सोनू सूद पर भड़की शिवसेना, कहा-ठाकरे सरकार को नाकाम दिखाने के लिए सोनू कर रहे हैं लोगों की मदद
नेक कार्य में लगे सोनू सूद पर गन्दी राजनीति शुरू, खुद कुछ करते नहीं, कोई दूसरा करे तो उस से भी है दिक्कत
अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) कोरोना संकट में जिस तरह से लोगों की मदद कर रहे हैं, उसकी तारीफ हर कोई कर रहा है। सोनू सूद ने कई सारे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचने में मदद की है और सोनू सूद की इसी मदद के लिए उनको देश का सूपर हीरो तक कहा जा रहा है। हालांकि सोनू सूद की और से की जा रही ये मदद शिवसेना को पसंद नहीं आ रही है और शिवसेना ने इसे बीजेपी की साजिश करार दिया है। शिवसेना को लगता है कि बीजेपी के इशारों पर सोनू सूद ये सब कर रहे है। संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र सामना के जरिए अभिनेता सोनू सूद पर निशाना साधते हुए कहा है कि सोनू सूद आखिर कैसे बिना किसी राजनीतिक दल के लोगों तक मदद पहुंचा रहे हैं। इतना ही नहीं संजय राउत ने सोनू सूद पर पैसे लेकर ये काम करने का आरोप भी लगाया है।
मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए पूछे सवाल
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए संजय राउत ने सोनू सूद से कई सारे सवाल भी किए हैं और लिखा है कि ‘आखिर जब लॉकडाउन में लोगों को कहीं आने-जाने की अनुमति नहीं है, तो बिना किसी राजनीतिक दल की मदद से उन्हें बसें कैसे मिल सकती हैं?’ लॉकडाउन में अचानक एक नया ‘महात्मा’ सूद आया है। जब राज्य सरकारें किसी प्रवासी मजदूर को कहीं जाने की अनुमति नहीं दे रही हैं, तो वो कहां जा रहे हैं? बहुत जल्दी ही वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल सकते हैं और मुंबई के सेलिब्रिटी मैनेजर बन सकते हैं।
पैसों के लिए कुछ भी कर सकते हैं
संजय राउत ने लिखा कि ‘सोनू सूद एक अभिनेता हैं, वो पैसे के लिए कुछ भी कर सकते हैं। वहीं संजय राउत ने अपने आर्टिकल में सोनू सूद और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की मुलाकात पर भी सवाल उठाए। दरअसल हाल ही में सोनू सूद ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी और राज्यपाल ने सोनू सूद के कामों की तारीफ भी की थी।
महाराष्ट्र की सरकार को कर रहे हैं बदनाम
संजय राउत ने आरोप लगाया है कि कुछ राजनीतिक दल सोनू सूद का चेहरा आगे कर रहे हैं। ताकि महाराष्ट्र की सरकार बदनाम हो सके। बीजेपी के नेताओ ने सोनू सूद को प्यादा बनाकर ठाकरे सरकार को नाकाम दिखाना चाहते हैं। इतने झटके और चतुराई के साथ किसी को महत्मा बनाया जा सकता है? कहा जा रहा है कि सोनू सूद ने लाखों प्रवासी मजदूरों को दूसरे राज्यो में मौजूद उनके घर पर पहुंचाया है अर्थात केंद्र और राज्य सरकार ने कुछ भी किया, इस कार्य के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल ने महात्मा सूद को शाबाशी दी। बीजेपी के कुछ लोगों ने सोनू सूद को एडॉप्ट किया है और ये काम चुपके चुपके हुआ है।
संजय राउत ने ये भी कहा कि काम तो कई लोगों ने किया है लेकिन जिस तरह से एक आदमी पर फोकस किया जा रहा है। उससे लगता है कि महाराष्ट्र सरकार कुछ भी नहीं कर रही है। और एक आदमी सड़क पर उतरकर सब कुछ कर रहा है।
बीजेपी ने दिया करार जवाब
#Corona के संकट काल में इंसानियत के नाते #मजदूरों को सड़क पर उतर के सहायता करने वाले @SonuSood पर @rautsanjay61 का बयान दुर्भाग्यपूर्ण खुद की सरकार #Corona से निपटने में नाकाम हो गई ?यह सच्चाई सोनू सूद पर आरोप करके छुप नहीं सकती जिस कामकी सराहना करने की आवश्यकता है उस पर भी आरोप?
— Ram Kadam (@ramkadam) June 7, 2020
संजय राउत की और से लगाए गए इन आरोप पर बीजेपी की भी प्रतिक्रिया आई है और बीजेपी के राम कदम ने कहा कि कोरोना के संकट काल में इंसानियत के नाते मजदूरों को सड़क पर उतर के सहायता करने वाले सोनू सूद पर संजय राउत का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है, खुद की सरकार कोरोना से निपटने में नाकाम हो गई है ? ये सच्चाई सोनू सूद पर आरोप करके छुप नहीं सकती जिस कामकी सराहना करने की आवश्यकता है उस पर भी आरोप?