25 जिलों में नौकरी करने वाली टीचर के पिता ने सुनाई असली कहानी, कहा-हमारे साथ तो खुद धोखा हुआ है
फर्जी महिला शिक्षिका मामले में गिरफ्तार हुई सुप्रिया सिंह के पिता ने अपने बेटी को बेगुनाह बताया है। सुप्रिया सिंह के पिता का कहना है कि उनकी बेटी को फंसाया गया है और उन्हें खुद ही इस बात की जानकारी नहीं थी कि सुप्रिया सिंह के नाम पर उत्तर प्रदेश के कई सारे स्कूलों से सैलरी ली जा रही है।
सुप्रिया का दोस्ता था मास्टरमाइंड
सुप्रिया सिंह के पिता महिपाल ने बताया कि उन लोगों के साथ तो धोखाधड़ी हुई है और उन्हें ठगा गया है। महिपाल ने मुताबिक सुप्रिया ने ग्राम भटासा के रामदर्शनी राजकीय इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट व कायमगंज के शकुंतला देवी कॉलेज से बीए किया है। सुप्रिया के पास बीएससी या बीएड की डिग्री नहीं है। वहीं जब सुप्रिया बीए की पढ़ाई कर रही थी। उसी दौरान उसकी मुलाकात एक लड़के से हुई थी। जिसका नाम नीतू था जो कि मैनपुरी निवासी था। नीतू अक्सर उनके घर में आया करता था। एक दिन नीतू ने सुप्रीया को संविदा पर नौकरी लगवाने की बात कही और ऐसा करने के लिए डेढ़ लाख रुपए मांगे। तब हमने किसी तरह से नीतू को 50 हजार रुपए दे दिए। जबकि बचे हुए पैसे नौकरी लगने पर वेतन मिलने के दौरान देने का वादा किया। नीतू ने सुप्रिया को नौकरी लगा दी और नौकरी लगने के बाद एक लाख रुपए भी ले लिए।
साइंस टीचर की मिली नौकरी
महिपाल के अनुसार नीतू ने कासगंज के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में सुप्रीया की नौकरी लगाई और वो साइंस टीचर बनकर वहां पढ़ाने लगी। वहीं जैसे ही अनामिका शुक्ला के नाम पर उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में नौकरी करने का खुलासा हुआ और उसमें सुप्रिया ही अनामिका शुक्ला निकली। तो तुरंत महिपाल ने अपनी बेटी को स्कूल से इस्तीफा देने को भेजा।
महिपाल के अनुसार उन्हें शुक्रवार को कासगंज के शिक्षा विभाग से फोन आया था और तब उन्हें पूरी घटना की जानकारी मिली। जिसके बाद उन्होंने सुप्रीया को इस्तीफा देने के लिए भेजा था। लेकिन सुप्रिया को वहां गिरफ्तार कर लिया गया और इस मामले में भाई भी फंस गया।
महिपाल बेहद ही गरीब हैं और उनके पास दो बीघा ही खेती है। जैसे-तैसे इन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाया है। वहीं अपने कहानी सुनाते समय महिपाल की आंखों में आंसू आ गए, उन्होंने कहा कि बेटी की नौकरी से हम लोगों का गांव-परिवार में रुआब बढ़ गया था। लेकिन अब उसी लालच में हम लोग बर्बाद हो गए हैं।
मेरी बेटी है निर्दोष
महिपाल का कहना है कि उनकी बेटी एकदम निर्दोष है और उन्हें इस घटना के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। अनामिका शुक्ला ने नाम पर नौकरी करने की बात ये लोग खुद अनजान थे।
क्या है पूरा मामला
दरअसल अनामिका शुक्ला नाम की एक ही महिला उत्तर प्रदेश के 25 स्कूलों में कार्यरत थी और हर स्कूल से बतौर सैलरी भी ले रही थी। जब शिक्षकों का डेटाबेस तैयार किया गया, तो उस दौरान इस चीज का खुलासा हुआ और पता चला कि अनामिका शुक्ला नामक एक महिला पूर्णकालिक शिक्षिका के तौर पर 25 स्कूलों में कार्यरत है और हर जगह से उसके बैंक खाते में सैलरी भी पहुंच रही है। वहीं जब इस मामले की जांच की गई तो पाया कि सुप्रिया ही अनामिका शुक्ला है। जिसके बाद सुप्रिया को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि सुप्रिया और उसके परिवार वालों का कहना है कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी और वो खुद धोखे का शिकार हुए हैं।