विज्ञान से परे थी 88 वर्षीय प्रहलाद जानी की जिंदगी, बिना कुछ खाएं बिताया था जीवन, मोदी भी थे मुरीद
योगी प्रहलाद जानी का निधन हो गया है और अब ये हम लोगों के बीच में नहीं रहे हैं। योगी प्रहलाद जानी एक जाने माने बाबा थे जिन्होंने वैज्ञानिकों को भी हैरान कर दिया था और देश के बड़े नेता भी इनके मुरीद थे। दरअसल योगी प्रहलाद जानी ने कई सालों से अनाज को त्याग दिया था और बिना कुछ खाए-पीए भी इनकी ऊर्जा कम नहीं थी और ये आम इंसान की तरह ही रहते थे।
आखिर कैसे कोई इंसान इतने सालों तक कुछ खाए और पीए बिना रहे सकता है? ये सवाल कई वैज्ञानिकों के मन में उठा और इस सवाल का जवाब पाने के लिए वैज्ञानिकों ने गुजरात के योगी प्रहलाद जानी की जांच की, जिससे हर कोई हैरान रहे गया। क्योंकि योगी प्रहलाद जानी का बिना कुछ खाए पीए रहने का दावा सच साबित हुआ।
आज भी बना हुआ है इनका जीवन रहस्य
प्रहलाद जानी की खबरें बीबीसी और अलजजीरा समेत तमाम विदेशी मीडिया में भी दिखाई गई थी। वहीं प्रहलाद जानी के कई सालों तक भूख रहने के दावे की जांच करने के लिए रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली जानी-मानी संस्था डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की टीम ने इनको अपनी निगरानी में रखा। प्रहलाद जानी पर 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी गई। 15 दिनों तक वैज्ञानिकों ने इनपर नजर रखी और इस दौरान प्रहलाद जानी ने किसी भी चीज का ना तो सेवन किया और ना ही पानी पीया।
वहीं जब इनका टेस्ट किया गया तो पाया गया कि इनके शरीर में हीमोग्लोबीन की मात्रा 10-12 के बीच बनी हुई है। जिससे हर कोई हैरान रहे गया। क्योंकि बिना खाए पीए भी इनके शरीर में खून की मात्रा एकदम सही थी। यहां तक की उनके आश्रम के पेड़-पौधों का भी टेस्ट किया गया था। देश के रक्षा और विकास अनुसंधान की और से बाबा जानी पर की गई रिसर्च का कोई भी नतीजा सामने नहीं आया। ये कैसे अनाज त्याग कर एकदम फिट थे ये आज भी रहस्य बना हुआ है।
प्रख्यात न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर शाह ने इनकी दो बार जांच की। इस दौरान उन्होंने पाया कि न तो इन्होंने कुछ खाया और न ही पिया। या तक की इन्होंने मूत्र त्याग और शौच भी नहीं किया। इनका कहना था कि इतने वर्षों में इनका शारीरिक ट्रांसफार्मेशन हो चुका है।डॉक्टर एंटन लूंगर मेटाबॉलिक एक्सपर्ट के अनुसार ये उनकी कल्पना से भी परे है। डॉक्टर वुल्फगेंग मॉर्केल जो एक न्यूट्रीशियन एक्सपर्ट हैं, वो भी इस चीज से हैरान है कि इतने वर्षों तक बिना खाना खाए, पानी पिए और बिना ऊर्जा के जिंदा रहना असंभव है।
इस वजह से नहीं लगती भूख प्यास
इन्हें लोग ‘चुनरी वाली माता’ के नाम से पुकारते थे। ऐसा कहा जाता है कि इनकी जुबान पर तीन कन्याओं ने अंगुली रखी थी। जिसके बाद से इनकी भूख और प्यास दोनों ही खत्म हो गईं थी।
राजनीति हस्तियां भी थी हैरान
कई सारी राजनीति हस्तियां योगी प्रहलाद जानी की मुरीद थी और पीएम मोदी तो इनके आश्रम भी जा चुके हैं। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम इनकी जीवनशैली के रहस्य को लेकर काफी उत्सुक थे।
हर बीमारी का था इलाज
बाबा जानी का ये दावा भी था कि उनके पास एड्स, एचआइवी जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज है और इन बीमारियों को एक फल से सही किया जा सकता है। साथ में ही निसंतान व्यक्तियों का भी इलाज करने का दावा इन्होंने किया था।
प्रहलाद जानी का जन्म 13 अगस्त 1929 को हुआ था। इनके कुल 5 भाई और एक बहन थे। 10 साल की उम्र में इन्होंने अध्यात्मिक जीवन चुना था और इन्होंने महाबलेश्वर सहित गई जगहों पर जाकर तपस्या की थी। ये माता अंबे को खूब मानते थे और साड़ी, सिंदूर और नाक में नथ पहना करते थे। 50 सालों से ये अंबाजी मंदिर की शेष नाग के आकार वाली गुफा के पास रह रहे थे। वहीं 88 वर्ष की आयु में इन्होंने दुनिया को अब अलविदा कह दिया है।