कर्नल की मौत के बाद भारतीय सैनिकों ने चीन पर बरपाया था कहर, तोड़ दी थी चीनी सैनिकों की गर्दन
भारत ने अपने सशस्त्र बलों को LAC पर चीन की सेना के निपटने के लिए पूरी स्वतंत्रता दी है।
गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर कई तरह के खुलासे हो रहे हैं। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार 15 जून की रात भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना पर कहर बरपा दिया था और इस दौरान चुन-चुन कर चीनी सैनिकों को मारा गया था। सूत्रों के हवालों से बताया जा रहा है कि 15 जून को अपने कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी. संतोष बाबू के शहीद होने के बाद भारतीय जवानों ने चीन सेना को बिलकुल नहीं बख्शा और अपने कमांडिंग ऑफिसर की मौत का बदल उनसे लिया गया।
तोड़ी गई चीनी सैनिकों की गर्दन
गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के दौरा किसी भी तरह के हथियार का इस्तेमाल सेना की और से नहीं किया गया। लेकिन भारतीय सेना ने बिना हथियार के ही चीनी सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए। सूत्रों के अनुसार भारतीय जवानों ने चीन की सैनिकों की गर्दन औक रीड की हड्डी तोड़ दी थी और भारत-चीन के सैनिकों के बीच करीब 4 घंटे तक झड़प चली, जो कि काफी घातक थी।
जिंदा पकड़ा चीन की सेना का कर्नल
भारतीय सेना ने चीन के साथ हुई हिंसक झड़प के दौरान चीन के एक कर्नल को जिंदा पकड़ लिया था। कहा जा रहा है कि भारत ने कई सारे चीनी सैनिकों को भी अपने कब्जे में लिया था। इसी तरह से चीन की सेना ने भी कई सारे भारतीय सैनिकों को पकड़ लिया था। हालांकि अब दोनों देशों की और से सैनिकों को छोड़ दिया गया है।
भारत सरकार ने सैनिकों के पकड़े जाने की पुष्टि नहीं की गई है और भारत सरकार ने सिर्फ जवान हुए शहीदों की ही जानकारी दी है। लेकिन हाल ही में केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ जनरल वी के सिंह ने एक इंटरव्यू में दावा किया है कि चीन ने कुछ भारतीय सैनिकों को पकड़ा था और उन्हें अब वापस लौटाया है। इसी तरह से हमने भी चीन के कुछ सैनिकों को पकड़ा था और फिर उन्हें छोड़ दिया गया।
चीन को हुआ भारी नुकसान
इस हिंसक झड़प में चीन के कितने सैनिक मारे गए हैं। इसको लेकर चीन अभी भी चुप है। लेकिन भारतीय सेना के अनुसार इस टकराव में चीन के 45 से 50 सैनिक मारे गए हैं। जबकि कई सारे घायल हुए हैं। इस हिंसक झड़प में सबसे ज्यादा नुकसान चीन को ही हुआ है।
सैनिकों को दी पूरी छूट
सीमा में बिगड़ते हालातों को देखते हुए भारत ने अपने सैनिकों को पूरी छूट दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ लद्दाख के हालात पर उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में रक्षा मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की सेना के निपटने के लिए पूरी स्वतंत्रता दी गई है। साथ में ही तीनों सेना के अध्यक्षों को पूरी तरह से तैयार रहने को कहा है।
गौरतलब है कि कई महीनों से गलवान घाटी में तनाव बना हुआ है। इस तनाव को कम करने की काफी कोशिशें की गई। मगर चीन ने 15 जून को भारतीय सेना के साथ हिंसक झड़प की। जिसके बाद से तनाव कम होने की जगह और बढ़ गया है।
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