना महामारी के बीच बीजिंग द्वारा रणनीतिक और आर्थिक रूप से लाभ लेने की कोशिश की गई है.
क्या बोले ट्रंप?
पिछले सप्ताह ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वे चीन और भारत के बीच चल रहे इस तनाव को कम करने में सहायता कर सकते हैं. इसके अलावा अमेरिका ये भी बोल चूका है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हो रही गितिविधियों पर उनकी पूरी नजर है. वे चीन और भारत दोनों से बात कर रहे हैं. उनके अनुसार हम दोनों देशों की मदद करने का प्रयास कर रहे हैं.