कोरोना वॉरियर्स पर पत्थरवर्षा होने के समय मौन रहने वाले इन नेताओं को पुष्पवर्षा लगती हैं तमाशा
केंद्रीय सरकार कोरोना वॉरियर्स के मनोबल को बढ़ाने में लगी हुई है और कोरोना वॉरियर्स के मनोबल को बढ़ाने के लिए हाल ही में अस्पतालों और पुलिस मुख्यालय पर आसमान से पुष्पवर्षा की गई है। तीनों सेनाओं ने मिलकर कोरोना वॉरियर्स को ये सम्मान दिया है। लेकिन विपक्षी नेता इस सम्मान समारोह को तमाशा, सर्कस और फिजूलखर्ची बता रहे हैं। जी हां, कोरोना जैसे संकट में अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की सेवा कर रहे कोरोना वॉरियर्स का सम्मान करना विपक्षी पार्टी के नेतीओं को तमाशा लग रहा है।
वामपंथी नेता सीताराम येचुरी ने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने की जगह तमाशा को प्राथमिकता दी जा रही है। अपने ट्वीट में इन्होंने लिखा कि जितना ख़र्च तमाशों में, PM के नये घर के लिए या Flypast इत्यादि में केंद्र सरकार कर रही है, उससे कहीं कम में, सभी त्रस्त मज़दूरों को, ₹7500 प्रति माह कम से कम तीन महीनों तक दिया जा सकता है। लाखों की आजीविका तब समाप्त हो गयी थी जब केंद्र ने बिना योजना के लाक्डाउन की अचानक घोषणा की।
जितना ख़र्च तमाशों में, PM के नये घर के लिए या Flypast इत्यादि में केंद्र सरकार कर रही है, उससे कहीं कम में, सभी त्रस्त मज़दूरों को, ₹7500 प्रति माह कम से कम तीन महीनों तक दिया जा सकता है। लाखों की आजीविका तब समाप्त हो गयी थी जब केंद्र ने बिना योजना के लाक्डाउन की अचानक घोषणा की
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) May 1, 2020
ममता सरकार ने इजाज़त नहीं दी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी तीनों सेनाओं के पुष्पवर्षा के जरिए कोरोना वॉरियर्स को सम्मानित करने के फैसले पर आपत्ति जताई और ममता बनर्जी ने अपने राज्य में वायुसेना को फ्लाई पास्ट की इजाजत नहीं दी। वायुसेना के अधिकारी के अनुसार बंगाल के दो अस्पतालों में वायुसेना ने पुष्पवर्षा की योजना बनाई थी। लेकिन ममता सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी।
समाजवादी पार्टी ने भी नहीं किया सम्मान
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार की और से कोरोना वॉरियर्स को सम्मानित करने के फैसले का सम्मान नहीं किया और कहा कि प्रदेश में क्वारैंटाइन सेंटर्स में बदसलूकी की खबरें आ रही हैं। लोगों को खाने-पीने की कमी की समस्या उठाने पर केवल आश्वासन दिया जा रहा है। ऐसे में फूल बरसाने का क्या मतलब है?
इस संकट के समय में अपनी जान को जोखिम में डालकर स्वास्थ्यकर्मी और देश की पुलिस लोगों की सेवा कर रही है। जिसके चलते इन लोगों का सम्मान पूरे देश की और से किया जा रहा है। लेकिन राजनीति करने वाले लोगों को इन लोगों का सम्मान करने में भी आपत्ति हो रही है और बेतुके बयान दिए जा रहे हैं। सबसे हैरान करने वाली बात तो ये है कि जब इन स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों पर लोगों द्वारा पत्थर फेंके जाते हैं और इनसे बदसलूकी की जाती है। तो ये पार्टियां कहां होती हैं? तब क्यों इन पार्टियों की और से आवाज नहीं उठाई जाती है और पत्थर फेंकने वाले लोगों कि निंदा की जाती है। वहीं इन लोगों पर अगर फूलों की वर्षा की जाए तो इन नेताओं को दिक्कत होती है और ये तमाशा लगने लग जाता है।
ताली और थाली से किया गया था सम्मानित
गौरतलब है कि पीएम मोदी समय-समय पर कोरोना वॉरियर्स को सम्मानित करते हैं और लोगों को भी कोरोना वॉरियर्स को सम्मानित करने को कहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में लोगों से ताली और थाली और दीपक जलाने की अपील की थी। वहीं अब देश की तीनों सेनाओं ने कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में फ्लाई पास्ट निकाला था और 3 मई को देश के कई सारे अस्पतालों और पुलिस मुख्यालय पर आसमान से पुष्पवर्षा की गई थी। ताकि इन लोगों को सम्मानित किया जा सके।