जगन्नाथ पुरी मंदिर के 6 अदभुत रहस्यों को विज्ञान भी नहीं सुलझा पाया, वैज्ञानिक भी हुए नतमस्तक
ये भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर हैं जो अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ यहां विराजमान हैं
हिंदू धर्म में जगन्नाथ मंदिर का बहुत नाम है क्योंकि चार धामों में से एक माना जाता है। ये बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर हैं जहां हजारों-लाखों की संख्या में श्रद्धालू दर्शन के लिए आते हैं। ये मंदिर ओडिशा के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित है। ये भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण का मंदिर हैं जो अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ यहां विराजमान हैं।
ये मंदिर करीब 800 साल पुराना है और कई कारणों से इसका काफी नाम है। इस मंदिर में लोग अपने मनवांछित फल पाने की प्रार्थना करने के लिए आते हैं। हालांकि इस मंदिर से जुड़ी कुछ बातें ऐसी है जो काफी चमत्कारी और रहस्यमयी मानी जाती हैं। आपको बताते हैं जगन्नाथ मंदिर के कुछ ऐसे ही चमत्कारी बातों के बारे में।
उल्टी दिशा में बहती है हवा
जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर स्थित ध्वज हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराता है। इस मंदिर के ये बड़ा रहस्य है कि ध्वज विपरीत दिशा में लहराता है। आमतौपर पर दिन के समय हवा समुद्र से धरती की तरफ चलती है और शाम को धरती से समुद्र की तरह, लेकिन इस मंदिर के पास ये विज्ञान भी गलत साबित हो जाता हैं। यहां पर हवा चलने की प्रकिया ही उलटी है। ऐसा क्यों हैं इस बारे में कोई जान भी नहीं पाया है।
सुदर्शन चक्र का ये रहस्य
इस मंदिर के शिखर पर लगा सिर्फ ध्वज ही नहीं बल्कि सुदर्शन चक्र भी बहुत चमत्कारी लगता है। इस सुदर्शन चक्र के बारे में कहा जाता है कि आप किसी भी दिशा से उसे देखेंगे तो आपको ऐसा लगेगा कि चक्र का मुंह आपकी तरफ ही है। साथ ही सबसे हैरान कर देने वाली बात ये भी है कि कितनी भी तेज धूप हो मंदिर के शिखर की छाया कभी जमीन पर नहीं पड़ती। आज तक मंदिर के शिखर कि छाया को कोई नहीं देख पाया है।
मंदिर में गुम हो जाती है समुद्र की आवाज
जगन्नाथ मंदिर समुंदर के किनारे बसा है जिससे इसकी खूबसूरती और निखर जाती है। हालांकि ये भी अपने आप में एक अजूबा ही है कि आज तक मंदिर के अंदर कभी समुद्र की लहरें सुनाई नहीं दी। वहीं आप जैसे ही मंदिर के बाहर निकलेंगे तो आपको समुद्र के लहरों की आवाज तेजी से सुनाई देगी, लेकिन मंदिर में प्रवेश करते ही ये आवाज एकदम गायब हो जाती है। यहां दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को ये बात बहुत हैरान करती है।
शिखर पर नहीं बैठते पंक्षी
आपने अक्सर देखा होगा कि आसमान में उड़ते पंक्षी कभी कभी आस-पास के मंदिर के शिखर पर बैठ जाते हैं। जगन्नाथ मंदिर में ये नजारा भी आपको कभी देखने को नहीं मिलेगा। ये भी एक किस्म का रहस्य है कि आज तक इस मंदिर के ऊपर से कोई पक्षी कभी गुजरा ही नहीं और नहीं कभी किसी पक्षी को शिखर पर बैठेते देखा गया है। सिर्फ ये ही नहीं मंदिर के ऊपर से प्लेन भी नहीं उड़ता जो अपने आप में बहुत हैरानी की बात है।
रसोई में कम नहीं पड़ता खाना
हर मंदिर के रसोई में भक्तों के लिए ढेर सारा खाना बनता है, लेकिन इस मंदिर की रसोई भी आपको हैरानी में डाल देगी। बता दें कि यहां भक्तों के लिए खाना बनाने के लिए सात बर्तनों को एक के ऊपर एक रखकर पकाया जाता है। हैरानी की बात ये होती है कि हमेशा खाना उस बर्तन का पहले पकता है जो सबसे ऊंपर होता है और सबसे आखिरी में उस बर्तन का खाना पकता है जो सबसे नीचे होता है। इसके अलावा ये भी कहा जात है कि यहां कभी भी भक्तों के लिए प्रसाद कम नहीं पड़ता। अगर अचानक से 20 हजार लोग भी आ जाएं तो भी यहां का बना खाना कभी भक्तों के लिए कम नहीं पड़ता। साथ ही जैसे ही मंदिर का द्वार बंद होता है खाना भी खत्म हो जाता है। ये ही बातें इस मंदिर को चमत्कारी और रहस्यमयी बना देती हैं।