सामने आया कांग्रेस की प्रवासी मजदूरों की हितैषी बनने का ढोंग, यूपी सरकार को थमाया 54 लाख का बिल
मजदूरों और छात्रों की हितैषी बनने वाली कांग्रेस की खुली पोल, गहलोत सरकार ने भेजा 70 बसों का किराया 36 लाख रूपए
बीजेपी और कांग्रेस में प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुँचाने के लिए बसों की व्यवस्था को लेकर सियासी जंग चल रही है। पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव और यूपी की राजनीति में कांग्रेस का नेतृत्व करने वाली प्रियंका गांधी मजदूरों की हितैषी बनकर 1000 बसों की लिस्ट यूपी सरकार को सौंपी थी। बता दें कि इसमें से ज्यादातर वाहन स्कूटर, ऑटो और पिकअप निकले थे। वहीं दूसरी तरफ अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने यूपी सरकार से 36 लाख रूपए बसों का किराया वसूला है। इतना ही नहीं, गहलोत सरकार ने 19.50 लाख रूपए डीजल के पैसे भी लिया है। आइये जानते हैं, क्या है पूरा मामला…
मजदूरों और छात्रों की हितैषी बनने वाली कांग्रेस की खुली पोल
दरअसल राजस्थान सरकार ने कोटा में फंसे यूपी के छात्रों को यूपी बॉर्डर तक छोड़ने के लिए ये किराया लिया है। बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन विभाग ने राजस्थान सरकार को भुगतान कर दिया है। जहां एक तरफ प्रियंका गांधी के मजदूरों के हितैषी बनने के पोल खुल गए, तो वहीं अब राजस्थान सरकार ने भी अपना असली चेहरा दिखाकर यूपी सरकार को 54 लाख का बिल थमा दिया है।
गहलोत सरकार ने भेजा 70 बसों का किराया 36 लाख रूपए
The Rajasthan State Road Transport Corporation has written to Uttar Pradesh State Road Transport Corporation demanding payment of over Rs 36 lakh for transporting students of Uttar Pradesh from Kota to Agra and Jhansi
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— ANI Digital (@ani_digital) May 21, 2020
गौरतलब हो कि, लॉकडाउन के कारण राजस्थान के कोटा में देश के विभिन्न राज्यों के बच्चे फंसे थे। इनमें से 12000 बच्चे यूपी के भी थे। इन 12000 बच्चों को कोटा से लाने के लिए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 560 बसें भेजी थीं। यूपी के राज्य परिवहन विभाग का ये अनुमान था कि इतने बसों में सारे बच्चे आ जाएंगे, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के मद्देनजर 560 बसों में सारे बच्चे नहीं आ सके। इसके बाद यूपी सरकार ने राजस्थान सरकार से अनुरोध किया कि कुछ बसों का इंतजाम करके प्रदेश की सीमा यानी फतेहपुर सीकरी और झांसी तक बच्चों को सुरक्षित पहुँचा दिया जाए। इसके बाद प्रदेश की सीमा से उत्तर प्रदेश सरकार अपने बच्चों को गंतव्य तक भेजने का इंतजाम कर देगी।
उत्तर प्रदेश सरकार के इस अनुरोध पर राजस्थान सरकार ने 70 बसों का इंतजाम कर दिया। राजस्थान सरकार ने जो बिल योगी सरकार को भेजा है, वो इन्हीं 70 बसों का बिल है। गौरतलब हो कि राजस्थान के राज्य परिवहन विभाग ने बसों के किराया का बिल 36 लाख रूपए का भेजा है।
गहलोत सरकार ने वसूला 19 लाख रूपए का अतिरिक्त डीजल का बिल
राजस्थान की गहलोत सरकार ने योगी सरकार को भेजे गए अपने बिल में लिखा है कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के छात्रों के लिए 70 बसों का इंतजाम किया था। इन बसों के इंतजाम के लिए 36,36,664 रुपए का खर्च आया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब राजस्थान सरकार ने अपने 70 बसों को कोटा भेजा था, तभी यूपी सरकार से डीजल के लिए 19 लाख रूपए ले लिया गया था। डीजल का पैसा लेने के बावजूद इतना भारी भरकम बिल थमाया गया है।
गौरतलब हो कि जहां राजस्थान सरकार ने उत्तर प्रदेश के बॉर्डर तक बच्चों को छोड़ने के लिए कुल 54 लाख का किराया वसूल लिया। वहीं दिल्ली बॉर्डर से श्रमिकों और मजदूरों को लाने के लिए हरियाणा सरकार ने यूपी के मजदूरों के लिए 350 बसों का इंतजाम किया था और मजदूरों को विभिन्न जिलों तक छोड़ा था। फिर भी इसका कोई किराया नहीं वसूला गया।