कोटा में फंसे बच्चे घर आकर बोले- जिसका कोई नहीं होता, उसका योगीजी हैं, वे घर के मुखिया जैसे हैं
दोस्तों ने कहा की काश! योगी जैसा सुपरहीरो हमारे राज्य में भी होता तो हम यहां अकेले नहीं पड़े होते
लॉकडाउन की वजह से कई लोग अपने घर से दूर अंजान शहर में फंसे हुए हैं. इनमे डॉक्टर और इंजिनियर बनने के लिए कोटा में कोचिंग कर रहे यूपी के बच्चे भी शामिल थे. लॉकडाउन के माहोल में बच्चे कोटा में बहुत दिक्कतों का सामना कर रहे थे. इन बच्चों के साथ माता पिता को भी इनकी चिंता खाई जा रही थी. इस बीच योगी सरकार ने कोटा में फंसे बच्चों को अपने राज्य वापस लाकर इन सभी की चिंता मिटा दी. जब ये बच्चे घर आए तो योगी सरकार से बहुत प्रभावित हुए और उनकी तारीफों के पूल बाँध दिए. तो चलिए देखे इन बच्चों ने यूपी की योगी सरकार के लिए क्या कहा.
योगी सरकार को हैं चिंता
कोटा में नीट की तैयारी कर रही निशि ने अपने वाराणसी स्थित घर आने के बाद कहा ‘हम कोटा में लॉकडाउन खुलने के भरोसे ही बैठे थे. हमे उम्मीद नहीं थी कि इसके पहले घर जाने को मिलेगा. लेकिन जब योगी सरकार के फैसले के बारे में सूना तो ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई अपना हैं, जो इस मुश्किल घड़ी में आपकी परवाह कर रहा हैं. इतने बीजी होने के बावजूद वे हमारे बारे में सोच रहे हैं. योगीजी पुरे राज्य की आवाम को बिना किसी भेदबाव के अपनी फैमिली मानते हैं.’
हम अकेले नहीं, कोई पूछने वाला है
कोटा में IIT-JE की तैयारी कर रहे गोंडा निवासी मोहम्मद शाहिद कहते हैं ‘कोटा में हमें ठीक से खाना पानी नहीं मिल रहा था. साथ ही और कई तरह की दिक्कतें हो रही थी. पढ़ाई में भी मन नहीं लग रहा था. जब योगीजी ने हमें वापस बुलाया तो ऐसा लगा मानो हम अकेले नहीं हैं. हमें भी कोई पूछने वाला हैं.’
जिसका कोई नहीं, उसका योगीजी
कोटा में बैंक पीओ की तैयारी कर रहे कानपुर निवासी सौरभ शुक्ल अपना अनुभव शेयर करते हुए कहते हैं ‘हम तो उम्मीद ही छोड़ बैठे थे. घर की बहुत याद आती थी. जब पता लगा कि सीएम योगीजी हमें घर बुलाने की तैयारी कर रहे है तो ख़ुशी सांतवे आसमान पर थी. शब्दों में उनका धन्यवाद नहीं किया जा सकता. मेरी तो आँखें भर आई. उस समय दिल से यही आवाज़ निकली कि जिसका कोई नहीं होता, उसका ऊपर वाला होता हैं. योगीजी हमारे लिए ऐसे ही हैं.’
काश! योगी जैसा सुपरहीरो बिहार में भी होता
सौरभ बताते हैं कि ‘हम लगातार टिकट बुक करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन लॉकडाउन बढ़ते जा रहा था. आशा की कोई किरण नहीं दिख रही थी. फिर अचानक जब पता चला कि योगीजी हमें घर बुलाने का इंतजाम कर रहे हैं तो बिहार का रहने वाला एक दोस्त कहने लगा काश! योगी आदित्यनाथ जैसा सुपरहीरो हमारे राज्य में भी होता. फिर हमने उससे कहा कि भाई योगीजी तो एक ही हैं, जो हमारे पास हैं.’
फैमिली मेंबर जैसे हैं योगीजी
नीट की तैयारी कर रही मुरादाबाद निवासी मानसी सिंह कहती हैं ‘जब कोटा में कोरोना के मामले बढ़ने लगे तो मन में डर भरा गया. हमने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया. डर लगता था कि यहाँ हमें कुछ हो गया तो फैमिली भी नहीं हैं. फिर जब मेरे पापा का कॉल आया और पता लगा कि योगीजी हमें घर बुलाने के लिए बस भेज रहे हैं तो बहुत ख़ुशी हुई. वो दिन हम कभी नहीं भूल सकते. योगीजी ने इस सिचुएशन में जैसे फैसला लिया उसे देख यही महसूस होता हैं कि वे हमारे घर के सदस्य की तरह हैं, परिवार के मुखिया हैं.’