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कोरोना मरीज को अस्पताल ने दिया 8 करोड़ का बिल, शख्स ने कहा- जिंदा बचने का अफसोस रहेगा….

कोविड-19 का कहर पूरी दुनिया पर छाया हुआ है और बहुत से बड़े देश इससे प्रभावित हैं। चीन, स्पेन और इटली के बाद भारत और अमेरिका भी कोरोना संकट से बुरी तरह से परेशान है। भारते में संक्रमितों का मामला 3 लाख से ऊपर है जबकि अमेरिका में 20 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। इन मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल में जगह भी कम पड़ रही है और अस्पताल का बिल देखकर लोगों की हालत खराब हो जा रही है। अस्पताल के बिल को लेकर अमेरिका से ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां एक शख्स को ठीक करने के बाद करीब 8 करोड़ का बिल पकड़ाया गया जिससे वो स्वस्थ होने की खुशी भी नहीं मना पा रहा।

अमेरिका के अस्पताल से मिला ये बिल

बता दें कि अमेरिका के सिएटल शहर में 70 वर्षीय एक मरीज को इलाज के लिए 62 दिन भर्ती रहना पड़ा था। इसके बाद जब उनकी हालत सुधरी तो अस्पताल ने उन्हें 11 लाख डॉलर यानि कि लगभग 8.14 करोड़ रुपए का बिल थमा दिया। कोरोना से ठीक हुए मरीज माइकल फ्लोर ने इस हालत पर मजाकिया अंदाज में कहा कि – मुझे जिंदा बचने का अफसोस रहेगा।

आगे माइकल ने कहा कि अस्पताल का बिल देखकर लगभग दूसरी बार मेरा हार्ट फेल हो चला था। मैं अपने आप से पूछता हूं कि मैं ही क्यों? मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ?  इस खर्च को देखकर मुझे गिल्टी महसूस हो रहा है। बता दें कि माइकल को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद चार मार्च को स्वीडिश मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया था। इसके बाद ज 181 पेज का उनका मेडिकल बिल आया है वो होश उड़ाने वाला है।

‘मिरेकल बेबी’ हैं माइकल

अमेरिका के इस अस्पताल के मुताबिक आईसीयू में कमरे का प्रतिदिन खर्च करीब 9,736 डॉलर यानि कि करीब 7 लाख रुपए है। वहीं 29 दिनों तक का वेंटिलेटर खर्च 82, 215 डॉलर है यानि कि उन्हें इसके 62 लाख रुपए देने होंगे। संक्रमण से प्रभावित दिल, किडनी और फेफड़ों का दो दिन का खर्च एक लॉख डॉलर यानि कि 76.95 लाख रुपए है।

बता दें कि डॉक्टर माइकल को ‘मिरेकल चाइल्ड’ कहा जा रहा है। इसकी वजह ये है कि उनके कई अंग काम करना बंद कर चुके थे लेकिन उन्होंने कोरोना को मात दे दी। एक समय में माइकल की हालत इतनी खराब हो चुकी थी उनकी पत्नी और बच्चों को अंत समय मिलने के लिए बुला दिया गया था। हालांकि भगवान और डॉक्टरों ने उन पर मेहराबानी दिखाई और वो जी गए।हां माइकल ने बिल देखकर जरुर कह दिया कि उन्हें जिंदा बचने का अफसोस रहेगा। हालांकि अमेरिका की राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमार कार्यक्रम का लाभार्थी होने के कारण माइकल को बिल का अधिकांश हिस्से का भुगतान नहीं करना पड़ेगा जो उनके लिए राहत की बात हैं।

बता दें कि अमेरिका की तरह भारत में भी काफी केसेज बढ़ रहे हैं और लोगों को बेड की कमी हो रही है। साथ ही एक एक दिन का खर्च भी बहुत ज्यादा आ रहा है। ऐसे में बहुत से लोग होम क्वारांटाइन करके खुद को ठीक कर रहे हैं। भारत में संक्रमितों की संख्या 3 लाख से ऊपर जा चुकी है, लेकिन लोग बेहतर तरीके से रिकवर भी हो रहे हैं। वहीं अमेरिका भी दावा कर रहा है कि उसने वैक्सीन बना ली है और सफल परीक्षण होने के बाद इसके इस्तेमाल भी शुरु कर दिया जाएगा।

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