हंदवाड़ा मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर, सेना के कर्नल समेत 5 जवान शहीद
5 साल बाद आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए कमांडिंग ऑफिसर, 10 घंटे चले मुठभेड़ की पूरी कहानी
जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकवादियों के खिलाफ शनिवार रात से चल रहे मुठभेड़ में सेना के 5 जवान शहीद हो गए। इसमें सेना के 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर आशुतोष शर्मा सहित 5 जवान शहीद हुए हैं। साथ ही इस एनकाउंटर में सेना ने 2 आतंकवादियों को मार गिराया है। गुप्त सूत्रों से सेना को खबर मिली थी कि नॉर्थ कश्मीर में आतंकी छिपे हैं। इस खबर के मिलते ही सेना ने नॉर्थ कश्मीर के एक घर में चौतरफा हमला बोल दिया। इसी घर में आतंकवादियों ने उस घर के लोगों को किडनैप कर रखा था। सेना और सुरक्षाबल की टीम उन्हीं घरवालों को बचाने के लिए गई थीं। सेना ने अपना पराक्रम दिखाकर घर के लोगों को आतंकवादियों से छुड़ा लिया। इसके बाद सेना और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई।
इस पूरे मुठभेड़ में सेना के 5 जवान शहीद हो गए। 21 राष्ट्रीय राइफल के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा के अलावा मेजर अनुज, सब इंस्पेक्टर शकील काजी, एक लांस नायक व एक राइफलमैन एनकाउंटर के दौरान शहीद हो गए। यह एनकाउंटर शनिवार दोपहर 3 बजे से शुरू हुई थी। सेना और आतंकवादियों के बीच यह मुठभेड़ हंदवाड़ा के छांजीमुल्लाह गांव में हुआ। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शहीद होने वाले 21 राष्ट्रीय राइफल के कमांडिंग ऑफिस कर्नल आशुतोष शर्मा को पिछले साल ही सेना से मेडल मिला था और यह मेडल उन्हें पहली बार नहीं, बल्कि दूसरी बार मिला था।
5 साल बाद आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए कमांडिंग ऑफिसर
भारतीय सेना ने पिछले 5 साल में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान अपन कोई कमांडिंग ऑफिसर नहीं खोया था। इससे पहले साल 2015 में आखिरी बार आंतकी मुठभेड़ में कर्नल शहीद हुए थे। 2015 में कुपवाड़ा के हाजीनाका के जंगलों में आतंकियों से मुठभेड़ हुआ था, जिसमें 41 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष महाडिक शहीद हो गए थे। इसके बाद कर्नल संतोष महाडिक की पत्नी दो साल बाद 2017 में सेना में भर्ती हुईं और वो तब से लेकर निरंतर वो अपनी सेवाएं दे रही हैं।
सेना से रिटायर हो चुके लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ कहते हैं कि मुझे इन बहादुरों पर गर्व है और मैं इनकी कुर्बानी को सलाम करता हूँ। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे एक ओर इनके शहीद हो जाने का दुख है, तो वहीं दूसरी ओर इनकी बहादुरी पर फख्र है।
10 घंटे चले मुठभेड़ की पूरी कहानी
शनिवार को सेना को जानकारी मिली कि हंदवाड़ा के जंगली इलाकों में आतंकी छिपे हैं। इस सूचना के मिलते ही सेना ने तुरंत हंदवाड़ा इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया। इस सर्च ऑपरेशन में कोई सुराग नहीं मिल सका। इसके बाद दोपहर 3 बजे सेना को फिर से खबर मिली कि जंगली इलाकों में नहीं, बल्कि जंगल से दूर 3 किमी दूर छांजीमुल्लाह गांव के एक घर में कुछ आतंकी हैं। साथ ही उन्होंने कुछ लोगों को बंधक भी बनाया है।
सेना की टीम ने सबसे पहले बंधकों को छुड़वाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया। इस ऑपरेशन में टीम के कप्तान कमांडिंग ऑफिसर आशुतोष शर्मा थे। उनके साथ कुल 5 लोगों की टीम थी। ये सेना के जवान जब घर में गए तो आतंकवादी घात लगाकर पास में बने गाय के बाड़े में छिपे थे। सुरक्षाबलों की टीम ने घर में बने बंधकों को सुरक्षित छुड़ा लिया। इसके बाद आतंकियों ने सेना पर गोलीबारी शुरू कर दी और तभी सेना की जो टीम अंदर गई थी, उनसे बातचीत बंद हो गई। माना जा रहा है कि आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों से कम्यूनिकेशन डिवाइस ले लिया था।
मुठभेड़ जिस इलाके में चल रही थी, वहां रातभर भारी बारिश हुई थी। भारी बारिश के बीच आतंकवादियों से मुठभेड़ भी चलती रही। आज सुबह 7 बजे के करीब दोनों ओर से गोलीबारी रूकी। गोलीबारी रूकने के बाद सेना ने सर्च शुरू किया, तो पता चला कि सेना की कार्रवाई में दो आतंकी मारे गए हैं। और इस पूरे मुठभेड़ में कर्नल आशुतोष शर्मा समेत 5 जवान शहीद हो गए, जिनके नाम निम्नलिखित हैं-
- कर्नल आशुतोष शर्मा, 21 राष्ट्रीय राइफल्स, 19 गार्ड्स
- मेजर अनुज सूद, 21 राष्ट्रीय राइफल्स, 19 गार्ड्स
- नायक राजेश, 21 राष्ट्रीय राइफल्स, 3 गार्ड्स
- लांस नायक दिनेश, 21 राष्ट्रीय राइफल्स, 17 गार्ड्स
- सब इंस्पेक्टर शकील काजी, जम्मू कश्मीर पुलिस
2020 में अब तक 62 आतंकी मारे गए
2020 में जनवरी से लेकर अब तक जम्मू कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में सेना से हुए मुठभेड़ में 62 आतंकियों को मार गिराया जा चुका है।