राजस्थान सरकार ने किया कोरोना दवा ‘कोरोनिल’ को लेकर केस दर्ज करने का फैसला, कहा-ये फ्रॉड है
योग गुरू बाबा रामदेव के खिलाफ राजस्थान सरकार ने केस दर्ज करने का फैसला लिया है। राज्य सरकार का आरोप है कि बाबा रामदेव ने बिना परमिशन लिए ट्रायल किया है और ये फ्रॉड है। राजस्थान सरकार के अनुसार बाबा रामदेव की कंपनी पंतजिल की और से दवाई का ट्रायल जिन मरीजों पर किया गया था वो असिम्टोमेटिक केस थे और ऐसे केस वाले मरीज उसी दिन निगेटिव हो जाते हैं। दरअसल कल बाबा रामदेव ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उनकी दवा खाने से कोरोना के 69 प्रतिशत मरीज 3 दिन में ही निगेटिव हो गए थे। बाबा के इस दावे को राजस्थान सरकार ने गलत बताया है।
दवाई को लेकर कर की थी प्रेस वार्ता
बाबा रामदेव ने कल प्रेस वार्ता कर दावा किया था कि उनकी कंपनी ने कोरोना की दवा बना ली है और इस दवा को कोरोनिल नाम दिया गया है। बाबा रामदेव के अनुसार पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (निम्स) यूनिवर्सिटी, जयपुर ने मिलकर इस दवाई को तैयार किया है। हालांकि बाबा रामदेव की इस प्रेस वार्ता के कुछ ही घंटों बाद इस दवाई को लेकर आयुष मंत्रालय की और से आपत्ति जताई गई और मंत्रालय ने पंतजलि कंपनी को इस दवा के विज्ञापनों को प्रसारित ना करने को कहा।
वहीं अब मेडिकल साइंस एंड रिसर्च (निम्स), जयपुर में ट्रायल की बात सामने आने के बाद राजस्थान सरकार ने पतंजलि पर केस दर्ज करने का फैसला लिया है। सरकार ने कहा है कि इस कंपनी की और से कोई परमिशन नहीं ली गई थी।
दवाई की नहीं ली गई थी मंजूरी- आयुष मंत्रालय
आयुष मंत्रालय का कहना है कि पंतजलि द्वारा उनके मंत्रालय से कोरोना की दवा को लेकर कोई भी मंजूरी नहीं ली गई है। जिसकी वजह से उन्होंने ये कदम उठाया है। सरकार की हरी झंडी के बिना कोरोनिल दवा को बाजार में नहीं बेचा जा सकता है। इसलिए इस दवा के विज्ञापनों पर रोक लगा दी है।
सौंपी दवा की पूरी जानकारी
वहीं पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से आयुष मंत्रालय को अब कोरोनिल दवा की पूरी जानकारी दे दी गई है। पतंजिल ने आयुष मंत्रालय को बताया है कि दवा का क्लीनिकल ट्रायल जयपुर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च (निम्स) में किया गया था। उन्होंने हर नियम का पालन किया है। वहीं पतंजलि ने कोरोना वायरस की दवा ‘कोरोनिल’ को लेकर जो रिसर्च पेपर आयुष मंत्रालय में दाखिल किए हैं, उनके अनुसार कोरोनिल का क्लीनिकल टेस्ट 120 ऐसे मरीजों पर किया गया था। जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण काफी कम थे। इन मरीजों की उम्र 15 से 80 साल के बीच की थी।
बाबा रामदेव का दावा है कि इस दवा को खाने से सात दिन में ही कोरोना सही हो जाता है। बाबा रामदेव ने कल कहा था कि एक हफ्ते के अंंदर ही ये दवा बाजार में आ जाएगी। लेकिन आयुष मंत्रालय और राजस्थान सरकार की दखल के बाद रामदेव की दवा पेंचों में फंस गई है और अब ये दवा इतनी आसानी से बाजार में नहीं आने वाली है।