बाराती-घराती सब हो गए घर में कैद, दुल्हा अकेला गाड़ी से गया और दुल्हन ले आया
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन चल रहा हैं. पहले ये लॉकडाउन 14 अप्रैल तक था लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया. अब 3 मई के बाद क्या होगा इसे लेकर भी अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हैं. यदि लॉकडाउन हटता भी हैं तो यक़ीनन भीड़ भाड़ वाले इलाकों और कार्यक्रमों में सख्ती ही दिखाई जाएगी. यही वजह हैं कि कई जोड़े लॉकडाउन के ख़त्म होने का इंतज़ार करने की बजाए सिंपल तरीके से ही शादी कर रहे हैं. लॉकडाउन के इस माहोल में जितनी भी शादियाँ हो रही हैं उसमे बहुत कम लोग ही शामिल हो पाते हैं. शादी करने के पहले भी अपने एरिया के एसडीएम से परमिशन लेनी पड़ती हैं.
26 अप्रैल रविवार को आखातीज की लगन होने के कारण सैकड़ों शादियाँ होने वाली थी लेकिन लॉकडाउन ने सबकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. राजस्थान के जोधपुर में रहने वाले डेंटिस्ट डॉ. तरुण सिहाग (32 वर्ष) के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. शास्त्री नगर हनवंत स्कूल के नजदीक रहने वाले चंद्रशेखर सिहाग और विमला सिहाग के पुत्र तरुण की 26 अप्रैल को डॉ. गीता चौधरी नाम की लड़की से शादी होना थी. गीता बोरानाडा रीको रेजिडेंशियल कॉलोनी में रहने वाले दीपाराम चौधरी और शांति देवी की बेटी हैं.
गीता और तरुण का रिश्ता तीन महीने पहले तय हो गया था. इन लोगो ने अपनी शादी बड़ी धूमधाम से करने का मन बनाया था. इसके लिए शहर का चौपासनी गार्डन बुक किया गया था. साथ ही हलवाई और बैंड-बाजे वालो की बुकिंग भी हो गई थी. उधर इन लोगो ने शादी के लिए कपड़े और ज्वैलरी की खरीदारी भी कर ली थी. शादी के कार्ड भी प्रिंट कराने के लिए भेज दिए थे लेकिन फिर बीच में लॉकडाउन फंस गया और सारी तैयारियां धरी की धरी रही गई.
दूल्हे डॉ. तरुण सिहाग के घरवालों ने कहा कि लॉकडाउन का भरोसा नहीं और कब तक रहेगा इसलिए अभी ही कम लोगो में शादी कर लेते हैं. इसके बाद शहर के एसडीएम से शादी की परमिशन मांगी गई तो उन्होंने सिर्फ 5 लोगो की मौजूदगी में ही शादी करने की शर्त रखी. तरुण और उनके घर वाले इसके लिए राजी हो गए. फिर दुल्हा तरुण पेंट – शर्ट और साफा पहन अकेला ही कार चला दुल्हन गीता के घर पहुंचा. यहाँ गीता और उनके माता पिता ने ही शादी की सभी रस्में करवाई. इस दौरान श्रवण गौड़ नाम के एक पंडितजी भी मौजूद थे जिन्होंने दूल्हा दुल्हन के लिए वैदिक मंत्र पढ़े. शादी की रस्में होते ही दुल्हा अकेला ही दुल्हन को अपनी कार में बैठा घर ले गया. यहाँ दुल्हे के माता पिता ने अपनी नई बहू का अच्छे से विधिवत स्वागत किया.
लॉकडाउन के इस माहोल में ऐसी ही और कई शादी की तस्वीरें और विडियोज देखने को मिल रहे हैं. बहुत से लोग लॉकडाउन की वजह से अपनी शादी की तारीख आगे भी बड़ा रहे हैं जबकि कई जैसे तैसे कम संसाधनों और कम लोगो के बीच ही ब्याह रचा रहे हैं.
वैसे यदि आप इस सिचुएशन में होते तो या करते? लॉकडाउन में ही सिंपल शादी कर लेते या बाद में धूमधाम से ब्याह रचाते?