किसानों की ’कर्जमाफी’ पर केंद्र सरकार का बड़ा बयान, करोड़ों किसानों की उम्मीदें चकनाचूर…
नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने गुरुवार को यह साफ कर दिया कि यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को किसानों के कर्ज माफ करने के लिए अपने दम पर काम करना होगा, उन्हें इसके लिए केन्द्र से कोई मदद नहीं मिलेगी। आपको बता दें कि बीजेपी ने चुनाव जीतते ही यूपी में किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया था। विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किसी और ने नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि, अगर कोई राज्य सरकार सक्षम है और उस दिशा में बढ़ना चाहती है तो राज्य को अपने संसाधन जुटाने होंगे। Central government on loan waivers.
27419 करोड़ रुपए लोन माफ करना होगा –
देश के सबसे बड़े पीएसयू बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इस संबंध में एक रिसर्च किया है, जिसकी रिपोर्ट के मुताबिक अगर यूपी के किसानों के कर्ज माफ किए गए तो सरकार पर 27419 करोड़ रुपए का दबाव बढ़ेगा। वर्तमान में देश में किसानों पर कुल 86241 करोड़ का कर्ज है। 2011 की सोशियो-इकोनॉमी और कास्ट सेंसस के मुताबिक यूपी के रूरल एरिया में करीब 40 फीसदी परिवार सीधे तौर पर खेती से जुड़े हुए हैं। जिनमें से 92 फीसदी किसान छोटे और सीमांत किसान हैं।
पीएम मोदी ने यूपी में किया था चुनावी वादा –
आपको बता दें कि यूपी की कई चुनावी रैलियों में पीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी सरकार के गठन के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग में ही गरीब किसानों के लोन माफ करने का वादा किया था। पीएम ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि यूपी में नई सरकार बनेगी और सरकार बनने के बाद पहली ही मीटिंग में मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि किसानों के कर्ज को माफ करने का निर्णय लिया जाएगा। अब किसानों का कर्ज माफ करने का दबाव यूपी की योगी सरकार पर है।
क्यों देना पड़ा जेटली को यह बयान –
जेटली को राज्यसभा में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों के कर्ज माफी के पीएम मोदी के वादे को लेकर सपा सांसद नरेश अग्रवाल के स्पष्टीकरण मांगने के बाद इसपर केन्द्र सरकार का रुख साफ करना पड़ा। जेटली ने कहा, ‘ऐसी स्थिति नहीं आएगी जिसमें किसी एक राज्य की मदद की जाएगी अन्य राज्य की नहीं।’ गौरतलब है कि महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों में भी किसानों के कर्ज माफ करने की मांग उठ रही है।