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इन 5 वजहों से रेलवे ट्रैक के बीच बिछाए जाते हैं पत्थर, जान लेंगे तो दांतों तले दबा लेंगे उंगलियां

रेलवे के ट्रैक को बनाने के लिए पटरी बनाई जाती हैं और इनके अंदर पत्थर भरे जाते हैं। जिसके बाद इन पटरियों पर ट्रेनों को चलाया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों रेल की पटरियों के बीच छोटे-छोटे पत्थर बिछाए जाते हैं और ये पत्थर क्यों इतने जरूरी होते हैं। ट्रैक के बीच इन पत्थरों को बिछाने से कई सारे कारण जुड़े हुए हैं और आज हम आपको ये सभी कारण बताने जा रहे हैं।

रेलवे ट्रैक को बनाने के लिए पहले के समय में इस्पात और लड़कियों की मदद ली जाती थी। इन दोनों चीजों की मदद से रेलवे का ट्रैक तैयार किया जाता है। लेकिन अब रेलवे का ट्रैक बनाने के लिए लकड़ी का प्रयोग नहीं किया जाता है और इसकी जगह सीमेंट की आयताकार सिल्लियों को लगाई जाती है। जिसे स्लीपर्स” के नाम से जाना जाता है। इसके बाद इनमें पत्थर भरे जाते हैं।

इन 5 वजहों से रेल की पटरियों के बीच बिछाए जाते हैं पत्थर

पहला कारण

जब ट्रेन ट्रैक से गुजरती है तो काफी कंपन होता है और ट्रेन का पूरा भार पटरियों पर आ जाता है। पटरियों को ट्रेन के भार से बचाने के लिए इनके बीच ये पत्थर डाले जाते हैं। ताकि ट्रेन का भार इन पत्थरों पर आ जाए। साथ में ही इन पत्थरों की वजह से ट्रेन गुजरते समय ट्रैक पर संतुलन भी बना रहता है और जमीन पर पूरा बोझ नहीं पड़ता है।

दूसरा कारण

रेल की पटरियों के बीच पत्थर बिछाने की जो दूसरी वजह है उसके मुताबिक पत्थर बिछे होने से बारिश के समय ट्रैक पर पानी जमा नहीं होता है। साथ में ही रेल की पटरियों के बीच और उसके दोनों ओर कीचड़ भी नहीं होता है। जिसकी वजह से ट्रेन आसानी से पटरी के ऊपर से गुजर जाती है।

तीसरा कारण

रेल की पटरियों के बीच पत्थर होने से ट्रेन गुजरते समय ज्यादा आवाजा पैदा नहीं करती है और ऐसा होने पर ध्वनि प्रदूषण से भी बचाव होता हैl

चौथा कारण

झाड़ियां उगने की वजह से ट्रेन गुजरने में कठिनाई होती है। लेकिन रेल ट्रैक पर पत्थर होने के कारण पटरी के पर झाड़ियां नहीं उग पाती हैं।

पांचवा कारण

अधिक गर्मी और तेज़ धूप होने के कारण पटरियों में फैलाव होता है और ये फैल जाती हैं। जबकि सर्दी के मौसम में ये सिकुड़न जाती हैं। लेकिन पत्थर होने के कारण इस बदलवा का असर ट्रैक पर नहीं पड़ता है।

रेलवे से जुड़ी रोचक जानकारी

  • रेलवे की स्थापित 16 अप्रैल, 1853 में हुई थी।
  • साल 2018–2019 में रेलवे का राजस्व, 1.97 लाख करोड़ रुपये था।
  • भारतीय रेलवे में 1.4 मिलियन से अधिक लोगों काम करते हैं यानी रेलवे ने काफी अधिक संख्या में लोगों को रोजगार दिया हुआ है।
  • भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है।
  • 2015-16 तक भारतीय रेलवे नेटवर्क 66,687 किमी क्षेत्र में फैला हुआ है।
  • रेलवे के अंतर्गत 7,216 स्टेशन हैं।
  • साल 2017 तक रेलवे के ट्रैक की लंबाई 121,407 किलोमीटर की थी।
  • भारत में रेलवे का जाल खूब फैला हुआ है और हर रोज करीब 2.5 करोड़ यात्री रेलवे में सफर करते हैं।
  • भारतीय रेलवे काफी पुरानी है और भारत में रेलवे की शुरुआत अंग्रेजों द्वारा की गई थी।
  • भारत में रेलवे का ट्रैक हर राज्य में अच्छे से फैला हुए हैं और लगभग हर राज्य रेल सेवा से जुड़े हुए हैं।

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