इस बच्चे ने माता-पिता को ठेले पर बैठाकर 550 किमी सफर किया तय, लोग बोले ये कलयुग का श्रवण कुमार
कोरोना वायरस के संक्रमण से देशभर का बुरा हाल हो चुका है, इसकी वजह से लोगों को काफी परेशानियां देखनी पड़ रही है, लोगों का रोजगार नहीं चल रहा है, सबसे ज्यादा मजदूरों को कोरोना वायरस के संक्रमण की मार का सामना करना पड़ रहा है, जैसा कि आप लोग जानते हैं कोरोना जैसी महामारी ने देश को अपनी चपेट में ले लिया है, जिसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई है, दिहाड़ी मजदूरों को कोई भी रोजगार नहीं मिल पा रहा है, सरकार और प्रशासन के द्वारा भी इस वायरस से छुटकारा पाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द से जल्द वायरस की रोकथाम का तरीका ढूंढा जा रहा है।
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिससे यातायात साधन भी प्रभावित हुए हैं, मजदूरों को कोई भी रोजगार नहीं मिल पा रहा है ऐसी स्थिति में वह सैकड़ों हजारों किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करके अपने घर को वापस लौट रहे हैं, ऐसी बहुत सी तस्वीरें और खबरें सुनने को मिल रही है जिसको देखने के बाद मन को काफी दुख पहुंचता है, एक ऐसी ही खबर इस बीच में आई है जिसमें 11 वर्ष के एक छोटे बच्चे ने अपने माता-पिता को पीछे ठेले पर बैठा कर 9 दिनों में 550 किलोमीटर की दूरी तय की है, यह छोटा बच्चा अपने माता-पिता को ठेले पर बैठकर बनारस से बिहार के अररिया तक पहुंच गया, जिसकी बहादुरी के चर्चे सोशल मीडिया पर लोग कर रहे हैं।
हम आपको जिस बच्चे की जानकारी दे रहे हैं यह बच्चा जोकीहाट के उदाहाट गांव का रहने वाला है और इस बच्चे का नाम तबारक है, तबारक के पिता बनारस में मार्बल की दुकान पर मजदूरी किया करते थे, लेकिन मजदूरी करने के दौरान इनके साथ दुर्घटना हो गई, जिसमें यह घायल हो गए थे, तब 11 वर्ष का यह बहादुर बच्चा अपनी माता को लेकर बनारस अपने पिता के पास पहुंच गया, लॉक डाउन होने के बावजूद भी यह बच्चा अपने पिता के पास मां के साथ पहुंचा, मजदूरी में जो भी पैसे कमाए गए थे वह खर्च हो गए तब इन लोगों को घर लौटने के अलावा और भी कोई रास्ता ना मिला, इस बच्चे के पिता घायल थे, लेकिन इस बच्चे ने बहादुरी दिखाते हुए अपने माता पिता को ठेले पर पीछे बिठाया और अपने घर वापस लौटने के लिए रवाना हो गया।
तबारक को रास्ते में बहुत सी कठिनाइयों से गुजरना पड़ा था, परंतु इसका हौसला मजबूत था, रास्ते में जो भी इस बहादुर बच्चे को देखता था इसके जज्बे को सलाम करता था, किसी ने इस बच्चे का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जिसके बाद देखते ही देखते इस बच्चे का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया, इस बच्चे ने बनारस से अररिया तक का सफर 9 दिनों तक ठेला चला कर तय किया और यह अपने घर को पहुंच गया।
बातचीत के दौरान इन्होने बताया था कि लॉक डाउन की वजह से मजदूरों को कोई भी रोजगार नहीं मिल पा रहा था, जो पैसे मजदूरी से कमाए गए थे वह सभी खर्च हो गए थे, ऐसे में घर लौटना हमारी मजबूरी थी, कोई भी साधन घर वापस जाने के लिए नहीं मिल रहे थे, ऐसे में हिम्मत जुटाकर चलते रहे, तबारक के पिता का नाम मोहम्मद इस्राइल है और उन्होंने बताया था कि मार्बल उठाते समय उनके पैर में जख्म हो गया था, जिसकी वजह से वह ठेला नहीं चला सकते थे, रास्ते में हमें लोगों से बहुत सहायता मिली, किसी ने हमें खाने के लिए भोजन दिया तो किसी ने हमें पानी पिलाया, आखिर में हम अपने घर को वापस लौट आए, जब तबारक अपने घर वापस आया तो इसकी बहादुरी का चर्चा पूरा गांव कर रहा था और लोग यही कह रहे थे कि यह कलयुग का श्रवण कुमार है।