ताइवान ने श्रीराम के चीनी ड्रैगन को मारने वाली तस्वीर को बताया Photo of the day, कम्युनिस्ट सदमे में
भारत-चीन विवाद के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है और चीनी सामानों का विरोध हो रहा है
एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना से पीड़ित है तो वहीं इसी बीच भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प ने बॉर्डर पर तनाव पैदा कर दिया है। भारत और चीनी के इस खूनी संघर्ष में भारत ने 20 जवान खो दिए। इसके बाद लोगों के बीच चीन को लेकर गुस्सा है और चीनी सामानों का विरोध हो रहा है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका, ब्रिटेन और दूसरे देशों ने शांति की अपील की है। हालांकि इस बीच चीन के सबसे बड़े दुश्मन ताइवन में वहां की एक न्यूज वेबसाइट ने ‘फोटो ऑफ द डे’ के लिए ऐसी तस्वीर चुनी है जिसे देखकर भारत भी खुश हो गया है।
ताइवन ने बनाया फोटो ऑफ द डे
बता दें कि चीन के कट्टर दुश्मन ताइवान की एक वेबसाइट ने एक ऐसी तस्वीर पोस्ट की है जिसमें भगवान राम चीनी ड्रैगन को मारते हुए दिख रहे हैं। इस तस्वीर के वायरल होते ही भारत के लोग भी खुश हो गए हैं और तस्वीर को काफी पसंद कर रहे हैं। ताइवान न्यूज डॉट कॉम की एक वेबसाइट ने एक ट्वीटर यूजर के हवाले से ये तस्वीर लगाई और टैग किया फोटो ऑफ द डे।
印度朋友連中印大戰精美poster都整好了https://t.co/pdU9nS6Zra
– 分享自 LIHKG 討論區 pic.twitter.com/ttl7XLPsmi— HoSaiLei?????????? (@hkbhkese) June 16, 2020
दरअसल हांगकांग के एक ट्वीटर यूजर होसाईलाई ने इस तस्वीर को अपने अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा- एक भारतीय मित्र ने पहले ही भारत-चीन युद्ध को इस पोस्टर के माध्यम से खत्म कर दिया है। पोस्टर में हिंदुओं के देवता मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम चीन के ड्रैगन को अपने बाण से मार रहे हैं। भगवान राम की जीत को हमेशा से बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक बताया है। वहीं इस पोस्टर पर लिखा है कि हम जीतते हैं और हम मारते हैं।
भारत को पसंद आई तस्वीर
बता दें कि इस ट्वीट को भारतीय य़ूजर्स भी काफी पसंद कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। इस वक्त हांगकांग में चीन के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन चल रहा है और चीन के साथ ताइवान के संबंध और भी बिगड़ते जा रहे हैं। वहीं भारत और चीन के रिश्ते की बात करें तो झड़प और हिंसा के बाद मामला तनावपूर्ण चल रहा है। हालांकि कोशिश की जा रही है कि इस तनाव को कम किया जाए और इसको लेकर बुधवार को एक बार फिर बातचीत हो रही है।
बता दें कि 6 जून को एक मीटिंग के तहत चीन ने वादा किया था कि वो अपने सैनिकों को पीछे हटने का आदेश देगी। हालांकि ऐसा हुआ नहीं और सोमवार 15 जून को भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हो गई। हालांकि इसके बाद ही ग्राउंड लेवल पर बातचीत हई थी जिसके बाद इस संघर्ष पर विराम लगा दिया गया था।
चीन ने सेना पर धोखे से किया था वार
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच लद्दाख के पास करीब एक महीने से विवाद चल रहा है। यहा चीन LAC को पार कर भारत के हिस्से में आ गया और वहां अपने टैंट और सैन्य उपकरण लगा दिए हैं। भारत इसका लगातार विरोध कर रहा है और इसी मुद्दे को लेकर 6 जून को बैठक हुई थी। बैठक में ये समझौता किया गया था कि दोनों देश विवादित स्थल से अपनी सेना पीछे हटा लेंगी, लेकिन चीन ने ऐसा नहीं किया।
15 जून को जब भारतीय सेना की एक टुकड़ी जमीनी हाल लेने पहुंची तो चीनी सैनिकों ने धोखे से उनपर हमला कर दिया। बदले में भारतीय सैनिकों से भी उन्हें मुंहतोड़ जवाब मिला। इस हिंसक झड़प में हमने 20 जवान खो दिए तो वहीं हमारे सैनिकों ने भी चीनी के कुछ सैनिक मार गिराए। फिलहाल आम जनता में भी आक्रोश है और लोग चीनी सामान के बहिष्कार की बात कर रहे हैं।