रामसेतु को भगवान राम ने बनाया या फिर मनुष्य ने, इस सच्चाई का पता लगाएगी मोदी सरकार!
रामसेतु की सच्चाई रामसेतु प्राकृतिक है या फिर मानव निर्मित पता लगाएगी मोदी सरकार!
पौराणिक कथाओं अथवा मिथॉलजी की मानें, तो रामसेतु का निर्माण भगवान राम ने करवाया था. मगर इसकी सच्चाई और अस्तित्व पर काफी लंबे समय से बहस चली आ रही है. राम सेतु को लेकर काफी लंबे समय से ये विवाद है कि यह प्राकृतिक है या फिर मानव निर्मित. लेकिन अब उम्मीद जताई जा रही है कि इस सवाल से जल्द ही पर्दा उठने वाला है. अब जल्द ही इस बात का पता लगा लिया जाएगा कि रामसेतु प्राकृतिक है या फिर मानव निर्मित.
रामसेतु की सच्चाई से पर्दा उठाएगा ICHR:
दरअसल, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च (ICHR ) इसकी सच्चाई या फिर मिथ का पता लगाएगा. बताया जा रहा है कि ICHR की टीम पानी के भीतर जाकर शोध करेगी.
एक रिपोर्ट के मुताहिक, ICHR के चेयरमैन वाई सुदर्शन राव ने कहा है कि रामसेतु पर पायलट प्रॉजेक्ट शुरू होगा, जिसके तहत संभवत: अक्टूबर- नवंबर तक जांच प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. सेतु की हकीकत जानने के लिए शोध टीम इस क्षेत्र के मेटेरियल साक्ष्य इकट्ठा करेगी और इसकी उत्पत्ति जानने की कोशिश करेगी. तब जाकर इसकी जांच की जाएगी.
राम सेतु को भगवान राम ने बनाया या मनुष्य ने ( रामसेतु की सच्चाई) :
बताया गया कि जांच में जो भी बात सामने आएगी उन तथ्यों का पेपर पब्लिश कर सार्वजनिक किया जाएगा.
सुदर्शन के मुताबिक, ‘अभी तक किसी ने राम सेतु को लेकर मेटेरियल एविडेंस एकत्र नहीं किए हैं. इस पायलट प्रॉजेक्ट में मरीन आर्कियॉलजिस्ट की मदद से मेटेरियल एविडेंस सामने लाने की कोशिश की जाएगी.’
राम सेतु प्राकृतिक है या फिर मानव निर्मित जल्द सुलझेगा ये विवाद, रामसेतु की सच्चाई आएगी सामने :
आपको बता दें कि तमिलनाडु और श्रीलंका के समुद्री तटों के बीच बना यह सेतु तब से विवादों के केंद्र में है, जब से कांग्रेस की सरकार ने सेतुसमुद्रम नौवहन नहर परियोजना की बात कही थी. इस सेतु को लेकर लोगों की आस्था भी जुड़ी हई है. कुछ लोगों का कहना है कि इस सेतु को भगवान राम की वानर सेना ने बनाया था, इसलिए इसे किसी भी कीमत पर नहीं छूना चाहिए. हालांकि, यह मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में है.
इसके उलट नासा द्वारा इकट्ठा की गई तस्वीरों को आधार मानते हुए श्रीलंकाई सरकार ने दावा किया था कि रामसेतु चूना और पत्थर का बना हुआ एक मानव निर्मित सेतु है. हालांकि, नासा ने इस विवाद से अपना पल्ला झाड़ लिया था.