ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिया बड़ा फैसला, द सिंधिया स्कूल की फीस में एक लाख की कटौती
बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ‘द सिंधिया स्कूल’ की फीस कम करने का निर्णय लिया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोरोना वायरस के कारण ये फैसला लिया है और ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस फैसले की हर कोई तारीफ कर रहा है। फीस कम करने के फैसले के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बच्चों को अभिभावकों को एक पत्र भी लिखा है। जिसमें कहा है कि कोरोना वायरस जैसी महामारी को देखते हुए ‘द सिंधिया स्कूल’ की फीस कम की जाती है।
एक लाख रुपए किए कम
ज्योतिरादित्य सिंधिया ‘द सिंधिया स्कूल’ को संचालन करने वाली संस्था सिंधिया एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष हैं और इन्होंने एक लाख रुपए तक की कमी फीस में की है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अभिभावकों को लिखे पत्र में कहा है कि इस महामारी ने अर्थव्यवस्था पर भी काफी बड़ा बोझ डाल दिया है। अभिभावक पर आर्थिक बोझ कम करने की कोशिश में इस साल स्कूल फीस कम की जाती है। स्कूल को सालाना फीस को सात लाख पचास हजार से छह लाख पचास हजार किया जाता है। पत्र में इन्होंने आगे कहा कि जून 2020 के आखिर में नए शैक्षणिक सत्र को शुरू किया जाना है और इसकी तैयारी चल रही है।
स्कूल को रखा गया संक्रमण से सुरक्षित
सिंधिया के अनुसार लॉकडाउन लगने के बाद छात्रों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाया गया हैं और स्कूल को संक्रमण से सुरक्षित रखा गया है। स्कूल ने इस साल के लिए ऑनलाइन पढ़ाई भी शुरू कर दी है। इस स्कूल ने मार्च में बच्चों की सुरक्षा के लिए कार्यों की एक श्रृंखला और उसे अमल में लाने की योजना तैयार की थी। तत्काल उठाये गये इस कदम में दो बातें प्रमुख थीं, हमारे बच्चों की सुरक्षा और शैक्षिक लोकाचार को संरक्षित रखना। ऑन-लाइन कक्षायें शुरू हो चुकी हैं। उसकी गुणवत्ता तथा प्रभाव को लेकर उनकी गंभीरता में लगातार सुधार देखा जा सकेगा।
साल 1897 में बना था स्कूल
सिंधिया स्कूल हमारे देश के बेहद ही पूराने स्कूलों में से एक है। ये स्कूल एक भारतीय बोर्डिंग स्कूल है, जिसकी स्थापना 1897 में की गई थी। ये ग्वालियर के ऐतिहासिक ग्वालियर किले में स्थित है। सिंधिया स्कूल की स्थापना स्वर्गीय महाराजा माधो राव सिंधिया ने की थी। 1933 में इसका नाम बदलकर द सिंधिया स्कूल कर दिया गया था। ये स्कूल 110 एकड़ में फैला हुआ है। आपको बात दें कि सिंधिया स्कूल में कुल 600 बच्चे पढ़ते हैं।
स्कूलों से की जा रही है फीस कम करने की मांग
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण देश के स्कूल लंबे समय से बंद हैं और बच्चों को ऑनलाइन के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। इस समय देश में आर्थिक संकट भी आ रखा है और कई लोगों से उनका रोजगार छीन गया है। ऐसे में स्कूलों से फीस कम करने की मांग की जा रही है। ताकि बच्चों के मां बाप पर फीस का अधिक बोझ ना पड़ सके। वहीं इसी बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने स्कूल की फीस में एक लाख रुपए की कटौती की है जिससे की काफी बच्चों के माता पिता को राहत मिली है।