इस मंदिर के महंत हैं योगी आदित्यनाथ, त्रेतायुग से जल रही है अखंड ज्योति!
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में संत गोरखनाथ जी का मंदिर स्थित है, यह बहुत ही पुराना और प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर का परिसर 52 एकड़ में फैला है। बाबा गोरखनाथ के नाम पर ही इस जिले का नाम गोरखपुर पड़ा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यूपी के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसी मंदिर के महंत हैं। इस मंदिर में हर साल मकर संक्रांति के समय विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले को खिचड़ी के मेले के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में भक्त इस मेले में शामिल होने के लिए आते हैं।
इसी स्थान पर लगाई थी समाधी:
प्राचीन कथा के अनुसार गोरखनाथ जी ने ज्वाला देवी के स्थान से होते होते हुए भगवती राप्ती के तटवर्ती क्षेत्रों में तपस्या की थी, जहां वर्तमान में गोरखनाथ मंदिर की स्थापना की गयी है। ऐसा कहा जाता है कि इसी स्थान पर उन्होंने अपनी समाधी भी लगाईं थी। गोरखनाथ जी का जो भी प्रतिनिधि होता है उस सम्मानित संत को महंत की उपाधि दी जाती है। इस मंदिर के पहले महंत श्री वरद्राथ जी महाराज थे। ऐसा कहा जाता है कि वह गोरखनाथ जी के शिष्य भी थे। इस मंदिर के दूसरे महंत के रूप में बुद्ध नाथ जी को चुना गया था।
चरण पादुकाओं की होती है विधिवत पूजा:
मंदिर के अन्दर मुख्य वेदी पर सफेद रंग के संगमरमर की गुरु गोरखनाथ जी की प्रतिमा स्थापित की गई है। इस जगह पर गुरु गोरखनाथ जी की चरण पादुकाओं को भी रखा गया है। उनकी चरण पादुकाओं की प्रतिदिन विधिवत पूजा-अर्चना भी की जाती है। केवल यही नहीं मंदिर के अन्दर अनेक देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं।
कई बार हुए इस मंदिर को नष्ट करने के प्रयास:
14वीं सदी में इस मंदिर पर मुस्लिम सम्राट अलाउद्दीन खिलजी ने आक्रमण करके इसे नष्ट कर दिया था और यहां के साधकों को निकाल दिया था। इसके बाद फिर से इस मंदिर को बनाया गया, लेकिन 18वीं सदी में पुनः मुगल शासक औरंगजेब ने इसपर दो बार हमला किया और इसे नष्ट करने का प्रयास किया। मंदिर में गोरखनाथ जी ने जो अखंड ज्योति प्रज्वलित की थी वह त्रेतायुग से लेकर आज तक प्रज्वलित है। अखंड ज्योति मंदिर के भीतरी भाग में स्थित है। यहां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं, लेकिन मंगलवार के दिन भक्तों की संख्या कुछ ज्यादा ही होती है।