राहुल गांधी को इस बात पर शरद पवार ने लगाई फटकार, कहा-संवेदनशील मामलो का करें सम्मान
राहुल गांधी की उम्र भले ही 50 साल हो गयी है, लेकिन उन्हें अब भी समझ नहीं है की राजनीति से देशहित बड़ा है
19 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की और से चीन सीमा विवाद को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। जिसमें देश की तमाम पार्टियों के नेताओं से मोदी ने इस मुद्दे पर बात की थी। इस सर्वदलीय बैठक में जहां हर पार्टी ने इस मुद्दे में सरकार का साथ देने की बात कही। वहीं कांग्रेस की और से पीएम मोदी से कई सारे सवाल किए गए। जिससे की ये साफ था कि कांग्रेस इस मुद्दे को राजनीति रंग देने में लगी हुई है।
कांग्रेस की इस मंशा पर अब कांग्रेस के सहयोगी दल एनसीपी ने सवाल खड़े किए हैं। एनसीपी के नेता शरद पवार ने कांग्रेस के इस रवैया पर एतराज जताया है। दरअसल इस मुद्दे पर राहुल गांधी लगातार केंद्रीय सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। राहुल ने केंद्रीय सरकार से सवाल करते हुए पूछा था कि गलवान में सिपाहियों को निहत्थे क्यों भेजा गया? राहुल ने एक वीडियो जारी करते हुए मोदी सरकार से सवाल किया था कि ‘भाइयों और बहनों, चीन ने भारत के शस्त्रहीन सैनिकों की हत्या करके एक बहुत बड़ा अपराध किया है। मेरा सवाल है कि इन वीरों को बिना हथियार खतरे की ओर किसने भेजा और क्यों भेजा। कौन जिम्मेदार है। धन्यवाद।
कौन ज़िम्मेदार है? pic.twitter.com/UsRSWV6mKs
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 18, 2020
राहुल के इस सवाल को लेकर शरद पवार ने आपत्ति जताई है। शरद पवार ने मीटिंग में कहा कि सैनिकों ने हथियार उठाए हैं या नहीं इसका फैसला अंतरराष्ट्रीय समझौतों से होता है और हमें ऐसे संवेदनशील मामलों का सम्मान करने की जरूरत है।
विदेश मंत्री ने भी राहुल पर किया पलटवार
राहुल गांधी की और से सिपाहियों के निहत्थे होने के सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ट्वीट कर लिखा, ‘हमें सीधे तथ्यों को समझ लेना चाहिए। सीमा पर तैनात सिपाही हमेशा हथियार साथ रखते हैं। खासकर तब जब वे अपनी जगह को छोड़ते हैं। 15 जून को गलवान घाटी में तैनात जवानों ने भी कुछ ऐसा ही किया। लेकिन लंबे समय से एलएसी पर फेसऑफ के दौरान हथियारों का इस्तेमाल नहीं होता है।’
Let us get the facts straight.
All troops on border duty always carry arms, especially when leaving post. Those at Galwan on 15 June did so. Long-standing practice (as per 1996 & 2005 agreements) not to use firearms during faceoffs. https://t.co/VrAq0LmADp
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 18, 2020
दरअसल साल 1996 और 2005 के समझौते के अनुसार भारत और चीन के सैनिक एलएसी पर फेसऑफ के दौरान हथियारों का इस्तेमाल नहीं करते हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल को यही समझौता याद दिलाया है। वहीं अब शरद पवार ने भी राहुल के इस सवाल पर आपत्ति जताई है।
भारत सरकार को घेरने में लगे हुए हैं राहुल
चीन सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ट्वीट के जरिए बार-बार पीएम मोदी से कई सारे सवाल पूछ रहे हैं। इतना ही नहीं राहुल ने तो भारत सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों पर ये आरोप भी लगाया है कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बचाने के लिए झूठ बोल रहे हैं और सच छुपा रहे हैं।
PM has surrendered Indian territory to Chinese aggression.
If the land was Chinese:
1. Why were our soldiers killed?
2. Where were they killed? pic.twitter.com/vZFVqtu3fD— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 20, 2020
राहुल ने शनिवार को एक ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री ने चीनी आक्रामकता के आगे भारतीय क्षेत्र को चीन को सौंप दिया है।’ राहुल ने सवाल किया कि अगर यह भूमि चीन की थी तो हमारे सैनिक क्यों शहीद हुए? वे कहां शहीद हुए?
गौरतलब है कि भारत-चीन के बीच लद्दाख में हिंसक झड़प हुई थी। जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे और इसी हिंसक झड़प को लेकर कांग्रेस पार्टी राजनीति करने में लगी हुई है।