जब अस्पताल में दर्द से कराह रहे थे शशि कपूर, पिता पृथ्वीराज दौड़कर ले आए आईना और कहा –देखो खुद को
शशि कपूर को अभिनय अपने पिता से विरासत में मिला जिनमें से एक सीख ऐसी थी जो काफी दिलचस्प भी है और हैरान कर देनी वाली भी
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में कपूर खानदान सबसे बड़ा परिवार माना जाता है। इस परिवार की चौथी पीढ़ी इंडस्ट्री में ना सिर्फ एक्टिव है बल्कि हिट भी है। कपूर खानदान में बेटों के साथ साथ बेटियों ने भी अपनी एक्टिंग का जलवा दिखाया और फैंस ने उन्हें पसंद भी काफी किया। पृथ्वीराज कपूर से शुरु हुई ये पीढ़ी आज रनबीर और करीना तक पहुंच चुकी हैं। पृथ्वीराज कपूर के बेटे शशि कपूर भी फिल्मों में काफी एक्टिव थे और उनके लाखों चाहने वाले थे। शशि कपूर को अभिनय अपने पिता से विरासत में मिला जिनमें से एक सीख ऐसी थी जो काफी दिलचस्प भी है और हैरान कर देनी वाली भी।
जब आईना ले आए पृथ्वीराज कपूर
पृथ्वीराज कपूर ने एक्टिंग की दुनिया में जब कदम रखा तो इंडस्ट्री के तौर-तरीके काफी अलग थे। उन्होंने भी शायद नहीं सोचा होगा की आने वाली पीढ़ी इसी लाइन में आगे बढ़ेगी। ऐसे में जब शशि कपूर नए-नए इंडस्ट्री में आए तो उन्हें बहुत कुछ सीखना था। उस वक्त उन्हें अभिनय का पाठ पढ़ाने वाले एक ही शख्स थे और वो थे पृथ्वीराज कपूर। वो चाहते थे कि जो कुछ भी उन्होंने अभिनय के दम पर हासिल किया है वहीं उनका बेटा भी हासिल करे।
एक बार शशि कपूर की पीठ में एक फोड़ा हो गया। उस फोड़े से घाव हो गया और शशि को बहुत जबरदस्त पीठ दर्द होने लगा। दर्द इतना ज्यादा बढ़ गया कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। अस्पताल जाकर भी शशि का घाव भर गया, लेकिन दर्द कम नहीं हुआ। शशि एक रात इसी पीठ दर्द से तड़प रहे थे। उनके बगल वाले कमरे में पृथ्वीराज कपूर सो रहे थे। बेटे की तकलीफ सुनकर हड़बड़ा कर कमरे में पहुंचे।
दिमाग में बसा लिया ये दर्द
इसके बाद उन्हें दर्द में तड़पता देख तुरंत वापस लौट गए। उस वक्त शशि को लगा होगा कि जरुर वो डॉक्टर या नर्स को बुलाने गए हैं, लेकिन ऐसा नहीं था। जब पृथ्वीराज कपूर लौटे तो उनके हाथ में एक शीशा था। पिता के हाथ में आईना देखकर शशि हैरान रह गए। उस वक्त पृथ्वीराज ने शशि से कहा- दर्द तो आएगा और जाएगा, लेकिन अभी इस दर्द को एक अवसर की तरह लो।आगे पृथ्वीराज कपूर ने कहा कि अपने चेहरे को इस आईने में देखो, देखो की तुम्हारे चेहरे पर इस वक्त क्या भाव आ रहे हैं। इस दर्द के भाव को अपने दिल में बैठा लो। बाद में पर्दे पर एक्टिंग करते वक्त ये भाव ही तुम्हारे काम आएगा। शशि भी पिता की बात मान गए। उन्होंने दर्द के भाव को अपने दिल-दिमाग में बैठा लिया और इस सीख को आगे भी अपनाया।
पिता की इतनी कड़ी सीख को अपनाकर शशि आगे चलकर एक महान अभिनेता बने। उन्होंने एक से बढ़कर एक शानदार फिल्में की जिसके लोग दीवाने हो गए। दीवार फिल्म में जब शशि ने अमिताभ से कहा था- मेरे पास मां है….तो फैंस तालियां पीटते रह गए थे। इन शब्दों में जो दर्द है उतना ही दर्द शशि की आवाज में भी था जिसने इस डॉयलाग को काफी हिट बना दिया था। शशि ने हिंदी सिनेमा के अलावा थिएटर्स में भी जबरदस्त काम किया। आज शशि हमारे बीच नहीं है, लेकिन अपने अभिनय से उन्होंने हमारे दिल में जो पहचान बनाई है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।