कोरोना महामारी से परेशान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने WHO को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि WHO से हम अपने सारे संबंध खत्म कर रहे हैं। ये संगठन पूरी तरह से चीन के कब्जे में हैं और अब हम विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) से खुद को अलग करना चाहते हैं। बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले भी WHO से अपने करार खत्म करने के संकेत दिए थे। उनका कहना था कि संगठन इतने बड़े स्तर पर काम करने के बावजूद भी कोरोना से वायरस के बारे में पता लगाने और रोकने में नाकामयाब रहा है।
ट्रंप ने चीन और WHO पर लगाए आरोप
ट्रंप ने कहा कि WHO पूरी तरह से चीन के नियंत्रण में है। अमेरिका से इस संगठन को करीब 450 मिलियन डॉलर का भुगतान किया जाता है वहीं चीन की तरफ से 40 मिलियन डॉलर प्रति वर्ष का ही भुगतान होता है इसके बावजूद WHO पूरी तरह से चीन के कंट्रोल में हैं। WHO कोरोना जैसी महामारी को रोकने में असफल रहा है और शुरुआती स्तर पर भी इसकी कोशिशे नाकाम रही हैं। अब चूंकि देश में सुधार की जरुरत है तो आज हम WHO के साथ अपने संबंध खत्म कर रहे हैं।
#WATCH “China has total control over WHO despite only paying $40 million a year compared to what US has been paying which is approx $450 million a year.Because they have failed to make requested&needed reforms today we will be terminating our relationship with WHO”: US President pic.twitter.com/4i4DlCHhqc
— ANI (@ANI) May 29, 2020
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इसके साथ ये जानकारी भी दी की जो फंड अमेरिका WHO को देता था वो ही फंड अब जनता के स्वास्थ्य की दिशा में काम करने वाले किसी दूसरे संस्थान को दिए जाएंगे। बता दें कि अमेरिका ने WHO पर बहुत पहले ही ऐसे सवाल खड़े किए थे और उसे दी जाने वाली सहायता राशि पर रोक भी लगा दी थी। उनका कहना है कि WHO पर पूरी तरह से चीन का कब्जा है ऐसे में अमेरिका से इस संस्था को क्यों मदद मिले?
चीन को लेकर सख्त हुए ट्रंप
ट्रंप ने चीन पर आरोप लगाते हुए कहा कि सालों से चीन की सरकार ने हमारे औद्योगिक रहस्यों को चुराने के लिए गलत तरीके से जासूसी की है। आज मैं हमारे देश के महत्वपूर्ण विश्वविद्यालय अनुंसंधान को बेहतर ढंग से सुरक्षित रखने के लिए एक घोषणा जारी करुंगा साथ ही संभावित विदेशी जोखिमो के रुप में पहचाने जाने वाले चीन के कुछ विदेशी नागरिकों के आने पर भी रोक लगा दूंगा।
आगे ट्रंप ने कहा कि हांगकांग के खिलाफ चीनी सरकार का नया कदम उसके दबदबे को कम कर रहा है। ये हांगकांग के लोगों, चीन के लोगों और वास्तव में दुनिया के सभी लोगों के लिए श्रासदी है। बता दें कि कोरोना महामारी से पूरी दुनिया लड़ रही है। वहीं कुछ देश ऐसे हैं जो इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं । इस महामारी से करीब 5,878,701 लोग संक्रमित हो चुके हैं जिसमें 362,769 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
इस महामारी से सबसे ज्यादा त्रस्त अमेरिका रहा है जहां संक्रमितों के आंकड़े 1,735,971 तक पहुंच चुके हैं और इसमें करीब 102,323 लोगों की मौत हो चुकी हैं। अमेरिका में अभी तक 1 लाख से ज्यादा लोग मर चुके हैं और आज भी मौत का ये तांडव रुकने का नाम नहीं ले रहा। अमेरिका के अलावा और भी बहुत से देश हैं जो इस बीमारी से पीड़ित हैं।भारत में भी 1 लाख 60 हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और ये बीमारी बढ़ती ही जा रही है।
क्या करता है WHO
ये वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन हैं जिसे हर देश अपनी ओर से सहायता राशि देता है ताकी दुनिया में आने वाली किसी परेशानी से लड़ने के लिए उसकी मद कर सके। बीते दिनों WHO की तरफ से ये बयान जारी किया गया था कि उसका मौजूदा बजट 23 बिलियन डॉलर है। ये वैश्विक संस्था के हिसाब से काफी कम है। इसके साथ ही अमेरिकी की तरफ से मिलने वाली फंडिंग भी रुक गई है ऐसे में यहां और पैसों की जरुरत है।
गौरतलब है कि अमेरिका के अलावा और भी बहुत से ऐसे देश हैं जिन्होंने WHO पर ऐसे ही आरोप लगाए हैं। उन देशों का कहना है कि संगठन को इस बीमारी के बारे में दिसंबर से पता था, लेकिन उसने दुनिया को इसकी जानकारी नहीं दी और अब बहुत से देश इस तबाही को झेल रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ WHO ने ऐलान किया है कि एक नया फाउंडेशन बनाया जाएगा जिसके तहत किसी महामारी से निपटने के लिए फंडिंग जुटाई जाएगी। इसमें सिर्फ बड़े देशों से ही नहीं बल्कि आम लोगों से भी मदद ली जाएगी।