CAA प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में दंगा कराने के लिए मिडिल ईस्ट से हुई थी फंडिंग – दिल्ली पुलिस
देशभर में नागरिकता संसोधन कानून को लेकर प्रदर्शन हुआ था जिसमें सबसे ज्यादा हिंसा दिल्ली में भड़की थी
कोरोना कहर के बीच जामिया मिलया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और दिल्ली के दूसरे क्षेत्रों में हुए सीएए के विरोध प्रदर्शन को लेकर नया खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस ने लोकल कोर्ट को बताया कि जामिया यूनिवर्सिटी और दिल्ली की बाकी जगहों पर सीएए के विरोध प्रदर्शन में जो फंड इस्तेमाल हुआ था वो मीडिल ईस्ट से आया था। पटियाला हाउस कोर्ट ने इसके बाद जामिया के पूर्व राष्ट्रपति शिफा उर रहमान जिन्हें रविवार को गिरफ्तार किया गया था, 10 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया।
मिडिल ईस्ट से हुई फंडिंग
शिफा उर रहमान की कस्टडी की मांग करते हुए दिल्ली पुलिस ने इस बात का खुलासा किया। पुलिस का कहना है कि गवाहों से पूछताछ के बाद इसका खुलासा हुआ है कि आरोपी शिफा उर रहमान को मिडिल ईस्ट देश के जामिया मिलिया इस्लामिया के पूर्व छात्र संघ के सदस्यों से फंड मिला था और प्रदर्शन की जगह पर वो मौजूद था। बता दें की दिल्ली और देश की बाकी जगहों पर नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हुआ था जो बाद में काफी हिंसक हो गया था।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि पॉपुलर फ्रंट ऑफि इंडिया के तीन सदस्यों समेत, इशरत जहां, खालिद सैफी, मीरान हैदर, सफोरा जरगार, गुलफिसा, ताहिर हुसैन से पूछताछ के दौरान शिफा उर रहमान का नाम कई बार सामने आया। गौरतलब है कि यूपी में नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ हुई हिंसा में PFI यानि कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के संगठन का हाथ होने के सबूत मिले थे।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि शिफा उर रहमान का नाम सीए, एनआरपी और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने और हिंसा भड़काने की साजिश के तहत शामिल पाया गया है। उसकी नफरत भरे भाषण के कारण दिल्ली के कई इलाकों में 20 फरवरी को बहुत ही बुरे तरह से दंगे भड़के थे। इसमें जामिया नगर, शाहीन बाग, सीलमपुर, खुरैजी, इंद्रलोक और हौज रानी जैसी जगहें शामिल हैं।
शिफा उल रहमान से पूछताछ जारी
पुलिस के मुताबिक एएजेएमआई के सदस्य अरीब और बद्रे आलाम के साथ जामिया कोर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों के साथ शिफा फर रहमान जिन जगहों पर प्रोटेस्ट हो रहे थे वहां पहुंचा था। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को ये भी बताया है कि जांच के दौरान कुछ और संदिग्धों के नाम भी सामने आ रहे हैं और आरोपी से तब तक सवाल पूछने होगा जब तक सभी संदिग्धों के नाम सामने नहीं आ जाते।
आगे पुलिस ने बताया कि दिल्ली में दंगा कराने और हिंसा भड़काने के लिए बहुत ज्यादा फंड भेजा और इस्तेमाल किया गया था। साथ ही पुलिस ने कहा कि रहमान की अभी पूछताछ करना बहुत जरुरी है ताकी वो विशाल तकनीकी डेटा और जांच के दौरान सबूतों का सच बता सकें।
गौरतलब है कि देशभर में नागरिकता संसोधन कानून को लेकर प्रदर्शन हो रहा था, लेकिन दिल्ली में हालात ज्यादा बिगड़ गए थे। यहां पर बिल के समर्थन औऱ खिलाफ दोनो तरह के प्रदर्शन हो रहे थे जो एक समय के बाद आपस में ही भिड़ गए थे। इस हिंसा में करीब 53 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। वहीं दिल्ली के कुछ इलाकों में जबरदस्त तबाही मची थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल दंगों के पीछे बड़ी साजिश की आशंका जता रही है।