उड़ते थोड़े न थे, कुर्सी पर खड़े रहते थे रामायण के हनुमान, जानिए कैसे शूट होते थे उनके सीन
कोरोना महामारी की वजह से देश भर में लगे लॉकडाउन की वजह से जब से दूरदर्शन पर नब्बे के दशक के रामायण सीरियल का प्रसारण दोबारा किया गया था, तब से रामायण की शूटिंग से जुड़े हुए कई किस्से लगातार सोशल मीडिया में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी की ओर से शेयर किए जा रहे हैं। सुनील लहरी अपने प्रशंसकों से बातचीत में हर दिन एपिसोड के हिसाब से इसके राज को उजागर कर रहे हैं। इसी क्रम में रामानंद सागर की रामायण में हनुमान की भूमिका निभाने वाले दारा सिंह के किरदार को लेकर सुनील लहरी की ओर से एक नए राज का खुलासा किया गया है।
मजेदार रहा ये सीन
Ramayan 25 shooting Ke Piche Ki Kuch jankari chatpati baten pic.twitter.com/b3HlH2HZbh
— Sunil lahri (@LahriSunil) May 30, 2020
सुनील लहरी ने बताया है कि रामायण में हनुमानजी को इधर-उधर उड़ते हुए बहुत देखा गया है, मगर शूटिंग के दौरान असल में वे उड़ नहीं रहे थे। वे तो कुर्सी या स्टूल पर बस खड़े कर दिए जाते थे। जी हां, सुनील लहरी ने बताया है कि हनुमान जी के कंधे पर जब राम और लक्ष्मण को बैठाने वाला सीन शूट किया गया था तो वह उन सभी के लिए बहुत ही मजेदार रहा था और उन्होंने शूटिंग के साथ इसका खूब लुत्फ भी उठाया था।
कैसे बना ये सीन?
रामायण के इस सीन में देखने को मिलता है कि हनुमान जी राम और लक्ष्मण को अपने कंधे पर बैठाकर वायु मार्ग से लेकर जाते हैं। रामायण का जो यह सीन क्रिएट किया गया है, इसके लिए क्रोमा तकनीक को इस्तेमाल में लाया गया था। इसके बाद कई स्पेशल इफेक्ट्स भी इसमें डाले गए थे। तब जाकर वह सीन तैयार हो सका, जिसे दर्शकों ने रामायण सीरियल में देखा है।
स्टूल पर थे खड़े
क्रोमा तकनीक और स्पेशल इफेक्ट्स का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया था कि ऊंचाई पर हनुमान जी किस तरीके से उड़ रहे हैं। सुनील लहरी के मुताबिक उन्हें ऊंचाई पर दिखाने के लिए दो स्टूल पर खड़ा कर दिया गया था। ब्लू क्रोमा और स्टूल पर भी ब्लू रंग चढ़ा कर इस सीन की शूटिंग की गई थी। हनुमान जी के बड़े-बड़े हाथ दिखाने थे तो इसके लिए एक रैंप तैयार किया गया था। इसी पर चढ़कर राम और लक्ष्मण जी गए थे और हनुमान जी के कंधे पर वे जा बैठे थे।
पहले लगा था अटपटा
सुनील लहरी ने बताया कि इस सीन की जो शूटिंग हुई थी, वह काफी हद तक केवल इमेजिनेशन थी। सुनील लहरी और अरुण गोविल को कुछ पता ही नहीं चल रहा था कि आखिर हो क्या रहा था। कैमरे के पीछे से जो निर्देश उन्हें दिए जा रहे थे, वे बस उसी को लगातार फॉलो करते जा रहे थे। जिस वक्त इस सीन की शूटिंग चल रही थी, उस वक्त अरुण गोविल और सुनील लहरी को यह सीन बड़ा ही अटपटा लग रहा था। हालांकि, जब एडिट होकर यह उनके सामने आया था तो उन्हें यह बहुत ही खूबसूरत लगा था। बाद में दर्शकों को भी यह बड़ा पसंद आया।
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