ठन ठन गोपाल हुई दिल्ली की केजरीवाल सरकार, केंद्र सरकार से लगाई 5000 करोड़ के मदद की गुहार
दिल्ली सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए नहीं हैं पैसे , भयानक आर्थिक तंगी हो गई है
कोरोना वायरस की स्थिति देश में दिनों दिन भयावह होती जा रही है। कोरोना पॉजिटीव मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होने से तमाम राज्य सरकारें अब चिंता में हैं। सरकारों के सामने अब नए नए संकट पैदा होते जा रहे हैं। केंद्र की ओर से कोरोना जैसे घातक बीमारी के रोकथाम के लिए देशव्यापी तालाबंदी की गई है। 25 मार्च से जारी लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई को खत्म होने वाला है। इससे पहले 30 मई को गृह मंत्रालय की ओर से लॉकडाउन के 5वें चरण की घोषणा कर दी गई है, जिसकी मियाद 1 जून से 30 जून तक है। हालांकि, 5वें चरण में देशभर में कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी जगहों पर बड़ी रियायतें दी गई हैं। साथ ही गृह मंत्रालय ने अपने नए गाइडलाइन में कहा है कि, देशव्यापी गतिविधियों को 3 चरणों में खोला जाएगा।
दिल्ली सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए नहीं हैं पैसे
अभी लॉकडाउन की वजह से सभी आर्थिक गतिविधियों समेत उद्योग धंधे भी बंद हैं। ऐसे विषम स्थिति में तमाम राज्यों के सरकारों के इनकम यानी आय पर भी विपरित प्रभाव पड़ा है। इस बीच दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया है कि दिल्ली सरकार के सामने अपने कर्मचारियों को सैलरी देने का संकट पैदा हो गया है। दिल्ली सरकार के डिप्टी सीएम का ऐसा बयान साफ दिखाता है कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार अब ठन ठन गोपाल हो चुकी है।
केंद्र सरकार से निवेदन है कि आपदा की इस घड़ी में दिल्ली के लोगों की मदद करे। https://t.co/Z82D7UEZDo
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 31, 2020
भयानक आर्थिक तंगी से गुजर रही है दिल्ली सरकार
मनीष सिसोदिया ने साफ बताया है कि, कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से दिल्ली सरकार के सामने भयानक आर्थिक तंगी हो गई है। उन्होंने बताया कि, पिछले दो महीने में टैक्स वसूली के नाम पर दिल्ली सरकार के पास कुल एक हजार करोड़ रूपए का ही राजस्व आया है। सिसिदिया ने कहा कि, कर वसूली के अलावा दूसरे स्त्रोतों से सिर्फ 725 करोड़ रुपए ही सरकार के खजाने में आए हैं। उन्होंने कहा कि, इतने कम आय से अब सरकार के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने का संकट आ गया है।
We reviewed Delhi govt’s revenue & its min.expenses. It needs around Rs 3500 Cr/month to pay salaries&bear office expenses. In last 2 months GST collection was Rs 500 Cr each. Combining that with other sources, the govt has Rs 1735 Cr. We need Rs 7000 Cr,for 2 months: Delhi Dy CM pic.twitter.com/woXPsEw9ZO
— ANI (@ANI) May 31, 2020
दिल्ली के डिप्टी सीएम ने आंकड़ों के साथ बताया कि सरकार का अपने कर्मचारियों को वेतन देने का खर्च प्रतिमाह 3500 करोड़ रूपए है, लेकिन सरकार के पास इस माह सिर्फ 1725 करोड़ रूपए ही आए हैं। यानि कुल व्यय के आधे से कम आय हुई है। अब देखना ये होगा कि दिल्ली सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए दूसरा कौन सा उपाय अपनाती है।
आपदा प्रबंधन का नहीं मिला है पैसा – मनीष सिसोदिया
मैंने केंद्रीय वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखकर दिल्ली के लिए 5 हज़ार करोड़ रुपए की राशि की माँग की है.
कोरोना व लॉकडाउन की वजह से दिल्ली सरकार का टैक्स कलेक्शन क़रीब 85% नीचे चल रहा है. केंद्र की ओर से बाक़ी राज्यों को जारी आपदा राहत कोष से भी कोई राशि दिल्ली को नहीं मिली है.
— Manish Sisodia (@msisodia) May 31, 2020
दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि, दिल्ली सरकार को अभी तक आपदा प्रबंधन की रकम प्राप्त नहीं हुई है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस समय कोरोना के कारण पैदा हुए विकट परिस्थिति से लड़ने के लिए दिल्ली सरकार को 7 हजार करोड़ रूपए की आवश्यकता है। डिप्टी सीएम ने कहा कि कोविड19 और लॉकडाउन के बाद मौजूदा आर्थिक हालात काफी खस्ता हो चुके हैं। इसे देखते हुए हमने केंद्र से 5000 करोड़ रूपए की मदद मांगी है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखकर हालात से रूबरू करवाया गया है।
कपिल मिश्रा ने साधा निशाना
इन्हें और पैसे चाहिए
सारे पैसे नशे में उड़ा दिएटीवी पर सुबह शाम सिर्फ खुद का चेहरा देखने का नशा, अखबारों में सिर्फ खुद की फ़ोटो का नशा, रेडियो पर सिर्फ खुद की आवाज का नशा
विज्ञापनों में करोड़ो अरबों फूंक कर नशे में मस्त केजरीवाल कह रहे हैं कर्मचारियों की सैलरी का पैसा ख़तम https://t.co/kpbBKc1FM6
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) May 31, 2020
केजरीवाल सरकार द्वारा केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाने पर कपिल मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि सारा खर्च तो विज्ञापन पर कर दिया, तो सैलेरी देने के लिए पैसा कैसे बचेगा?