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कांग्रेस MLA ने की अनोखी मांग, कहा- ‘खोल दें शराब की दुकान, गले में ही मर जाएगा कोरोना वायरस

विधायक ने राजस्थान सरकार से यह भी कहा है शराब की बिक्री बंद होने से शराब पीने वालों के स्वास्थ्य को भी भारी खतरा है।

कोरोना महामारी संकट देश में लगातार गहराता ही जा रहा है। कोविड मरीजों की संख्या में कहीं कोई कमी नजर नहीं आ रही है, जिसकी वजह से सबकी चिंता बढ़ती ही जा रही है। भारत में संक्रमितों की संख्या 35 हजार के पार हो चुकी है। इतना ही नहीं, कोरोना ने देश के लगभग हर हिस्से में अपने कदम जमा लिए हैं और लगातार विभिन्न राज्यों से कोरोना के केसेस सामने आ रहे हैं। एक तरफ जहां पूरा देश करोना संकट से लड़ रहा है, तो वही दूसरी तरफ राजस्थान से एक खबर सामने आ रही है कि कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने शराब की दुकानों को खोलने का सुझाव दिया है। कांग्रेस विधायक द्वारा लिखा यह पत्र अब चर्चा का विषय बन चुका है।

पत्र में विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने जो दलील दी है, वह काफी दिलचस्प है। मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में विधायक कहते हैं कि कोरोना जैसे खतरनाक वायरस को अल्कोहल से खत्म किया जा सकता है, तो इसे पीने से निश्चित रूप से गले में मौजूद कोरोना वायरस को हटाया जा सकेगा।

राजस्थान में खुलें शराब की दुकानें- कांग्रेस विधायक

विधायक ने मुख्यमंत्री को यह पत्र 30 अप्रैल को लिखा था, जिसमें उन्होंने तरह तरह के तर्क दिए थे। भरत सिंह ने वायरस को गले से हटाने के अलावा राजस्व मिलने का भी तर्क अपने पत्र में दिया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि कोविड19 महामारी के कारण हुए लॉकडाउन में सभी शराब की दुकानें बंद हैं। वे लिखते हैं कि शराब बदनाम है, इसलिए केंद्र सरकार की ओर से इसकी बिक्री की छूट राजस्थान में कभी नहीं मिलेगी। विधायक ने कहा कि शराब की बिक्री बंद होने से राज्य में शराब का अवैध धंधा पनप रहा है। अवैध धंधा के कारण राज्य सरकार को राजस्व में भारी नुकसान हो रहा है, तो दूसरी तरफ शराब पीने वालों के स्वास्थ्य को भी भारी खतरा है।

शराब पीने से नहीं होगा कोरोना वायरस?

इसके अलावा विधायक भरत सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि राजस्थान सरकार ने वर्ष 2020-21 में शराब से साढ़े 12 हजार करोड़ रूपए राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन अब कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के चलते यह लक्ष्य भी पूरा नहीं होगा और इससे राज्य को भविष्य में नुकसान उठाना पड़ सकता है। विधायक का कहना है कि सरकार ने इन्हीं सभी कारणों से एक्साइज ड्यूटी भी बढ़ा दी है। ऐसे में, सबसे अच्छा तो यही है कि राज्य में शराब की दुकानें खोल दी जाएं। शराब की बिक्री शुरू होने से शराब पीने वालों को शराब मिलेगी और सरकार को राजस्व। उनके पत्र की सबसे दिलचस्प लाइन ये है कि एल्कोहल पीने से गले में मौजूद कोरोना वायरस को निश्चित रूप से हटाया जा सकेगा।

राजस्थान में कोविड मरीजों की संख्या की बात की जाए तो, यहां 2500 से अधिक मरीज हैं और सबसे ज्यादा मरीज जयपुर से हैं। जयपुर में 500 से अधिक कोरोना के मामले हैं। राजस्थान का भीलवाड़ा पहले कोरोना का केंद्र बना हुआ था, जिसको लेकर माना जा रहा था कि ये चीन के वुहान शहर जैसा हो जाएगा, लेकिन प्रशासन ने सख्ती से कार्रवाई की और भीलवाड़ा को कोरोना केंद्र बनने से बचा लिया।

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