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‘पापा आपकी बीवी को बोल देना रोने का नाटक ना करें’ यह लिख फंदे पर झूल गई 19 वर्षीय लड़की
सुसाइड एक ऐसी चीज है जो किसी को भी नहीं करना चाहिए. आप चाहे कितनी भी बड़ी मुसीबत में हो, कितने भी दुखी हो, लेकिन मौत को गले लगा लेना कोई उपाय नहीं होता है. समय के साथ सब कुछ सही हो जाता है. कोशिश करने पर हर समस्या का हल मिल ही जाता है. लेकिन कुछ लोग ये बात समझ नहीं पाते हैं और जिंदगी से हारकर मौत को गले लगा लेते हैं. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में देखने को मिला है. यहाँ 12वीं क्लास में पढ़ने वाली एक स्टूडेंट ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. लड़की ने खुदखुशी करने के पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा जिसमें अपनी मौत का जिम्मेदार माँ और छोटी बहन को बाताया है.
पिता को फंदे पर लटकी मिली बेटी
ये मामला इंदौर के विजयश्री नगर का बाताया जा रहा है. एरोड्रम टीआई अशोक पाटीदार के अनुसार 19 साल की छात्रा के पिता रिक्शा चलाते हैं. पिता ने पुलिस को बाताया कि मेरी बेटी बुधवार करीब साढ़े 11 बजे कमरे में सोने चली गई थी. इसके बाद अगले दिन साढ़े पांच बजे उठा तो बेटी का दरवाजा खटखटाया. आवाज देने के बाद भी कोई जवाब नहीं आया. ऐसे में किचन की खिड़की से झाका तो बेटी साड़ी से बड़े फंदे से पंखे झूल रही थी. फिर मेरी पत्नी और मैं खिड़की से कमरे में घुसे और बेटी को उतारा, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. इसके बाद मैंने साले को पूरी बात बताई और उसी ने पुलिस को कॉल कर बुलाया.
ये था सुसाइड नोट में
आत्महत्या करने के पहले युवती ने एक सुसाइड नोट भी लिखा था जो इस प्रकार है – पापा ऐसा करने के लिए मुझे माफ़ कर देना. इस घर में मुझे कोई पसंद नहीं करता था और ना ही किसी को मुझ से प्यार था. आपको था या नहीं पता नहीं. मैंने जो किया उसकी वजह सिर्फ दो लोग हैं- आपकी पत्नी और आपकी बेटी. इनको मैं बुरी लगती थी. ये दोनों रात-दिन यही दुआ करते थे कि मैं भगवान पास चली जाऊं. अब मैंने इनकी इच्छा पूरी कर दी. एक बात और आपकी पत्नी को बोल देना कि रोने का नाटक ना करे. यदि मेरी आत्मा की शान्ति चाहते हैं. घर में जिस जिस को मुझ से प्रॉब्लम थी वे अब खुश हो जाएं.
सब उसे प्यार करते थे – पिता
वहीं पिता का कहना है कि घर में सभी उससे प्यार करते थे. वो सबकी चहेती थी. उसने ऐसा क्यों किया समझ नहीं आ रहा. उसे हॉकी खेलना पसंद था. लोडिंग गाड़ी चलाकर मैं उसे पढ़ाता था, खेलने के लिए कई जिलों में भी भेजा था. हाँ वो थोड़ी जिद्दी जरूर थी लेकिन मैं अपनी हैसियत के अनुसार उसकी हर जिद पूरी करता था. बस इसी लिए कभी – कभी थोड़ा डांट दिया करता था.
यक़ीनन ये घटना बेहद दुखद है. अक्सर घर में होने वाली समस्याओं के चलते लोग दुखी रहते हैं. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आप अपनी जान ही दे दें. आत्महत्या किसी भी समस्या का हल नहीं है. ये बात समझना जरूरी है.