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अपने पीछे इतने करोड़ की सपत्ति छोड़ गए सुशांत सिंह राजपूत, जमीन पर नहीं चांद पर खरीदा था प्लॉट

सुशांत ने अपने घर की बालकनी में टेलीस्कोप लगाया था और अक्सर वो चांद-तारों को देखा करते थे

सुशांत सिंह राजपूत ने महज 34 साल की उम्र में फांसी लगा ली और हमेशा-हमेशा के लिए चाहने वालों को अलविदा कह गए। सुशांत एक बेहद ही उम्दा कलाकार थे और इसके अलावा वो एक बेहतरीन इंसान भी थे। सुशांत सिर्फ एक्टिंग में ही माहिर नहीं थे बल्कि उनके अंदर डांस का हुनर भी था। उन्हें क्रिकेट का भी शौक था और रातें तो चांद-तारों के ख्यालों में ही कटती थी। ऐसे में सुशांत का यूं जान दे देना हर किसी के लिए शॉकिंग हैं।

करोड़ों के मालिक थे सुशांत

बहुत से लोगों का मानना है कि सुशांत के पास पैसे की कमी रही होगी इस वजह से उन्होंने ये कदम उठा लिया। आपको बता दें कि सुशांत एक बेहद ही प्रतिभावान कलाकार थे। उन्होंने कम फिल्में ही की लेकिन सभी शानदार रहीं। उन्हें पैसे की कोई तंगी नहीं थी। पिछले साल ही उनकी फिल्म ‘छिछोरे’ आई थी और आने वाले समय में भी वो कई फिल्मों का हिस्सा बनने वाले थे। उनकी बहन ने बताया कि सुशांत को पैसे की कोई कमी नहीं थी बल्कि वो अपने पीछे करोड़ों की संपत्ति छोड़ गए हैं।

सुशांत एक उभरते हुए सितारे थे जो पर्दे पर चमकना जानते थे। टीवी से फिल्मों तक के सफर में उन्होंने करीब 39 करोड़ रुपए तक की जमा पूंजी थी। सुशांत हर एक फिल्म का 5-7 करोड़ लेते थे। हालांकि उन्होंने बहुत कम ही फिल्में की लेकिन सभी दमदार रहीं। रील लाइफ पर धोनी बन उन्होंने लोगों के होश उड़ा दिए तो पीके में सरफराज बन अपनी दमदार एक्टिंग का परिचय भी दे दिया।

चांद पर खरीदा था प्लॉट

सुशांत सिर्फ बड़े पर्दे के सितारों में दिलचस्पी नहीं रखते थे। वो सचमुच आसमान के चांद-तारों में तांक-झाक किया करते थे। सुशांत को ये चीजें इतनी दिलचस्प  लगती थी की उन्होंने इसके लिए एक बहुत ही मंहगा टेलीस्कोप भी लिया था। इसे सुशांत ने अपने घर की बालकनी में लगाया हुआ था और अक्सर वो टेलीस्कोप से चांद-तारों को देखा करते थे।

शायद बहुत लोग ये नहीं जानते होंगे कि सुशांत चांद से इतना प्यार करते थे कि उन्होंने चांद पर जमीन का छोटा सा हिस्सा तक खरीद लिया था। बता दें कि सुशांत ने अंतर्राष्ट्रीय चंद्र भूमि रजिस्ट्री से काफी महंगी संपत्ति खरीदी थी। सुशांत ने चांद पर ‘Sea of Muscovy’ नाम के क्षेत्र की जमीन खरीदी थी। वो नासा और इसरो में बहुत दिलचस्पी रखते थे। उन्होंने एक विश लिस्ट बनाई थी जिसके तहत वो करीब 50 बच्चों को ऐसे स्पेस रिसर्च सेंटर भेजना चाहते थे।

अजीब है कि चांद पर घर बनाने की सोच रखने वाला इंसान धरती के इंसानों से हार गया। जब 14 जून को उन्होंने फांसी लगाई तो खबर आई कि वो बहुत डिप्रेश रहा करते थे। इंडस्ट्री में लोग सिर्फ मतलब के लिए उनसे बात करते थे और कई बार उनके हाथ से प्रोजेक्ट ले लिए गए थे। उन्हें सोशल गैदरिंग में बुलाया नहीं जाता था और इंडस्ट्री में अक्सर उनका मजाक उड़ता था।

चांद के सपने देखने वाले सुशांत ने एक दिन ये दुनिया छोड़ देने का फैसला किया और वहां चले गए जहां उनके सपने सिर्फ उनके थे। हालांकि अपने पीछे वो रुपए पैसों के अलावा वो रिश्ते और प्यार भी छोड़ गए जो किसी भी संपत्ति से कहीं अधिक मंहगे थे। इस घटना के बाद बस ये कह सकते हैं कि सुशांत मरा नहीं…सुशांत मरते नहीं…बस अमर हो जाते हैं।

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