नौकरीपेशा लोगों के लिए मोदी सरकार ने उठाया बड़ा कदम, अगले 3 महीने तक मिलेगी ये सुविधा
राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रूपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी, जिसके बाद बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस 20 लाख करोड़ रूपए का ब्रेकअप कर बताया कि किस सेक्टर को कितने रूपए मिलेंगे। आपको बता दें कि इस आर्थिक पैकेज में कर्मचारियों के लिए काफी कुछ है। कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलने वाली है। आइये जानते हैं कि सरकार की तरफ से कौन कौन सी राहत कर्मचारियों को दी गई है…
कर्मचारियों को बड़ा तोहफा
केंद्र सरकार की ओर से नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी राहत मिली है। इसके अलावा वित्त मंत्रालय ने करदाताओं के लिए भी कोरोना काल में एक विशेष पैकेज की घोषणा की है। कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत ये है कि कोरोना संकट के मद्देनजर अब कर्मचारियों का पीएफ अंशदान सरकार खुद करेगी। यानी कर्मचारियों के लिए ये राहत की खबर है कि उनके पास कैश इन हैंड अधिक आएगा। दूसरी तरफ उनको वित्त वर्ष 2019-20 का आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए तारीख को तीन महीने आगे बढ़ा दिया है।
वित्तमंत्री ने घोषणा की है कि सरकार उन कर्मचारियों का पीएफ अंशदान अगले तीन महीने तक करेगी, जिनका वेतनमान 15 हजार रूपए तक है। जानकारी के लिए बता दें कि जुलाई अगस्त और सितंबर माह के कर्मचारियों का पीएफ अंशदान 10 प्रतिशत और कंपनियों के पीएफ अंशदान का 12 प्रतिशत होगा।
सरकार की तरफ से कुल 2500 करोड़ रूपए की मदद पहुँचाई जाएगी। इससे कर्मचारियों को मिलने वाली सैलरी इन हैंड में इजाफा होगा। प्रोवीडेंट फंड में कॉन्ट्रीब्यूशन अगले तीन महीनों के लिए घटाया जा रहा है। सरकारी और PSU कंपनियों को 12 प्रतिशत ही देना होगा, लेकिन कर्मचारियों को 10 प्रतिशत पीएफ देना होगा। बात दें सरकार की ओर से दिए जा रहे इस सहयोग से 72 लाख 22 हजार कर्मचारियों को फायदा मिलेगा।
12 लाख करोड़ रूपए का ब्रेकअप मिलेगा
राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रूपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन इसमें से 8 लाख करोड़ रूपए सरकार और आरबीआई ने पहले ही जारी कर दिया था। अब सिर्फ 12 लाख करोड़ रूपए का ही ब्रेकअप किया जाएगा।
आयकर में मिली ये छूट
सरकार की ओर से आयकर भरने वालों को बड़ी छूट दी गई है। आयकर रिटर्न भरने की तारीख अब 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया है। प्रति वर्ष आयकर रिटर्न 31 जुलाई तक ही भरा जाता था, लेकिन इस वर्ष कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए इस तारीख को बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया है। इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि जिन कंपनियों ने टैक्स नहीं भरा है, वो बिना किसी अतिरिक्त ब्याज के 31 दिसंबर तक टैक्स दे सकती हैं। वहीं TDS-TCS की दरों में मार्च 2021 तक 25 फीसदी की कटौती की गई है।
माना जा रहा है कि TDS-TCS में कटौती से लिक्विडिटी बढ़ेगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि TDS की कटौती कई तरह के आय के स्त्रोत पर की जाती है। विभिन्न तरह के आय में सैलरी, निवेश पर ब्याज और कमीशन शामिल हैं।