देश के लिए उत्तरप्रदेश के गाजीपुर में रहने वाले अश्वनी यादव ने दी शहादत, पैतृक घर में पसरा मातम
जम्मू कश्मीर के वनगम इलाके में बीते दिनों आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सीआरपीएफ के जवान अश्वनी कुमार यादव ने अपनी शहादत दे दी है। आतंकवादियों से लड़ते हुए उन्होंने अद्भुत वीरता का परिचय दिया। अश्वनी यादव (Ashwani Kumar Yadav)ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों तक की परवाह नहीं की।
गाजीपुर के थे रहने वाले
अश्वनी यादव गाजीपुर जिले के नोनहरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत चकदाऊद बभनौली गांव के रहने वाले थे। संघर्षों के बीच अश्वनी का बचपन बीता था। जब वे महज 8-9 साल के थे ,उसी दौरान अश्वनी के सिर से उनके पिता का साया उठ गया था। दो भाइयों के साथ अपनी मां की जिम्मेदारी उनके कंधों पर बहुत ही कम उम्र में आ गई थी। जैसे-जैसे समय बीतता गया, उनके अंदर देश सेवा का जज्बा भी उफान मारने लगा। यही वजह रही कि अश्वनी ने सीआरपीएफ ज्वाइन करने का निर्णय ले लिया था।
सेना में जाना चाहते हैं भाई भी
सैनिक बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए अश्वनी यादव ने उनके गांव में जो खेलकूद का मैदान था, वहीं अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दी। उन्होंने लगातार अथक मेहनत की। अपनी लगन के दम पर आखिरकार वर्ष 2005 में अश्वनी सीआरपीएफ में भर्ती हो गए। अश्वनी के छोटे भाई की ओर से मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अपने देश की सेवा करते हुए उन्हें हमेशा गौरव का अनुभव हुआ करता था। इसी का यह परिणाम है कि हम दोनों ही भाई सेना में जाकर देश के लिए कुछ करने की चाहत रखते हैं। इसके लिए लगातार भर्ती की तैयारी में भी हम दोनों भाई लगे हुए हैं।
देते रहे थे हिदायत
छोटे भाई ने बताया है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए वे हमेशा हिदायत दे रहे थे। वे कह रहे थे कि घर से बाहर निकलने की जरूरत नहीं है। महामारी का यह माहौल है। लॉकडाउन लगा हुआ है। उसका पालन हर हाल में करना है। छोटे भाई के मुताबिक अश्वनी यह भी बताते थे कि वे लोग ड्यूटी के दौरान भी खतरनाक वायरस से बचने के उपाय अपना रहे हैं। छोटे भाई अंजनी के मुताबिक बीती शाम ही घर पर उनका फोन भी आया था। तब उन्होंने हंदवाड़ा में माहौल ठीक नहीं होने की बात कही थी और कहा था कि नेटवर्क न मिलने की वजह से संभव है कि आगे बात न हो पाए। फोन कटने के बाद ही उनकी शहादत की खबर आ गई थी।
सबसे बड़े भाई थे अश्वनी
सीआरपीएफ के शहीद जवान अश्वनी कुमार तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके दो छोटे भाइयों के नाम अंजनी और अमन हैं। अश्वनी यादव का विवाह बलिया की अंशु देवी से वर्ष 2012 में हुआ था और उनकी 6 साल की बेटी परी और 3 साल का बेटा आदित्य है। जैसे ही अश्वनी यादव की शहादत की सूचना उनकी पत्नी को फोन पर मिली, उनके पैतृक गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शोक संवेदना प्रकट करने के लिए लोग उनके घर पहुंचने लगे।
पढ़ें शहादत के बाद भी चलता रहे शहीद का वंश जवान अपना रहे ये तरीका, जानकर आपको भी नहीं होगा यकीन