अध्यात्म

जानें निर्जला एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, क्यों इसे कहते हैं भीमसेनी एकादशी?

निर्जला एकदाशी या भीमसेनी एकादशी व्रत का कारण महाभारत के एक वृतांत से जुड़ा हुआ है

हिंदू धर्म में व्रत की बहुत ही महत्ता मानी जाती है। आज 2 जून को निर्जला एकादशी यानि ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी का व्रत है। इस एकादशी को भीमसेनी या भीमसैनी एकादशी भी कहते हैं। इसे भीमसैनी कहने का एक कारण महाभारत में पांडवों के एक भाई भीम से जुड़ा हुआ है। हर महीने में दो एकादशी व्रत होते हैं। ये पूर्णिमा की पहली वाली एकादशी है। इस दिन व्रत रखने वाला व्यक्ति सूर्योदय से अगले दिन सूर्योदय तक पानी नहीं पीता। अगर पानी पी लिया जाए तो व्रत टूट जाता है। आपको बताते हैं क्या है निर्जला एकादशी व्रत की पूजा विधि, व्रत कथा और मुहूर्त।

शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारंभ होने का समय दोपहर 2 बजकर 57 मिनट( 1 जून)।

एकादशी तिथि समाप्त दोपहर 12 बजकर 4 मिनट(2 जून) 2020 व्रत सूर्योदय से शुरु।

पारण मुहूर्त सुबह 5 बजकर 23 मिनट से 8 बजकर 8 मिनट (तक 3 जून) सूर्योदय के बाद किया जाएगा।

निर्जला एकादशी व्रत विधि

एकादशी के दिन सुबह सूर्योदय के साथ ही स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। पूरे दिन सिर्फ भगवान के ध्यान में लगे रहना चाहिए। व्रत कर रहे हों तो किसी के बारे में ना बुरा सोचें ना किसी से कुछ बुरा कहें। पूरे दिन और एक रात व्रत रखने के बाद अगली सुबह सूर्योदय के बाद पूजा करनी चाहिए। इसके बाद गरीबों, ब्रह्माणों को दान या भोजन कराना चाहिए। इसके बाद खुद भी भगवान का भोग लगाकर प्रसाद लेना चाहिए। ये व्रत साल भर में एक बार आता है। ऐसे में इस व्रत को जो श्रद्धालु सच्चे मन से व्रत करता है उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती है और उसे स्वर्ग मिलता है।

क्या है निर्जला एकादशी व्रत कथा

महाभारत की कहानी में पांच पांडवों का उल्लेख मिलता है। इसमें भीम को पांचों पांडवों में सबसे शक्तिशाली और भीमकाय बताया गया है। भीमसेन हर किसी से लड़ सकते थे, लेकिन खाने के आगे वो बेबस हो जाते थे। एक बार भीमसेन ने व्यासजी से अपने मन की बात कहीं। उन्होंने कहा- हे पितामह! भ्राता युधिष्ठि, अर्जन, नकुल-सहदेव, माता कुंती और पांचाली सभी मुझे एकादशी का व्रत करने को कहते हैं, परंतु महाराज मैं भगवान की भक्ति, पूजा आदि तो कर सकता हूं, दान भी दे सकता हूं, किंतू भोजन किए बिना नहीं रह सकता।

भीमसेन की बात सुनकर व्यासजी कहते हैं, हे भीमसेन! यदि तुम नरक को बुरा और स्वर्ग को अच्छा समझते हो तो हर महीने की एकादशी को तुम्हें अन्य का त्याग करना होगा तभी तुम्हें स्वर्ग मिल सकता है। इस पर भीम कहते हैं- पितामह!मैं तो पहले ही कह चुका हूं कि मुझसे भूख सहन नहीं होती। हां, अगर वर्ष में एक बार व्रत करना हो तो वो मैं कर सकता हूं। मेरे पेट में वृक नाम की एक अग्नि है जो बिना भोजन के मेरे पेट को जलाती है ऐसे में बिना भोजन के रहना मैं सोच भी नहीं सकता। अतः पूरा उपवास तो क्या मेरे लिए एक समय भी बिना भोजन के रहना बहुत कठिन है।

व्यासजी ने भीमसेन को बताई व्रत विधि

आगे भीम कहते हैं पितामह! आप मुझे एक ऐसा व्रत बताइए जो मुझे वर्ष में केवल एक बार ही करना पड़े और मुझे स्वर्ग भी मिल जाए। इस पर व्यासजी बहुत विचार-विमर्श करते हैं और कहते हैं हे पुत्र! बड़े बड़े ऋषियों ने बहुत शास्त्र आदि बनाए हैं जिनसे बिना धन के थोड़े ही परिश्रम से स्वर्ग की प्राप्ती हो सकती है। इसी प्रकार शास्त्रों में दोनों पक्षों की एकादशी का व्रत मुक्ति के लिए किया जाता है।

व्यासजी की बातें सुनकर भीमसेन घबराने लगते हैं और कहते हैं कि इससे उतर कोई उपाय बताइए। इसके बाद व्यासजी कहते हैं कि वृषभ और मिथन की संक्रांति के बीच ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की जो एकादशी आती है उसका नाम निर्जला है। इस एकादशी में अन्न तो क्या पानी का एक घूंट भी ग्रहण नहीं करना चाहिए। तुम इस दिन एकादशी का व्रत करो।

अन्न जल का ग्रहण होता है निषेध

इस एकादशी के व्रत में सन्नान और आचमन के सिवाय जल का प्रयोग वर्जित है। इस दिन भोजन नहीं करना चाहिए ना ही जल ग्रहण करना चाहिए। अगर ऐसा किया तो व्रत टूट जाएगा और फल नहीं मिलेगा। इस एकादशी में सूर्योदय से शुरु होकर द्वादशी के सूर्योदय तक व्रत रखा जाता है। व्रत के अगले दिन पूजा करने के बाद व्रत का पारण करना चाहिए।

व्यासजी ने जो व्रत भीम को बताया था वो स्वयं उन्हें भगवान ने बताया था। इसके बाद भीम जी ने एक वक्त का व्रत किया और उन्हें अंत में स्वर्ग प्राप्ती हुई थी। इस व्रत को जो मनुष्य सच्चे मन से करता है उसकी सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं और मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। वो मनुष्य समस्त पापों से मुक्त हो जाता है और उसे स्वर्ग की प्राप्ती होती है।

Back to top button
https://ndi.fda.moph.go.th/ agen slot gacor
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet galaxy7bet https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/ dreamplay77 oneplay77 monte77
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/ https://b-happyrealisatie.com/ https://b-smartfundering.com/ http://context2.ai/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://www.mmsu.edu.ph/storage/uploads/xgacor/ https://alumni.mmsu.edu.ph/storage/uploads/hitam/ https://sas.mmsu.edu.ph/storage/uploads/thailand/ https://ieg.mmsu.edu.ph/storage/uploads/pulsa/
slot gacor jp slot gacor slot thailand https://www.lanuovaguida.it/ slot thailand https://nouakchot.com/ slot gacor maxwin scatter hitam slot gacor slot demo slot demo https://repdtrackingsystem.basc.edu.ph/ https://qread.basc.edu.ph/ https://confirms.basc.edu.ph/ https://officialstore.it.com/ https://ecourse-lpug.gunadarma.ac.id/data/ https://unilinkindia.com/ https://161.35.239.72/ https://64.23.174.29/ https://rosalindwilliams.com/ https://zygmarketing.site/ https://leaderships.la/ http://www.oyo-hotel-ciater.epizy.com/data/ https://akuview.com/ https://www.akarta.es/ https://www.jamesjoyceristopub.it/ https://banarasiniketan.com/index.php slot gacor
https://biolinku.co/galaxy77bet https://biolinku.co/agen77bet https://biolinku.co/marvel77 https://biolinku.co/taipan77 https://biolinku.co/republik77 https://biolinku.co/pegasusplay77 https://biolinku.co/playwin77 https://biolinku.co/darumaplay77 https://biolinku.co/asiaplay17 https://heylink.me/galaxy77bet+/ https://duniabiru.lol/ galaxy77bet galaxy77bet galaxy77bet alexis17