दिल्ली: कोरोना का इलाज करवाना है तो दिखाने पड़ेंगे यह कागज़, वरना खानी पड़ेगी दर-दर की ठोकरें
जो अब तक कहते थे हम काग़ज़ नहीं दिखाएँगे उन्हें भी काग़ज़ दिखाना होगा इलाज़ करवाने के लिए
देश की राजधानी दिल्ली में जहां एक तरफ कोरोना मरीज़ों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ सरकार द्वारा आए दिन कुछ न कुछ चौंकाने वाले फैसले किए जा रहे हैं, जिसकी वजह से जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी कड़ी में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि अब राजधानी के सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों का ही इलाज होगा। जी हां, केजरीवाल सरकार ने इस फैसले पर मुहर लगाते हुए गाइडलाइंस भी जारी कर दी है।
केजरीवाल सरकार ने रविवार को बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि अब दिल्ली के सभी अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों का ही इलाज होगा। मतलब यदि आप दिल्ली के निवासी नहीं है और आप दिल्ली में हैं, तो आप इलाज नहीं करा सकेंगे। केजरीवाल के इस फैसले पर न सिर्फ राजनेताओं का गुस्सा फूटा है, बल्कि आम जनता भी काफी आक्रोश में हैं। खैर, नए नियम के अनुसार, यदि आप दिल्ली के अस्पताल में कोरोना का इलाज कराने जा रहे हैं, तो कुछ डॉक्यूटमेंट्स की ज़रूरत पड़ेगी।
दिखाने पड़ेंगे ये दस्तावेज
मिली जानकारी के मुताबिक, यदि आप दिल्ली के निवासी हैं और अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो कुछ दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। दरअसल, इलाज कराने के लिए आपको यह साबित करना होगा कि आप दिल्ली के ही निवासी हैं। ऐसे में आपको वोटर आईडी, बैंक/किसान/पोस्ट ऑफिस का करेंट पासबुक, राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या इनकम टैक्स रिटर्न के कागजात दिखाने पड़ सकते हैं, जिसके बाद ही आपका इलाज किया जाएगा।
रविवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों के इलाज का ऐलान कर चुके हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की तरह से पूरी गाइडलाइंस जनता के सामने रखी गई। कुल मिलाकर, केजरीवाल सरकार कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने में असफल रही, जिसकी वजह से उसे इस तरह के कदम उठाने पड़ रहे हैं।
इन लोगों को मिली छूट
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दिल्ली में भले ही अब दिल्लीवासियों का ही इलाज होगा, लेकिन बाहरी लोगों के लिए ट्रांसप्लांटेशन, ओनकोलॉजी, न्यूरोसर्जरी जैसे स्पेशलाइज्ड ट्रीटमेंट की सुविधा जारी रहेगी। सरकार की तरफ से यह भी साफ किया गया है कि सड़क दुर्घटना और एसिड अटैक आदि में घायल दिल्ली से बाहर के लोग भी इन अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे, लेकिन कोविड 19 का इलाज सिर्फ दिल्लीवाले ही करा सकते हैं।
केजरीवाल सरकार पर भड़की मायावती
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने दिल्ली सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का यह फैसला कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से गुहार लगाई कि वो इसमें दखल दें, ताकि बाहरी लोगों का भी दिल्ली के अस्पतालों में इलाज हो सके। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली में ज्यादातर लोग बाहर के रहने वाले ही हैं, ऐसे में उनका इलाज कहां होगा? इस पर केजरीवाल सरकार को जवाब देना ही पड़ेगा।
बताते चलें कि दिल्ली में अब तक कोरोना मरीज़ों की संख्या 30 हजार के करीब पहुंच चुकी है, जिसमें से 761 लोगों की मौत हो गई है, तो वहीं लगभग 11 हजार लोग ठीक भी हो चुके हैं।