इस वजह से कृष्ण, स्नान करते हुए गोपियों के चुरा लेते थे कपड़े, मांगा था कपड़ों के बदले ये वादा
भगवान कृष्ण जी के साथ कई सारी कथाएं जुड़ी हुई हैं। जो कि काफी प्रचलित हैं और आज हम आपको भगवान कृष्ण जी और गोपियों की एक ऐसी ही कथा बताने जा रहे हैं। इस कथा के अनुसार कृष्ण जी ने गोपियों को निर्वस्त्र होकर स्नान करने से रोका था। दरअसल गोपियां अक्सर नदी में निर्वस्त्र होकर स्नान किया करती थी। वहीं एक दिन जब सभी गोपियां नदी में स्नान करने लगी तो उस समय कान्हा ने अपने दोस्तों के साथ आकर गोपियों के सारे वस्त्र चुरा लिए और पेड़ पर चढ़ गए।
गोपियों ने जब अपने वस्त्रों को कान्हा के पास देख तो वो हैरान रहे गई और कान्हा से अपने वस्त्र वापस मांगने लगी। लेकिन कान्हा ने गोपियों को वस्त्र देने से मना कर दिया। कान्हा ने गोपियों से कहा कि वो स्वयं नदी से बाहर आकर उनसे वस्त्र ले जाएं। लेकिन गोपियां पूर्ण निर्वस्त्र थी और इसलिए नदी से बाहर नहीं आ सकती थी।
कान्हा को खूब समझाया
गोपियों ने काफी देर तक कान्हा से बहस की और कान्हा को मनाने की कोशिश की। लेकिन कान्हा अपनी जिंद पर अड़ रहे और उन्होंने गोपियों को वस्त्र वापस नहीं किए। कान्हा ने गोपियों से कहा कि वो खुद पानी से बाहर आए और अपने वस्त्र ले लें। लेकिन बिना वस्त्रों के गोपियां जल से बाहर नहीं आ पा रही थी। ये बात गोपियों ने कान्हा को समझाने की कोशिश की और कहा कि जब वो नदी में स्नान करने आईं। तो उस समय इस जगह पर कोई नहीं था। इसलिए उन्होंने अपने वस्त्र खोल दिए और नदी में स्नान करने लग गई।
इस शर्त पर वापस किए वस्त्र
गोपियों की ये बात सुनकर कान्हा हंसने लगे। कान्हा ने गोपियों से कहा कि मैं तो हर समय हर जगह मौजूद होता हूं। आसमान में उड़ते पक्षियों, जमीन पर चलने वाले जीव और जल में मौजूद जीवों ने तुम्हें निर्वस्त्र देख लिया है। यहां तक की जल रूप में मौजूद वरुण देव ने भी तुम्हें नग्न देखा लिया है। इसलिए तुम्हें पानी से बाहर आने में कैसी शर्म आ रही है। कान्हा की ये बात सुन सभी गोपियां चुप हो गई। जिसके बाद कान्हा ने गोपियों को इस शर्त पर उनके कपड़े वापस करने को कहा कि वो आगे से निर्वस्त्र होकर स्नान नहीं करेंगी।
गोपियों ने कान्हा से वादा किया कि वो आगे से कभी भी निर्वस्त्र स्नान नहीं करेंगी। इस वादे के बाद कान्हा ने उन्हें वस्त्र लौटा दिए। इस हादसे के बाद गोपियों ने नदी में निर्वस्त्र होकर स्नान करना बंद कर दिया। इस तरह से कान्हा ने गोपियों के वस्त्र चुराकर उनके नदी में निर्वस्त्र होकर स्नान करने की आदत को छुड़वा दिया।
आस-पास होते हैं पूर्वज
गरुड़ पुराण में भी इस चीज का जिक्र किया गया है कि निर्वस्त्र होकर इंसान को नहीं नहाना चाहिए। दरअसल हमारे आस पास हर समय हमारे पूर्वज होते हैं। इसलिए स्नान करते समय निर्वस्त्र ना हों। ऋषि मुनि भी निर्वस्त्र होकर नहाने से मना करते हैं। इसलिए जब भी आप स्नान करें तो पूरी तरह से निर्वस्त्र ना हों।