मंदिर-मस्जिद-गिरजाघर पर अब भी लटका है ताला, स्कूल-कॉलेज रह गए बंद लेकिन खुल गई मधुशाला
सरकार ने जनता को लूटने के लिए शराब के ठेके खोल दिए और जनता भी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए भीड़ लगा रही है
दो घूंट मुझे भी पीला दे शराबी फिर देख होता है क्या…….थोड़ी सी जो पी ली है चोरी तो नहीं की है……फिल्मी दुनिया में बनाए गए ये गाने जो कभी सिर्फ हमारे मनोरंजन का काम करते थे आज असल जिंदगी में हकीकत बयां कर रहे हैं। देश में कोरोना फैला हुआ है, हजारों की संख्या में लोग संक्रमित हैं। मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है और स्थिति हाथ से निकलती जा रही है। स्कूल-कॉलेज, मंदिर-मस्जिद बंद, लेकिन एक चीज जो इस भयावह स्थिति में भी खुली है वो है शराब की दुकान।
सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ रही धज्जियां
मार्च का आधा महीना पहुंचते पहुंचते कोरोना ने देश में अपने पैर पसारने शुरु कर दिए थे। सरकार ने बात की गहराई को समझा और एक रात के लिए जनता कर्फ्यू लगा दिया गया। जनता ने मिलकर सरकार का साथ दिया और फिर इस कर्फ्यू को सरकार ने लॉकडाउन में बदल दिया। दुनिया के इतिहास में शायद कभी ऐसा हुआ होगा कि पूरा देश एक साथ बंद हो जाए। सारी दुकानें, मॉल, जिम, क्लब, स्कूल, ऑफिस बंद कर दिए गए। सिर्फ उन्हीं दुकानों को खोलने का आदेश मिला जिसमें राशन के सामान मिलते हों। जहां दूध-पनीर मिलता हो। उन्हीं ठेलों को ब्रिक्री की मंजूरी दी गई जिसमें फल और सब्जियां बिक रही हों।
जब सब बंद हुआ तो शराब के ठेकों पर भी ताले लग गए। शराब के शौकीनों के लिए दिन काटना मुश्किल हो गया, लेकिन परिवार और देश की खातिर इस गम को भी पी गए। आज लॉकडाउन का तीसरा फेज चल रहा है। लॉकडाउन मे थोड़ी ही ढील आई है, लेकिन सख्ती बरकरार है। हालांकि एक चीज जो बदल गई है वो ये कि शराब की दुकानें भी खोल दी गई।
धार्मिक स्थल बंद, लेकिन खुले हैं मैखाने
शराब के ठेके खुलते ही शौकीनों के दिल की लालसा जाग गई। सरकार ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है और दो गज की दूरी से ही शराब खरीद सकते हैं, लेकिन इन नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं। एक दूसरे से चिपकते हुए लोग ठेकों के सामने खड़े हो गए। इतनी भीड़ शायद दुख कम करने के लिए मंदिर-मस्जिद या किसी दूसरे धार्मिक स्थल पर भी कभी नहीं लगी होगी जितनी ठेके के सामने लग गई। कोई शराब लेने के लिए बोरा ले आया, तो किसी ने तीन तल्ले भर की शराब खरीद ली।
शराब के ठेके से सरकार पैसे कमाती रहे इसके चलते राजधानी में स्पेशल कोरोना टैक्स भी लगा दिया गया, लेकिन शौकीनों को इंतजार के बाद इस दाम से भी फर्क नहीं पड़ा। कहां तो लॉकडाउन की स्थिति ये लग रही थी कि शायद दो वक्त की रोटी आसानी से मिल जाए तो बड़ी बात होगी वहीं लोग हजार- लाख की शराब गटक गए। सोशल डिस्टेंसिग की लगातार धज्जियां उड़ रही हैं और सरकार ने हाथ खड़े कर दिए की इस स्थिति में जीना सीख लें।
शराब से लाखों लोग मरते हैं हर साल
अगर किसी परिवार में खाने की कमी हो जाती है तो एक ही रोटी में पूरा परिवार खा लेता है। उस परिवार का मुखिया अपने बेटे से ये तो नहीं कहता कि बेटा जा तु डकैती कर ला। शराब पीकर लोग घरों में घेरलू हिंसा करते हैं, लेकिन सरकार को मोटी कमाई के आगे कुछ दिखता ही नहीं। कितनी ही महिलाएं हैं जो इस शराब की नशे में बलात्कार का शिकार हो जाती हैं, लेकिन अभी तो सरकार को पैसे की जरुरत है इसलिए ठेके बंद नहीं होंगे। हमने सरकार इसलिए चुनी है कि वो हमारे हित में काम करे, ना कि विकट समस्या आने पर हाथ जोड़ ले।
जिस कोरोना के कारण पूरे देश को बंद कर दिया गया उससे ज्यादा मौतें इस शराब से होती हैं और आगे भी होंगी। हर साल एक लाख लोग रोड एक्सीडेंट से मरते हैं। हर साल एक लाख 40 हजार लोग शराब पीकर अपनी किडनी-लीवर बर्बाद करते हैं और लाखों लोग इसके सेवन से कैंसर रोगी बन जाते हैं। अगर शराब की दुकानें खोलनी इतनी जरुरी हैं तो इसके साथ वैश्यालयों को भी कानून मान्यता दे देनी चाहिए। इस लॉकडाउन में सेक्स वर्कर एक वक्त की रोटी तक के मोहताज हो गए हैं।
राष्ट्र में हो शराब बंदी
देश में स्थिति हाथ से बाहर निकलती जा रही है, लेकिन राज्य और केंद्र सरकारों को सिर्फ ठेका खोलना ही दिखाई दे रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि तलब किसे ज्यादा है शराबियों को या फिर…..क्योंकि शराबी तो 40 दिन बिना अल्कोहल के भी रह गए। अगर हमेशा के लिए शराब बंद हो जाती तो क्या बुराई थी। बिहार और गुजरात जब आम दिनों में शराब बंदी कर सकते हैं तो बाकी राज्य इस संकट में शराब के ठेके क्यों खोलना जरुरी समझ रहे हैं।
पीएम मोदी से अब सिर्फ एक आग्रह ही किया जा सकता है। पीएम मोदी ने कार्यकाल में इतने कड़े फैसले लिए हैं जो शायद ही कोई नेता ले पाया होगा। ऐसे में असल में अब एक ऐसा मौका सामने आया है जब देश को एक लीडर की जरुरत है। अगर आपने अभी ये फैसला ले लिया तो ये पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी शराब के नशे से बच जाएगी। ये ही और सिर्फ ये ही वो वक्त है जब इंडिया कहे #Locktheliqourdown।