अध्यात्म

घर के मंदिर में ना रखें इन देवी-दवेताओं की मूर्ति, केवल मंदिर में ही जाकर करें इनकी पूजा

पूजा घर में देवी-देवताओं की मूर्ति रखते हुए काफी तरह ही सावधानी बरतनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार पूजा घर में अधिक मूर्ति नहीं रखनी चाहिए और रखी गई मूर्तियों की रोज सफाई करनी चाहिए। इतना ही नहीं शास्त्रों में ऐसे भगवानों का भी जिक्र किया गया है जिनकी मूर्तियों को पूजा घर में नहीं रखना चाहिए।

शास्त्रों के मुतबाकि कुछ देवी -देवता ऐसे होते हैं जिनकी पूजा केवल मंदिर में ही जाकर करनी चाहिए और पूजा घर में इनकी मूर्ति स्थापित नहीं करनी चाहिए। तो आइए जानते हैं कि वो कौन से देवी-देवता हैं। जिनकी मूर्ति मंदिर में स्थापित ना करने की सलाह शास्त्रों में दी गई है।

शनि देव की मूर्ति

शास्त्रों के अनुसार घर में कभी भी शनि देव की पूजा नहीं करनी चाहिए। हमेशा शनि देव के मंदिर ही जाकर ही इनकी पूजा करें। इसलिए अपने पूजा घर में शनि देव की मूर्ति को ना रखें। अगर आपकी कुंडली में शनि देव भारी हैं तो मंदिर जाकर ही इनकी पूजा करें और इस बात का ध्यान रखें कि पूजा करते समय शनि देव से नजर ना मिलाएं। क्योंकि शनि देव की नजर वक्री है और इनकी पूजा एक ग्रह के तौर पर की जाती है।

मां काली की मूर्ति

 

मां काली की पूजा कई लोगों करते हैं। लेकिन शास्त्रों में मां काली की मूर्ति को घर में रखना सही नहीं माना गया है। दरअसल मां काली ने दानवों का अंत करने के लिए जन्म लिया था। मां काली ने दानवों का अंत करते हुए पूरी दुनिया में प्रलय मचा दिया था। इस प्रलय की ज्वाला में आकर सभी दानव मारे गए थे। वहीं मां का क्रोध शांत करने के लिए शिव जी को आगे आना पड़ा और काफी मुश्किल से मां का क्रोध शांत हो सका।

मां काली की पूजा करने से दुखों का नाश हो जाता है। हालांकि  मां काली की पूजा हमेशा मंदिर में ही जाकर करनी चाहिए और घर में मां की मूर्ति बिलकुल भी ना हो।

भैरव देव की मूर्ति

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार एक बार भगवान ब्रह्मा और विष्णु जी के बीच इस चीज को लेकर वाक्य युद्ध होने लग गया कि उन दोनों में से सबसे श्रेष्ठता को है। इसी दौरान ब्रह्मा और विष्णु जी ने शिव जी से ये प्रश्न किया कि उनमें से सबसे श्रेष्ठता को है। लेकिन इस दौरान ब्रह्मा जी ने गुस्से में आकर शिव जी के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया। जिससे भगवान शिव जी क्रोधित हो गए और इस क्रोध से भैरव देव प्रकट हुए।

भैरव देव को शिव जी का क्रोध स्वरूप माना जाता है इसलिए इनकी मूर्ति को घर में रखना शुभ नहीं होता है। घर में भैरव देव की मूर्ति होने से घर में अशांति बनी रहती है। इसलिए आप भैरव देव की मूर्ति पूजा घर में ना रखें और इनकी पूजा केवल मंदिर में जाकर करें।

हनुमान जी की मूर्ति

हनुमान जी की क्रोधित रुप वाली मूर्ति या तस्वीर पूजा घर में नहीं रखनी चाहिए। हनुमान जी की केवल वहीं मूर्ति अपने पूजा घर में रखें जिसमें ये शांत हों।

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