रास्ते से चोरी हो गयी थी बाइक,लेकिन एक दिन अचानक से वही बाइक किसी ने पार्सल कर दी, जानिये मामला
कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर गरीब और मजदूर वर्ग इसकी सबसे अधिक मार झेल रहा है. लॉकडाउन के कारण इन मजदूरों के पास कोई काम नहीं है. ये घर से दूर गैर शहर में बेरोजगार बैठे हैं. ऐसे में कई घर जाने को बेताब है. कुछ पैदल ही घर से निकल रहे हैं तो कुछ कई किलोमीटर साईकिल चलाकर अपने गंतव्य तक पहुँच रहे हैं.
मजबूरी ऐसी है कि भूख और पैसो की कंगाली के चलते अच्छे अच्छे इंसानों की नियत डगमगा रही है. अब तमिलनाडु के कोयंबतूर में चाय की छोटी सी दूकान में काम करने वाले इस शख्स को ही ले लीजिए. इस शख्स ने अपने परिवार को घर ले जाने के लिए पहले एक मोटरसाईकिल चुराई और फिर उसे पार्सल कर मालिक को वापस भी भेज दी. आइए इस मामले को विस्तार से जानते हैं.
ऐसे चोरी हुई बाइक
बाइक का मालिक सुरेश कुमार कोयंबतूर से 20 किलोमीटर दूर सुलुर में लेथ वर्कशॉप चलाता है. 18 मई को कुमार को अपनी वर्कशॉप में कुछ पेंडिंग काम निपटाना था. ऐसे में उसने हमेशा की तरह अपनी बाइक बिल्डिंग के बाहर खड़ी कर दी थी. जब वो काम कर बाहर निकला तो बिल्डिंग के बाहर उसकी बाइक नहीं थी. इसके बाद वो नजदीकी पुलिस स्टेशन गया जहाँ उसकी शिकायत रजिस्टर नहीं हो सकी. दरअसल पुलिस लॉकडाउन ड्यूटी की वजह से व्यस्त थी.
सीसीटीवी फुटेज में दिखा चोर
पुलिस से कोई ख़ास मदद नहीं मिली तो कुमार अपने लेवल पर बाइक चोर को ढूँढने की कोशिश करने लगा. पहले वो उस बिल्डिंग के मालिक के पास गया जहाँ उसने अपनी बाइक खड़ी की थी. बिल्डिंग का सीसीटीवी फुटेज देखने पर उसे पता चला कि एक शर्ट पेंट पहना बिना चप्पल वाला आदमी उसकी बाइक लेकर भाग गया.
चाय बेचने वाला निकला चोर
कुमार ने जब ये सीसीटीवी फुटेज कुछ स्थानीय लोगो को दिखाया तो चोर की पहचान प्रशांत नाम के शख्स के रूप में हुई. प्रशांत उसी एरिया में पिछले दो सालों से दो चाय की दुकानों पर काम कर चूका है. जानकारी हाथ लगने पर कुमार प्रशांत के घर गए लेकिन वहां जाकर पता चला कि मकान में कोई नहीं है, वे लोग परिवार सहित अपने होमटाउन ठंजवुर (कोयंबतूर से 268 KM दूर) चले गए. कुमार ने बाद में भी उसका पता लगाने की बहुत कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
चोर ने पार्सल से भेजी बाइक
इस घटना के करीब दो सप्ताह बाद कुमार के पास एक पार्सल कंपनी से कॉल आया. जब कुमार वहां गया और अपनी बाइक को देख हैरान रह गया. दरअसल चोर ने बाइक को उसके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पर छपे पते पर पार्सल कर दिया था. हालाँकि कुमार को बाइक वापस लेने के लिए पार्सल कंपनी को लगेज और पैकेजिंग के 1400 रुपए देने पड़े.
गौरतलब है कि इसके पहले ऐसा ही एक और वाक्या सामने आया था जब एक प्रवासी मजदूर ने अपने विकलांग बच्चे को घर ले जाने के लिए साईकिल चुराई थी. तब उसने साईकिल के मालिक के लिए एक माफ़ी वाला नोट भी छोड़ा था.