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चाय बेचने वाली की बेटी उड़ाएगी फाइटर प्लेन, CM शिवराज ने दी बधाई

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती और ये कर दिखाया है एमपी की आंचल ने....

कहते हैं कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, बल्कि जो कोशिश करते हैं, उन्हें अपनी मंजिल पाने में आज नहीं कल सफल जरूर होते हैं। मध्य प्रदेश के नीमच में चाय बेचने वाले सुरेश गंगवाल की बेटी आंचल गंगवाल ने इतिहास रच दिया है। आंचल ने सिर्फ अपनी पढ़ाई, मेहनत और लगातार कोशिश के दम पर वायुसेना तक का सफर पूरा कर लिया है। बता दें आंचल वायुसेना में फाइटर प्लेन उड़ाएंगी। आंचल की इस बड़ी सफलता पर सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी प्रभावित हुए और उन्होंने ट्वीट कर आंचल को बधाई दी है।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दी बधाई

सीएम शिवराज ने अपने ट्वीट में लिखा ‘ नीमच में चाय की दुकान लगाने वाले सुरेश गंगवाल जी की बेटी आंचल अब वायुसेना में फाइटर प्लेन उड़ायेगी। मध्यप्रदेश को गौरवान्वित करने वाली बेटी आंचल अब देश के गौरव और सम्मान की रक्षा के लिए अनंत आकाश की ऊंचाइयों में उड़ान भरेगी। बेटी को बधाई, आशीर्वाद और शुभकामनाएं!

इससे पहले सीएम शिवराज ने आंचल को उनकी सफलता के लिए एक कविता के जरिए उनका हौसला बढ़ाते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं। सीएम ने लिखा, रौशन थी धरती तुझसे, अब रौशन होगा आसमां भी। दुआओं पर परवाज करो, रौशन कर दो जहां भी। अंधेरों को चीरकर फिर एक बेटी ‘आंचल’ ने रच दिया है इतिहास ऐसे ही बढ़ती रहें बेटियां, यही तो हैं हम सबका गौरव और अभिमान भी। बेटी आंचल को स्नेह और आशीर्वाद! माता-पिता को बहुत-बहुत बधाई!

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के नीमच जिले के एक चाय बेचने वाले शख्स की 24 वर्षीय बेटी आंचल गंगवार वायुसेना के फ्लाइंग ब्रांच में चुनी गई हैं, यानी आंचल अब वायुसेना के फ्लाइटर प्लेन उडाएंगी।

आंचल ने बताए सफलता के 2 सूत्र…

इस सफलता पर आंचल ने कहा कि मैं 5 बार इस परीक्षा में फेल हुई, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। आखिरकार मुझे 6वीं बार में कामयाबी मिली। आंचल बताती हैं कि जिंदगी में कभी हार नहीं माननी चाहिए। कोशिश हमेशा करते रहना चाहिए, क्योंकि कोशिश करने वालों को सफलता कभी न कभी हासिल हो जाती है। आंचल ने कहा कि सफलता सिर्फ मेहनत और लगन से ही मिलती है, अगर इन 2 में से से 1 भी चीज छूटी तो आप सफल नहीं हो पाएंगे। इसी के आगे उन्होंने कहा कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफल होने के यही दो मंत्र हैं, मेहनत और लगन।


आंचल गंगवार ने बताया कि जब साल 2013 में उत्तराखंड में बाढ़ आई थी, तो उस समय वायुसेना के जवान जिस तरह से बचाव और राहत कार्य में जुटे हुए थे।  उसे देखकर मैंने तुरंत ये फैसला ले लिया कि मुझे वायुसेना में जाना है। आंचल बताती हैं कि उस समय मेरे परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी, इसलिए मैं भारतीय वायुसेना के परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाई, मगर भगवान सबको मौका देता है और मुझे जैसे ही मौका मिला, मैंने पूरे लगन और मेहनत के साथ तैयारी की। आंचल ने कहा कि मैंने मेहनत और लगन से तैयारी की, पढ़ाई की इसलिए मैंने आज सफलता हासिल की। आज मैं बहुत खुश हूं कि मेरा सपना पूरा हुआ।

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