महाराष्ट्र से मजदूरों को लेकर लखनऊ पहुंची स्पेशल ट्रेन, घर पहुंचे श्रमिकों ने बयां किया दास्तां
इन मजदूरों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। अपने राज्य पहुंचते ही इनके चेहरे पर खुशी आ गई थी।
देश में लॉकडाउन का तीसरा फेज 4 मई से शुरु होने वाला है। पहले 3 मई तक केंद्र सरकार ने लॉकडाउन रखने की घोषणा की थी। वहीं कोरोना की बिगड़ती स्थिति को देखकर अब 17 मई तक लॉकडाउन कर दिया गया है। हालांकि दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलवाई है। इस ट्रेन में सैकड़ों की संख्या में मजदूर अपने अपने घर पहुंचे। महाराष्ट्र के नासिक से मजदूरों और कामगारों को लेकर श्रमिक ट्रेन लखनऊ पहुंची। लखनऊ के चार बाग में पहुंचकर पहले इन मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई और फिर बसों से इन्हें अलग अलग जिलों में भेजा गया। अब इन मजदूरों ने बताया है कि दूसरे राज्य में फंसे रहने के बाद अपने घर आना कैसा लग रहा है।
घर पहुंचे श्रमिकों ने बयां की दास्तां
बता दें कि लॉकडाउन में बहुत से मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। इनमें से महाराष्ट्र में फंसे मजूदर और कामगारों को नासिक से लखनऊ लाया गया। इन मजदूरों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। अपने राज्य पहुंचते ही इनके चेहरे पर खुशी आ गई थी। महाराष्ट्र से आए इन सभी लोगों को उनके जिलों में 14 दिनो तक क्वारांटाइन किया जाएगा। अगर सभी स्वस्थ निकलते हैं तो ही उन्हें घर जाने की अनुमति मिलेगी।
नासिक से आए एक युवक ने सीएम योगी आदित्यनाथ को उसे घर पहुंचाने के लिए धन्यवाद दिया है। कई लोगों ने बताया कि वो घर आने की उम्मीद भी छोड़ चुके थे। लॉकडाउन में एक तो काम नहीं मिल रहा था दूसरा उनके पैसे भी खत्म हो गए थे। ऐसे में उनकी भुखमरी की समस्या हो गई थी। महाराष्ट्र में फंसे ऐसे ही एक शख्स विजय ने बताया कि वो गाजीपुर के रहने वाले हैं, लेकिन महाराष्ट्र में काम करने आए थे। एक मिठाई की दुकान पर काम करके वो अपना जीवन गुजार रहे थे।
लॉकडाउन में हालत हो गई थी खराब
कोरोना महामारी के चलते सभी जगह लॉकडाउन कर दिया गया तो उनकी मिठाई की दुकान भी बंद हो गई। मालिक ने पहले कुछ पैसे दिए, लेकिन बाद में उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए। मजबूर होकर विजय अपने घर जाने के लिए निकले तो पुलिसवालों ने उन्होंने हिरासत में लेकर शेल्टर होम भेज दिया। इसके बाद उन्हें खबर मिली कि केंद्र और प्रदेश सरकार ऐसे श्रमिकों के लिए ट्रेन चला रही है तो विजय को सुकून महसूस हुआ। विजय अपने घर पहुंचने की राह देख रहे हैं। उन्होंने कहा पहले तो वो कुछ समय अपने परिवार के साथ बिताएंगे फिर सोचेंगे की क्या करना है।
बता दें कि सरकार ने पूरी एहतियात बरतते हुए श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने का इंतजाम किया। ट्रेन में करीब 850 मजदूरों को बैठाया गया। इसके बाद जब ट्रेन लखनऊ पहुंची तो एक एक डिब्बे को खोला गया और उसमें से यात्रियों को उतारा गया। इसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए सभी की स्क्रीनिंग भी की गई। ट्रेन से उतरने के बाद वहां खड़ी यूपी रोडवेज की बसों के जरिए सभी यात्रियों को उनके जिलों के लिए रवाना किया गया।
राज्य सरकार कर रही श्रमिकों की व्यवस्था
बता दें कि ऐसी एक नहीं बल्कि 6 श्रमिक स्पेशल ट्रेने चलाई जा रही हैं और सबसे खास बात ये है कि उनका कोई टिकट भी नहीं लग रहा है। संबंधित राज्य सरकार ही इन टिकटों का वहन करेंगी। यात्रियों की जांच कराकर ट्रेन में लाने की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार की है। सिर्फ ये ही नहीं इन लोगों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था भी राज्य सरकार ही करेगी। वहीं रास्ते में एक बार भोजन और पानी भारतीय रेल की तरफ से मिलेगा।बता दें कि स्पेशल श्रमिक ट्रेन को और कहीं भी रोका नहीं जाएगा और यात्रियों के उनके स्थान पर पहुंचने के बाद संबंधित प्रदेश की सरकार की जिम्मेदारी होगी।