कथा: जीवन का आनंद उठाने के लिए मन का संतुष्ट रहना जरूरी है, इसलिए असंतुष्टि को जीवन से निकाल दें
जीवन में शांत रहना बेहद ही जरूरी होता है। शांत मन से ही संतुष्टि पाई जा सकती है। जो लोग अक्सर अशांत रहते हैं उन्हें जीवन से केवल असंतुष्टि ही मिलती है। इसलिए आप सदा अपने मन को शांत रखें और कभी भी अशांत ना हों। इस संदर्भ से एक कथा भी जुड़ी हुई है। इस कथा के अनुसार एक व्यक्ति बेहद ही गरीब हुआ करता था और सदा अशांत ही रहा करता था। जिसकी वजह से उसे संतुष्टि नहीं मिलती थी। एक बार इस व्यक्ति को एक संत के बारे में पता चलता है जो कि बेहद ही चमत्कारी होता है और इस संत के पास हर समस्या का हल होता है। ये व्यक्ति बिना कोई देरी किए इस संत के पास जाता है और संत से कहता है कि उसे हर वक्त असंतुष्टि ही महसूस होती है। इसलिए कुछ ऐसा करें कि मन शांत हो जाए और उसके जीवन से असंतुष्टि खत्म हो जाए।
ये संत व्यक्ति से पूछता है कि तुम क्यों असंतुष्ट रहते हों, क्यों तुम्हारा मन शांत नहीं रहता है। ये व्यक्ति संत को कहता है कि वो जो भी कमाता है उसे उसमें संतुष्टि नहीं मिलती है। और अधिक कमाने के चलते वो सदा अशांत रहता है। व्यक्ति की बात सुनने के बाद संत उससे कहता है कि तुम अमीर बनना चाहते हों, राजा बनना चाहते हो या जमीनदार। मैं तुम्हें इन तीनो चीजों में से एक चीज दे सकता है। संत की बात सुनकर ये व्यक्ति खुश हो जाता है और सोच में पड़ जाता है। कई देर तक विचार करने के बाद ये व्यक्ति संत से एक दिन का समय मांगता है और कहता है कि वो सोचकर इस बात का उत्तर देगा।
घर जाकर ये व्यक्ति खूब विचार करता है कि आखिर वो अमीर, राजा और जमीनदार बनने में से किस चीज का चुनाव करें। इस व्यक्ति को एक चीज चुनने में काफी तकलीफ होती है और ये रात भर तक नहीं सोता है। वहीं अगले दिन ये संत के पास जाता है। संत इससे जवाब मांगता है। ये व्यक्ति संत से कहता है कि अगर आप मुझे कोई वरदान देना चाहते हैं तो बस यहीं वरदान दें कि मेरा मन भगवान की भक्ति में हमेशा लगा रहे और जीवन के हर पल में संतुष्ट रहूं।
संत तथास्तु कहा देता है। वहीं तथास्तु कहने के बाद संत व्यक्ति से पूछता है कि तुम तो अधिक धन कमाना चाहते थे। तो फिर तुमने राजा, जमीनदार और अमीर बनने का चुनाव क्यों नहीं किया। ये व्यक्ति संत से कहता है कि मेरे पास धन नहीं है और मैं हमेशा धन आने की उम्मीद मैं बैचेन रहता हूं। जिससे की दिनभर मेरे को मानसिक तनाव रहता है। रात भर मुझे नींद भी नहीं आती।
कल रात मैं यही सोचता रहा की मैं कौन से विकल्प का चुनाव कंरु। जिसकी वजह से मैं पूरी रात परेशान रहा और मेरी सुख-शांति ही खत्म हो गई। इसलिए मैं जीवन में सिर्फ सुख शांति और संतुष्ट ही चाहता हों। संतुष्ट होने से मेरा मन सदा खुश रहेगा। कई ऐसे लोग होते हैं जो कि धनवान होने के बाद भी संतुष्ट नहीं होते हैं और जीवन का आनंद नहीं उठा पाते हैं। इसलिए आप मुझे संतुष्ट होने का ही वरदान दें।