सोना-चांदी और हीरे-पन्ने से बनी हैं करोड़ों की ये रामायण, साल में सिर्फ इस दिन होते हैं दर्शन
हाल ही में 3 मई को दूरदर्शन पर रामायण के अंतिम एपिसोड का प्रसारण हुआ था. इसे देखने के बाद हर कोई भावुक हो गया था. रामानंद सागर की रामायण के माध्यम से एक बार फिर हम सभी को इस महाग्रन्थ को करीब से जानने का मौका मिला था. रामायण की गिनती हिंदू धर्म के प्रसिद्ध और महान महाकाव्य के रूप में होती हैं. इस रामायण ग्रन्थ से कई लोगो की आस्था जुड़ी हुई हैं. वाल्मीकि से लेकर तुलसी दास तक कई लोगो ने पीढ़ी दर पीढ़ी इस महाकाव्य को अपने अंदाज़ में लिखा. 1981 में रामभाई गोकर्णभाई नाम के एक व्यक्ति थे जिन्होंने रामायण बड़े ही अनोखे ढंग से लिखवाई थी. दरअसल उनकी ये रामायण सोना, चांदी, हीरे मोती और पन्नों से मिलकर बनी थी. यह बेशकीमती रामायण आज भी मौजूद हैं जिसकी कीमत करोड़ो में हैं.
इन धातुओं से मिलकर बनी हैं करोड़ों की रामायण
सूरत के भेस्तान स्थित लुहार फलिया में रहने वाले रामभाई गोकर्णभाई एक बहुत बड़े राम भक्त थे. उनकी यह रामायण 530 पन्नों की हैं जिसका वजन 19 किलो हैं. इसे लिखने के लिए 222 तोला सोने की स्याही का इस्तेमाल किया गया था. इसके अतिरिक्त इसमें 10 किलो चांदी, 4000 हीरे, माणिक और पन्ना सहित अन्य बहुमूल्य रत्नों का उपयोग भी हुआ था. इस रामायण की किताब के ऊपर जो जिल्द चढ़ी हुई हैं वो खुद 5 किलो चांदी की हैं. अब इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह रामायण करोड़ों रुपए की हैं.
किताब में हैं चांदी से बने देवी देवता
इस रामायण के मुख्य पेज पर ही शिवजी की एक तोले वाल चांदी की मूर्ति बनी हुई हैं. इसके अलावा आधा तोले के हनुमानजी और आधा तोले के ही गणेशजी भी पेज पर उभरे हुए हैं. रामभाई गोकर्णभाई के परपोते गुरुवंत भाई बताते हैं कि इस रामायण को बनवाने के लिए जर्मनी से कागज़ मंगवाए गए थे. ये एक ख़ास तरह के कागज़ हैं जिन्हें धोने के पश्चात इन पर पुनः लिखा जा सकता हैं. ये कागज़ इतने सफ़ेद हैं कि इन्हें धुले हुए हाथ से छुआ जाए तो भी ये गंदे पड़ सकते हैं. इस रामायण को 25 मार्च 2018 रामनवमी के दिन भक्तों के सामने प्रदर्शित किया गया था.
प्रत्येक वर्ष इन 3 दिन होते हैं दर्शन
इस बहुमूल्य रामायण को आप सिर्फ साल में तीन बार देख सकते हैं. पहली बार गुरु पूर्णिमा के दिन, दूसरी बार राम जन्मोत्सव पर और तीसरी बार दिवाली के दिन. इन तीन दिनों के आलवा बाकी दिन इस रामायण को पब्लिक प्रदर्शन के लिए नहीं रखा जाता हैं.
इस बात में कोई शक नहीं कि रामायण हिंदू धर्म का सबसे महान और पॉपुलर ग्रन्थ हैं. इस महाकाव्य के सभी किरदार आज भी हमारे दिल और दिमाग में बसे हुए हैं. फिर वो अयोध्या नरेश पुरुषोत्तम राम हो या लंका पति रावण. हाल ही में रामानंद सागर की रामायण के रिपीट टेलीकास्ट से इसे लेकर लोगो का क्रेज एक बार फिर बड़ा था. सोशल मीडिया पर तो यह रामायण रोज ट्रेंड होने लगी थी. नई जनरेशन के लोग भी इसे बड़े चाव से देख रहे थे. यही इस रामायण की खासियत है, जो भी इसे देखता है, उसे इससे प्रेम हो जाता हैं.