78 हजार रुपए किलो बिकता है इस गधी के दूध का पनीर, जाने इसके गुण और लाभ
हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी दूर करने के लिए दूध बेहद जरूरी होता है. दूध के अंदर कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक और आइरन जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इससे हमारा शरीर स्ट्रांग बनता है. दूध की सहायता से ही कई तरह के अन्य डेरी प्रोडक्ट्स भी बनते हैं. इनमे दूध से बना पनीर बेहद लोकप्रिय है. लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं. आमतौर पर यह पनीर गाय या भैंस के दूध से बानाया जाता है. इन्हीं के दूध से बना पनीर ज्यादा बिकता भी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जहाँ गधी के दूध का पनीर बनता है.
78 हजार रुपए किलो है इस गधी का पनीर
भारत में सामान्य पनीर 300 से 600 रुपए किलो के आसपास मिल जाता है. लेकिन आज हम आपको जिस गधी से मिलाने जा रहे हैं उसके दूध से बना पनीर लगभग 78 हजार रुपए किलो के हिसाब से बिकता है. यक़ीनन ये रकम सुन आपके भी होश उड़ गए होंगे. आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर इस गधी के दूध से बने पनीर में ऐसा भी क्या ख़ास है जो ये इतने ऊँचे दामों पर बिकता है. दरअसल इस पनीर में कुछ ऐसे विशेष गुण होते हैं जिसके चलते दुनिया में इसकी मांग बहुत अधिक है. लेकिन इसके उत्पादन की बात की जाए तो ये सिर्फ कुछ गिने चुने देश में ही बिकता है.
इस देश में बनता है पनीर
गधी के दूध का पनीर यूरोपीय देश सर्बिया में बानाया जाता है. इसका उत्पादन उत्तरी सर्बिया में स्थित ‘जैसाविका’ नामक फ़ार्म में होता है. इस फ़ार्म में 200 से अधिक गधे पाल रखे हैं. आपको जान हैरानी होगी कि एक गधी दिन भर में एक लीटर दूध भी नही दे पाती है. यदि भारत की जर्सी गायों की बात करें तो वो तो 24 घंटे में 30 लीटर तक का दूध दे देती है. हालाँकि इन गधों में ये क्षमता नहीं होती है. इतना कम दूध देने की वजह से ही इससे बना पनीर महंगा होता है. उदहारण के लिए फार्म में जितने भी गधे हैं उनके दूध से सिर्फ 15 किलो पनीर ही तैयार हो पाता है.
इस प्रजाति के गधों का दूध होता है पौष्टिक
यह महंगा और पौष्टिक पनीर सिर्फ ‘बाल्कन’ (Balkan) प्रजाति के गधों से ही बानाया जाता है. इस प्रजाति के गधे सिर्फ सर्बिया और मांटेनेग्रो में ही मिलते हैं. सर्बिया के पनीर उत्पादक बताते हैं कि एक गधी और इंसानी माँ के दूध में लगभग एक जैसी गुण पाए जाते हैं. यही वजह है कि इस प्रजाति के गधों का दूध इतना पौष्टिक माना जाता है.
इस बिमारी में मिलता है लाभ
‘बाल्कन’ प्रजाति के गधों का दूध या पनीर के सेवन से अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के रोगीयों को लाभ होता है. इसके अलावा जिन लोगो को गाय के दूध से एलर्जी होती है वे भी गधी के दूध या पनीर का इस्तेमाल करते हैं. चुकी इस ख़ास पनीर का उत्पादन बहुत कम मात्रा में हो पाता है इसलिए इसकी कीमत अधिक होती है. 2012 में ये खबर भी आई थी कि सर्बिया के टेनिस स्टार नोवाक जोकोविच इसी पनीर का इस्तेमाल करते हैं. बस इस खबर के वायरल होने के बाद यह ख़ास किस्म का पनीर पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया था. हालाँकि जोकोविच ने इस खबर को सिरे से नकार दिया था.