सुब्रमण्यम स्वामी की दो टूक, ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ ख़त्म करो या ‘सनातन सर्टिफिकेट’ की अनुमति दो
कुछ दिनों पहले चेन्नई पुलिस ने एक जैन शॉप ओनर के ऊपर IPC की धरा 153 (दंगा भड़काने के लिए उकसाना), 153ए, 505 (दूसरे समुदाय के खिलाफ अपराध को बढ़ावा देना), 295ए (एक वर्ग के लोगों के खिलाफ अपमान) के तहत केस दर्ज किया था. शॉप ओनर पर आरोप था कि वो बिना किसी मुस्लिम स्टाफ के सिर्फ जैन मेंबर द्वारा निर्मित ‘धार्मिक फ़ूड’ बेचने का विज्ञापन कर रहा था.
चेन्नई पुलिस के द्वारा लगाए गए इन आरोपों का ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जमकर विरोध हुआ था. लोग जैन शॉप ओनर के विज्ञापन की तुलना ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ की तस्वीरों से करने लगे. इस तरह लोगो ने नॉन-मुस्लिम समुदाय के लोगो के साथ होने वाले भेदभाव को पॉइंट-आउट किया.
हलाल सर्टिफिकेशन पर क्या बोले सुब्रमण्यम?
A private business has the right to decide who s/he employs. But as we rarely care about the rights of a private business or property, let me ask what we all understand well: Why such hounding of a person belonging to a micro minority community? https://t.co/29FI5xTsxL
— Me (@semubhatt) May 10, 2020
इस घटना के बाद हिंदू अधिकारों के लिए लड़ने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ट्विटर के माध्यम से एक कैंपेन चलाने लगे. उनकी मांग हैं कि ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ की तर्ज पर ‘धार्मिक फ़ूड सर्टिफिकेशन’ भी मिलना चाहिए. उनके शागिर्द इश्करण सिंह भंडारी ने फ़ूड मिनिस्ट्री को लिखकर आग्रह किया कि आर्टिकल 14 देश के नागरिकों को समानता का अधिकार देता हैं, इसलिए ‘धार्मिक सर्टिफिकेट’ की अनुमति भी देना चाहिए.
सुब्रमण्यमने ट्वीट कर बाताया कि “इश्करण ने फ़ूड मिनिस्ट्री को लिखकर कहा कि चुकी ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ की अनुमति हैं तो सनातन धर्म के आधार पर बने फ़ूड को ‘धार्मिक सर्टिफिकेट’ मिलने की अनुमति भी होना चाहिए. हमारे पास टेस्ट केस हैं जहाँ चेन्नई पुलिस ने हिंदू शॉप को ‘धार्मिक’ घोषित करने की वजह से सील कर दिया था. आर्टिकल 14 केस”
Ishkaran has written to food ministry that since HALAL CERTIFICATION is allowed, so should “Dharmik Certified” be allowed for food made Sanatan Dharma norms.
We have a test case of Chennai Police sealing a Hindu shop for declaring “dharmic” food only. Art 14 case.— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 11, 2020
इतना ही नहीं इशकरण भंडारी ने 15 मिनट का एक विडियो भी बानाया जिसमे वे इस बात पर बहस करते नजर आए कि जब सरकार ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ की अनुमति दे रही हैं तो उन्हें ‘धार्मिक सर्टिफिकेट’ की अनुमति भी देनी चाहिए.
Halal Certified allowed by Govt. Now allow “Dharmik Certified “ for Sattvik food by Sanatan Dharmahttps://t.co/DRaWLacSVa
— Ishkaran Singh Bhandari (@ishkarnBHANDARI) May 12, 2020
झारखण्ड और बिहार में भी हो चुकी ऐसी घटनाएं
इसके पहले बिहार और झारखण्ड में कुछ दूकान वालो को भगवा झंडा और हिंदू सर्टिफिकेट लगाने के लिए गिरफ्तार भी किया गया था. झारखण्ड में एक हिंदू फल विक्रेता को पुलिस द्वारा इसलिए प्रताड़ित किया गया था क्योंकि उसने अपनी दूकान पर ‘विश्व हिंदू परिषद् की अनुमोदित हिंदू फल दूकान’ का बैनर लगाया था. राज्य पुलिस द्वारा उसके ऊपर कई धाराओं के तहत केस भी दर्ज किया गया था.
बिहार के नालंदा में एक हिंदू के ऊपर इसलिए FIR दर्ज हुई थी क्योंकि उसने अपनी दूकान के ऊपर भगवा झंडा लगाया था. उसके ऊपर IPC सेक्शन 147 (दंगे), 149 (गैरकानूनी विधानसभा), 188 (आज्ञा का उल्लंघन), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कुकृत्य) और आईटी एक्ट के सेक्शन 66 के तहत केस दर्ज हुआ था.
धार्मिक सर्टिफिकेट की मांग बड़ा मुद्दा
फ़ूड प्रोडक्ट्स पर धार्मिक सर्टिफिकेट की मांग अब भारत में बड़ा मुद्दा बनता जा रहा हैं.
अतिवादी मुसलमान चाहते हैं कि नॉन-वेजिटेरियन और वेजिटेरियन फ़ूड पर हलाल सर्टिफिकेट होना चाहिए. अब नई कंपनी जैसे पतंजलि को भी मुस्लिम सर्टिफिकेशन बॉडीज द्वारा हलाल सर्टिफिकेट लेने के लिए फ़ोर्स किया जा रहा हैं. ये लोग इस सर्टिफिकेट को देने के लिए 500 से 5000 रूपए तक चार्ज करते हैं. इसके पहले फ़ास्ट फ़ूड चैन McDonald भी ये घोषणा करते हुए देखा गया था कि वे सिर्फ भारत में सिर्फ इस्लामिक हलाल सर्टिफिकेट फ़ूड ही सर्व करते हैं. तब वकील इश्करण भंडारी ने कपनी को बहिष्करणीय और भेदभावपूर्ण प्रथा के खिलाफ एक लीगल नोटिस भी भेजा था.
‘कुरान’ में शाकाहारी खाने को हलाल (प्योर) बाताया गया हैं लेकिन इसके बावजूद मुस्लिम समुदाय द्वारा वेजिटेरियन फ़ूड चैन से भी हलाल सर्टिफिकेट लेने की मांग की जा रही हैं. वैसे इस पुरे मामले पर आपकी क्या राय हैं कमेंट में जरूर बताए.