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‘बातचीत से नहीं माना चीन तो निपटने के लिए तैयार रहे सेना’ – पूर्व थल सेनाध्यक्ष की चीन को चेतवानी

भारत और चीन सीमा (India China Border) पर तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है. पूर्वी लद्धाख (Ladakh) की गलवान घटी (Galwan Valle) में सोमवार को चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर धोखे से हमला कर दिया था. इस घटना के बात स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई. इस संबंध में दो देशों की मेजर जनरल स्तर की वार्ता भी हुई. लेकिन 15 जून की घटना के बावजूद एलएसी पर चीनी सैनिकों की संख्या बढ़ती जा रही है.

बातचीत से न माने तो निपटने को तैयार रहे

चीन की ये हरकत देखते हुए पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल वीपी मलिक ने चेतावनी दे डाली. उन्होंने कहा कि यदि बातचीत से तनाव कम नहीं होता है तो भारत को लद्दाख में चीन से निपटने के लिए रेडी रहना चाहिए. खासकर की गलवानी घाटी में ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है. दरअसल चीन ने तो एलएसी पर बहुत अच्छे से तयारी कर रखी है. इस कारण लद्दाख के कुछ इलाकों में टकराव के हालात उत्पन्न हो सकते हैं.

पीछे हटने के मूड में नहीं चीन

बताते चलें कि ये वही जनरल मलिक हैं जिन्होंने कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तानी घुसपैठियों के विरुद्ध भारतीय सेना का नेतृत्व किया था. जनरल मलिक ने यह भी बाताया कि चीन एलएसी पर जो भी हरकतें कर रहा है वो पहले से ही सुनियोजित हैं. अब उनके इस बयान से यह स्पष्ट हो ही जाता है कि चीन अपने सैनिकों को पीछे हटाने के मूड में कतई नहीं है.

ला रहा भारी भरकम हथियार

इतना ही नहीं इस बार तो चीन ने समा पर भारी भरकम हथियार एकत्रित करना भी शुरू कर दिया है. जबकि पिछले टकरावों पर नजर दौड़ाएं तो ऐसा कुछ नहीं था. सूत्रों की माने तो इस बार चीन हथियारों में लॉन्ग रेंज वेपन्स जैसे मिसाइल भी शामिल कर सकता है.

20 भारतीय जवान हुए थे शहीद

गौरतलब है कि 15 जून (सोमवार) देर रात लद्दाख की गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिकों की घमासान लड़ाई हुई थी. करीब आठ घंटे तक चली इस लड़ाई में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. इसके साथ ही कई घायल भी हुए थे. भारतीय सेना के अनुसार फिलहाल सभी घायल जवानों में से किसी की भी हालत गंभीर नहीं है. इंडियन आर्मी हेलिकॉप्टर की मदद से घायल जवानों को लेह के हॉस्पिटल ले गई थी.

घायल जवान जल्द लौटेंगे ड्यूटी पर

जानकारी के अनुसार यहाँ भर्ती 18 सैनिक की तो 15 दिनों के भीतर ही छुट्टी हो जाएगी. ऐसे में वे लोग जल्द ही ड्यूटी पर लौट आएंगे. इसके अलावा हॉस्पिटल में एडमिट 58 अन्य जवान भी एक सप्ताह के अंदर काम पर आ जाएंगे. इन जवानों को छोटी मोटी कुछ चोटें ही आई है.

चीन छिपा रहा घायल सैनिकों की संख्या

भारतीय सेना तो ईमानदारी से अपने घायल सैनिकों की जानकारी मीडिया से साझा कर रही है. लेकिन चीन थोड़ी होशियारी झाड़ रहा है. उसने अभी तक अपने घायल सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया है. हालाँकि न्यूज़ एजेंसी ANI के अनुसार चीन के मुठभेड़ में 43 सैनिक घायल हुए हैं. दूसरी तरफ अमेरिकी इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार ये संख्या 35 है. इनमें से कुछ मर चुके हैं जबकि कुछ सीरियस कंडीशन में हैं.

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